रायगढ़। बिजली बिल हाफ योजना बंद कर गरीब मध्यम वर्गीय परिवार को बोझ तले प्रदेश की सुशासन वाली सरकार ने दबा दिया है। प्रदेश की सुशासन सरकार के जन विरोधी फैसलों की मार से त्रस्त प्रदेश वासियों को बिजली बिल के रूप में जोर का झटका लग रहा है। इस बार विष्णु सरकार ने घरेलू उपयोग की बिजली दरों में वृद्धि के साथ ही पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा दी गई बिजली बिल में मिल रही छूट की सुविधा को खत्म करके लाखों उपभोक्ताओं को खून के आंसू रोने पर मजबूर कर दिया है। छत्तीसगढ़ देश का एक ऐसा राज्य है जहां बिजली सरप्लस में बनाती है लगभग 5 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है और दिल्ली, तेलंगाना, कर्नाटका, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश समेत कई राज्यों को बिजली बेची जाती है ये प्रदेश छत्तीसगढ़ से बिजली खरीदकर भी छत्तीसगढ़ से कम दर पर प्रदेश में बिजली आपूर्ति करती है। इधर छत्तीसगढ़ वासी विद्युत उत्पादन से होने वाली प्रमुख फ्लाई ऐश के साथ कोयला परिवहन के काले डस्ट धूल गुबार का जहर सेवन करे प्रदेश की जनता, इतना ही नहीं कई तरह की गंभीर बीमारियों की शिकार बने छत्तीसगढ़ की ही जानता और साथ महंगी बिजली बिल के बोझ तले भी दबे छत्तीसगढ़ की जनता। एक ओर महतारी वंदन योजना का चुनावी वायदा आधे अधूरे ढंग से लागू करके अपनी पीठ खुद ही ठोक कर दूसरे दस हाथों से भारी भरकम बिजली बिल से वापस वसूलने का कुत्सित प्रयास विष्णु सरकार द्वारा किया जा रहा है।
उपभोक्ता से उत्पादक बनने की लोक लुभावन सपना
राज्य सरकार ने अपने फैसले के ठीक बाद एकदम से सूर्यघर योजना को बढ़ावा देने के लिए व्यापक रूप से प्रचार प्रसार का ढिंढोरा पीटना शुरू कर दिया जिसमें लोगों को उपभोक्ता से उत्पादक बनने की लोक लुभावन सपने दिखा रही है। सूर्य घर योजना का लाभ रोजी मजदूरी करने वाला, एक मध्यम वर्गीय परिवार जो हर रोज अपने परिवार के लालन पालन के लिए जूझता रहता है वह इसका खर्च किस तरह वहन कर पाएगा, इसके अलावा बड़े शहरों में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स और अपार्टमेंट में रहने वाले लोग सोलर पैनल कहां लगवाएंगे? सूर्य घर योजना की शुरुवात सरकारी संस्थाओं से करे। सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की ही बात करें तो सरकार इसकी शुरुआत अपनी स्तर से क्यों नहीं करती? विधान सभा भवन, मंत्रालय, मंत्रियों के सरकारी और व्यक्तिगत आवास, सभी शासकीय मुख्यालय, जिला मुख्यालय, प्रदेश के संभाग, जिला, तहसील, ब्लॉक, ग्राम पंचायत भवन, समस्त शासकीय स्कूल इत्यादि में सबसे पहले सौर ऊर्जा संयंत्र अनिवार्य रूप से स्थापित करना चाहिए जिससे आम जनता को प्रेरणा मिले।आज जबकि हमारे राज्य की बिजली की खपत राज्य के कुल विद्युत उत्पादन का लगभग 25त्न है और यदि सरकार उपरोक्त सभी जगहों पर सौर ऊर्जा संयत्र स्थापित कर ले तो प्रदेश की कुल बिजली खपत आधे से भी कम यानि 12 – 13 त्न हो जाएगी और अति शेष विद्युत को अन्य राज्यों में विक्रय से राज्य का राजस्व भी बढ़ेगा।
एक आम आदमी को चाहिए सुविधाएं
एक आम आदमी को जो किसी तरह इस ताबड़ तोड़ महंगाई के दौर में परिवार चलाना मुश्किल है। मंहगी शिक्षा, स्वास्थ्य के आगे वैसे ही घुटने टेक रखा है वहीं प्रदेश की विष्णु सुशासन वाली सरकार के द्वारा कांग्रेस कार्यकाल की बिजली बिल छूट योजना को समाप्त कर सूर्य घर योजना की लोकलुभावन सपना दिखाने में जुटी है जबकि इसका लाभ प्राप्त करने एक आम आदमी इसके खर्च को वहन करने में अक्षम है। सस्ती सुविधा के नाम पर आम आदमी पर ठिकरा। कांग्रेस शासन कार्यकाल में बिजली बिल हाफ योजना को बंद कर महंगी बिजली का बोझ आम परिवार पर डाल दिया गया। निम्न आय वर्ग के लोग जिनको अभी ही बढ़े हुए बिल चुकाने में घर का बजट बिगड़ गया है, वो सोलर पैनल लगाने की योजना के अनुसार शुरूआत में जमा करने के लिए पैसे कहां से लाएंगे और सबसिडी के बाद बचे पैसे की किश्तें कहां से चुकाएंगे? अपनी आदत से मजबूर सरकार ने सारा ठीकरा मासूम जनता के सर पर ही फोड़ दिया।
सूर्य घर योजना का लाभ खरीददार प्रदेश को अधिक
यहां यह बताना लाजिमी होगा की हमारा प्रदेश बिजली उत्पादन में सरप्लस में है। प्रदेश में बिजली खपत से कई गुना अधिक बिजली उत्पादन होता है। और यही सरप्लस बिजली दीगर प्रदेशों में बेचा जाता है। इसलिए जरूरत है की सूर्य घर योजना को उन प्रदेशों में उनकी सरकारें लागू करवाए इसकी जरूरत छत्तीसगढ़ को नहीं है। छत्तीसगढ के संसाधनों के दोहन से बिजली का उत्पादन हो रहा है छत्तीसगढ़ के लोग इसके प्रदूषण की भी मार झेल रहे हैं इसलिए प्रदेश की जनता को सस्ती बिजली की जरूरत है।
विष्णु की सुशासन सरकार ने बिजली बिल छूट योजना को खत्म कर प्रदेश वासियों को दिया बड़ा झटका : सलीम नियरिया
सूर्यघर योजना आम उपभोक्ता के लिए कोसो दूर उपभोक्ता से उत्पादक बनने का सपना महज लोक लुभावन, बिजली उत्पादन में सरप्लस बावजूद इसके महंगी बिजली की जनता पर दोहरी मार
