रायगढ़। 24 साल की कलेक्ट्री छोड़ कर राजनीति में आने वाले भाजपा प्रत्याशी ओपी चौधरी ने अधिवक्ताओं से आज सौजन्य मुलाकात करते हुए कहा की मैं राजनीति के जरिए आम आदमी की सेवा करना चाहता हूं। विधानसभा चुनाव हेतु रायगढ़ से भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद ओपी पहली बार अधिवक्ताओं से मुलाकात करने न्यायालय पहुंचे। ओपी ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं के पैर छुए एवम युवा अधिवक्ताओं से गले लग कर आशीर्वाद मांगा। प्रदेश यूथ आइकॉन ओपी चौधरी ने अधिवक्ताओं से अपने विद्यार्थी जीवन के सफर से लेकर आई.ए.एस. बनने के बाद राजनीति में आने का मकसद साझा किया।अधिवक्ताओं ने ओपी चौधरी के समक्ष अधिवक्ता प्रोटेक्षन एक्ट बिल को भारतीय जनता पार्टी की ओर से मेनफैस्टो में शामिल किए जाने की मांग रखी। जिस पर ओपी ने आश्वस्त करते हुए कहा यह मांग संज्ञान में आई है। घोषणा पत्र समिति के समक्ष इस मांग को रखा भी गया है। इसके लिए विशेष प्रयास किए जाने की बात भी उन्होंने कही। श्री चौधरी ने अधिवक्ताओं को समाज का महत्वपूर्ण वर्ग बताते हुए कहा अधिवक्ता गण समाज की दशा दिशा तय करते है।अधिवक्ताओं द्वारा कही गई बातो का समाज अनुशरण करता है। ओपी ने बताया उनका जीवन बहुत संघर्षों में पला बढ़ा। साढ़े सात साल की उम्र में पिता का निधन हुआ चौथी क्लास तक पढ़ी मां का साथ था। गांव के सरकारी स्कूल में 12 वीं तक पढ़ा जहां हिन्दी, फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ के शिक्षक नही थे। ऐसी विषम परिस्थिति में 11 साल की उम्र में मां के साथ पेंशन नही मिलने की शिकायत करने आया तब रायगढ़ के तात्कालिक कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को फ़टकार लगाते हुए पेंशन देने का निर्देश दिया। कलेक्टर के निर्देश पर कार्य हो गया तब मैंने कलेक्टर बनने का निर्णय लिया। इसी प्रांगण से कलेक्टर बनने का सपना देखते हुए मैं आगे बढ़ता गया और भारत में वन ऑफ द यंगेस्ट आईएएस एवम छत्तीसगढ़ का पहला आईएएस बना। 13 साल के प्रशासनिक जीवन से जुड़े संस्मरण भी साझा किए। रायगढ़ निवासी होने की वजह से यहां सेवा का अवसर नहीं मिला।पड़ोसी जिला जांजगीर में सीईओ जिला पंचायत रहा। नक्सल क्षेत्र दंतेवाड़ा का कलेक्टर बनने का निर्णय मैने स्वय लिया।सरगुजा में जिला पंचायत सीईओ, बेमेतरा में एसडीएम राजधानी रायपुर के नगर निगम में 2 साल कमिश्नर एवम 3 साल कलेक्टर रहा।