सारंगढ। कलेक्टर डॉ.संजय कन्नौजे के निर्देशन में जिला के मुख्य चिकित्सा, स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एफआर निराला ने विकासखंड बिलाईगढ़ के स्वामी आत्मा नंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय बिलाईगढ़ एवं पवनी में विकासखण्ड एवं जिला के चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम स्वास्थ्य पे चर्चा – परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में स्कूल के प्रिंसिपल श्री सहसराम सात्रे ने अतिथियों का परिचय कराया जिला के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एफआर. निराला ने स्वा. जागरूकता के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि स्कूल के बच्चों में रक्त अल्पता मतलब खून की कमी होने की सर्वे रिपोर्ट है। वहीं बिलाईगढ़ विकासखण्ड के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। बारिश के कारण मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी, बुखार उल्टी – दस्त खुजली और घाव आदि की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क हो गया है।इसी कड़ी में सारंगढ जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी की उपस्थिति में विद्यालय के सभी छात्र, छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। शिविर में बच्चों के लक्षणों पर तुरंत दवा वितरण भी किया गया। शादी के समय सिकलसेल रिपोर्ट का मिलान जरुरी इस कारण शासन के आदेश अनुसार 0 से 40 वर्ष तक के सभी लोगों की सिकलसेल की जांच अभियान जारी है।जिसमें आगे चलकर इनकी उपचार का प्रबंध हो सके वहीं दुसरी ओर शादी के समय काउंसलिंग कर सिकलसेल की बीमारी को पीढी दर पीढ़ी होने से बचाया जा सकता है। शादी के समय कुंडली मिलान के अलावा सीकलसेल की जांच रिपोर्ट की भी मिलान करने की रिवाज को बढ़ावा दिए जाने की ज़रूरत है। इसमें समाज प्रमुखों की भी भूमिका अहम है। उपस्थित बच्चों शिक्षक व ग्रामवासी का सिकलिन, शुगर, बीपी, एचबी, एनीमिया आदि स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
छग के छोटे बच्चों में कृमि के कारण एनीमिया होना आम बात है छोटे बच्चे आम तौर पर घर के आंगन में नंगे पैर खेलते है। जिन्हें कृमि होने की प्रबल संभावने बढ़ती है ऐसे कृमि को नग्न आंखों से नही देखी जा सकती पैर के तलवे से प्रवेश करता है। कुछ कृमि भोज्य पदार्थ के माध्य्म से शरीर मे प्रवेश करता है अंतडिय़ों में निवास करता है अंतडिय़ों में अपनी आकार व संख्या बढ़ाता है। कृमि अंतड़ी में जीवित रहने के लिए बच्चों के द्वारा ग्रहण की गई पोषक पदार्थ को चुस्ता है। जिसमे खून भी शामिल है लगातार चूसते रहने के कारण बच्चे कमजोर हो जाते है। यही कारण है कि – बच्चे को खून की कमी होती है। खून की कमी होने के कारण बच्चे की शारीरिक विकास, मानसिक विकास अवरुद्ध होता है।बच्चो में सीखने की क्षमता कम होती है। बच्चे का आई क्यू भी कम होता है ऐसे बच्चों को चक्कर आना जल्दी थक जाना पढ़ाई में मन न लगना पढऩे से याद न होना आदि परेशानी होती है।ऐसे परेशानी को दूर करने के लिए शासन द्वारा वर्ष में दो बार अगस्त एवम फऱवरी में कृमि नाशक दवाई खिलाई जाती है। पिछले दो वर्षो से हमारे जिले के विकास खण्ड बरमकेला व सारंगढ में आई डी ए जिसमें इभरमेक्ट्रिन डी ई सी और एलबेंडाजोल की गोली एक साथ खिलाई गई। क्रीमी नाशक के साथ हाथी पाव की गोली भी खिलाई गयी थी इस वर्ष इन ब्लॉको के अलावा बिलाईगढ़ में भी आई डी ए कार्यक्रम फरवरी के महीने में चलाए जाएगी बच्चों के साथ अन्य को भी दवाई खिलाई जाएगी। बच्चो को आयुष्मान कार्ड के उपयोग समाज से टीबी एवं कुष्ठ उन्नमूलन करने के लिए एवं समाज में तम्बाकू निषेध के अभियान को विस्तार पूर्वक चर्चा की गयी। उपस्थित छात्र/छात्राओं को तम्बाकू का सेवन ना खुद करेंगे ना अपने जानने वालों को करने देंगे की संकल्प दिलवाया गया।
वही सभी बच्चो ने एक स्वर में यह संकल्प लिया।सी एम एच ओ ने विद्यार्थियों को तम्बाकू के दुष्प्रभावों से भी अवगत कराया।उन्होंने बताया कि फेफड़ों की कैंसर का मुख्य कारण तम्बाकू को ही माना जाता है।इसमें मौजूद केमिकल दिल की दर बढ़ाने और पूरे शरीर में रक्त वाहिकाओं को कसकर हृदय रोग या स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा देते हैं।मजबूत इच्छा शक्ति से इस बुरी आदत से बचा जा सकता है।वहीं स्वास्थ्य परीक्षण जांच में 41 छात्र छात्राओं की जांच की गई जिसमें दो बच्चों का खून की कमी पाई गई।वहीं जाँच शिविर में दस बच्चों की तत्काल आयुष्मान कार्ड बनाया गया। एनीमिया के बचाव निदान सीएमएचओ डॉ एफआर निराला ने आगे बताया कि – जिन जिन छात्र छात्राओं में एनीमिया खून की कमी पाई जाती है उन सभी बच्चों को जिनका उम्र 10 से 19 वर्ष के है, विप्स नीला रंग की गोली हफ्ते में एक बार प्रति मंगलवार को भोजन के बाद खिलाई जाय। इसकी जानकारी दी कार्यक्रम में इनकी रही उपस्थिति मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला-सारंगढ़ बिलाईगढ़ डॉ. एफआर. निराला, जिला सारंगढ बिलाईगढ़ के तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला नोडल शिक्षक संजीव राजेत्री,आर एच ओ हुलेस्वर चंद्रा, हेमलाल साहु, अभिषेक देवांगन, पी आर साहू नेत्र सहायक अधिकारी तोषन साहु, पुरूष पर्यवेक्षक आर के साहू, महिला पर्यवेक्षक अनिता सरजाल शिक्षिका श्रीमती भारती सोनी,सविता राठौर, गरिमा साहू,अजरानी भतपहरी, योगिता चंद्रा, शिक्षक भगवती चरण, निर्मल टन्डन, दुर्गेश कुमार, हीरेन्द्र लहरे, ललित बर्मन, दिपक पटेल, सेजेस पवनी के प्राचार्य ऐ के साहू व्यख्याता एम एल पटेल,बी एल डड़सेना, डी के साहू, जे के साहू, बी आर मिरी, संजीव राजेत्री, आर के टण्डन, श्रीमती ऐ टण्डन, श्रीमती यू जायसवाल, वि पी साहु राजेन्द्र निराला एवं समस्त स्कूली छात्र/छात्राएं सेजेस बिलाईगढ़ एवं पवनी के बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य पे चर्चा-परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित
पवनी में डॉ. एफ.आर. निराला ने स्वास्थ्य जागरूकता के बारे में दी जानकारी
