रायपुर। छत्तीसगढ़ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत एनआरएलएम (बिहान) की सीआरपी/सक्रिय महिलाओं ने शनिवार 20 सितंबर को राजधानी रायपुर के तूता में राज्य स्तरीय धरना प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में प्रदेश के 12 जिलों से करीब 2000 महिलाएं शामिल हुईं। उन्होंने एकजुट होकर जुलूस निकाला और अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री, मुख्य सचिव, पंचायत सचिव और बिहान संचालक के नाम ज्ञापन सौंपा। महिलाओं ने आरोप लगाया कि मात्र 1910 मासिक मानदेय पर उनसे लगातार सरकारी काम कराया जा रहा है। उन्होंने ज्ञापन में मांग की कि मानदेय को ‘न्यूनतम वेतन अधिनियम’ के अनुसार बढ़ाया जाए और समय पर सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाए।
इसके साथ ही लोकोस व्हीपीआरपी और लखपति दीदी के ऑनलाइन काम का भुगतान तत्काल करने, सभी कैडरों को मोबाइल उपलब्ध कराने, इंटरनेट खर्च, यात्रा भत्ता और दैनिक भत्ता देने की भी मांग की। धरना को संबोधित करते हुए प्रांतीय अध्यक्ष पदमा पाटिल ने कहा, प्रधानमंत्री ने लाल किले से एनआरएलएम की नारी शक्ति की सराहना की, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि सक्रिय महिलाओं से मुफ्त में काम कराया जा रहा है। 1910 में मोबाइल और इंटरनेट चार्ज भरना भी मुश्किल है। मानदेय महीनों तक रोका जाता है और बेमतलब कटौती भी की जाती है। उन्होंने कहा कि शासन ने लोकोस व्हीपीआरपी का पैसा जारी कर दिया है, फिर भी भुगतान महिलाओं तक नहीं पहुंचा है।
राज्य सलाहकार विश्वजीत हारोड़े ने भी मंच से कहा कि सक्रिय महिलाएं प्रतिदिन सरकारी कार्य कर रही हैं, इसलिए उन्हें कर्मचारी का दर्जा मिलना चाहिए। जब तक ऐसा नहीं होता, तब तक उन्हें इतना मानदेय जरूर मिले कि वे सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सकें। धरना स्थल पर 12 जिलों से आईं प्रतिनिधि महिलाओं ने भी अपनी समस्याएं साझा कीं और आंदोलन तेज करने का ऐलान किया। प्रदर्शन के दौरान महिलाएं ‘शोषण बंद करो, सम्मानजनक मानदेय दो’ जैसे नारे लगाती रहीं।
राजधानी में बिहान की महिलाओं का प्रदर्शन
सरकार से मांगा हक :12 जिलों से 2 हजार महिलाएं पहुंचीं धरनास्थल
