रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने 3 कृषि कारोबारियों के ठिकानों पर दबिश दी है। शंकर नगर स्थित खाद कारोबारी विनय गर्ग के घर छापा पड़ा है। फर्टिलाइजर से जुड़ा इनका कारोबार है। वहीं लॉ विस्टा कॉलोनी में दो कारोबारियों के घर जांच चल रही है। कृषि उपकरण और पेस्टिसाइड्स सप्लायर पवन पोद्दार और सतपाल छाबड़ा के घर अफसर दस्तावेज खंगाल रहे हैं। इसके अलावा दुर्ग-भिलाई और गरियाबंद में भी दबिश दी गई है। ईडी की कार्रवाई डीएमएफ घोटाले से जुड़ी है। इस पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि विपक्ष को डराने छापे मारे जा रहे हैं।
भिलाई-3 के वसुंधरा नगर और शांति नगर क्षेत्र में छापा पड़ा है। वसुंधरा नगर में अन्ना एग्रो टेक प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर और ठिकानों पर छापेमारी चल रही है। यह कंपनी कृषि उपकरणों की सप्लाई करने का काम करती है। यहां 6 से अधिक अधिकारी मौजूद हैं, जो कंपनी के वित्तीय लेन-देन और अन्य दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। वहीं, दूसरी टीम भिलाई के शांति नगर में चार्टर्ड अकाउंटेंट आदित्य दीनोदिया अग्रवाल के निवास पहुंची है। आदित्य अग्रवाल का ऑफिस रायपुर में है, लेकिन उनकी भिलाई स्थित कोठी पर ईडी की दो अधिकारियों की टीम पहुंची है। यहां परिजनों से पूछताछ की जा रही है और घर के अंदर मौजूद दस्तावेजों की जांच की जा रही है। गरियाबंद जिले के राजिम में उगम राज कोठारी के मकान और दुकान पर ईडी ने छापा मारा है। कारोबारी कृषि यंत्रों की सप्लाई का शासन से ठेका लेता है। अधिकारी सुबह दो इनोवा वाहन में कारोबारी के घर पहुंचे। घर और मकान को चारों तरफ से सील किया गया है। टीम दस्तावेज खंगाल रही है। ईडी के छापे पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के पास कोई काम नहीं है। कभी शराब, कभी कोल, कभी डीएमएफ और अब एग्रीकल्चर, आगे पीएचई पर जाएंगें। जांच करनी है तो 32 हजार जग खरीदी की जांच कर लो। बस्तर ओलिंपिक में 1400 का ट्रेकशूट 2500 में बेच रहे हैं, उसकी जांच कर लो।
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जारी की गई जानकारी के मुताबिक श्वष्ठ की रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्लू ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है। इस केस में यह तथ्य निकल कर सामने आया है कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितताएं की गईं है। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया। ईडी के तथ्यों के मुताबिक टेंडर करने वाले संजय शिंदे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, ऋ षभ सोनी और बिचौलिए मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल और शेखर नाम के लोगों के साथ मिलकर पैसे कमाए गए। डिस्ट्रिक मिनरल फंड (डीएमएफ) घोटाला मामले में कलेक्टर को 40 प्रतिशत, सीईओ 5 प्रतिशत, एसडीओ 3 प्रतिशत और सब इंजीनियर को 2 प्रतिशत कमीशन मिला। डीएमएफ के वर्क प्रोजेक्ट में करप्शन के लिए फंड खर्च के नियमों को बदला गया था।
फंड खर्च के नए प्रावधानों में मटेरियल सप्लाई, ट्रेनिंग, कृषि उपकरण, खेल सामग्री और मेडिकल उपकरणों की कैटेगरी को जोड़ा गया था, ताकि संशोधित नियमों के सहारे डीएमएफ के तहत जरूरी डेवलपमेंट वर्क को दरकिनार कर अधिकतम कमीशन वाले प्रोजेक्ट को अप्रूव किया जा सके। यह खुलासा कोरबा में 575 करोड़ रुपए से ज्यादा के हुए डीएमएफ स्कैम की जांच में हुआ है। इसकी पुष्टि रायपुर कोर्ट में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) द्वारा पेश किए गए 6 हजार पेज के चालान से हुई है।
ईडी की जांच से पता चला कि ठेकेदारों ने अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं को भारी मात्रा में कमीशन का भुगतान किया है, जो कि कांट्रैक्ट का 25 प्रतिशत से 40 प्रतिशत तक था। रिश्वत के लिए दी गई रकम की एंट्री विक्रेताओं ने आवासीय (अकोमोडेशन) के रूप में की थी। एंट्री करने वाले और उनके संरक्षकों की तलाशी में कई आपत्तिजनक विवरण, कई फर्जी स्वामित्व इकाई और भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ है। तलाशी अभियान के दौरान 76.50 लाख कैश बरामद किया गया। वहीं 8 बैंक खाते सीज किए। इनमें 35 लाख रुपए हैं। इसके अलावा फर्जी डमी फर्मों से संबंधित विभिन्न स्टाम्प, अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए गए हैं। मनी लॉन्ड्रिंग की बात सामने आने के बाद श्वष्ठ जांच कर रही है। ष्ठरूस्न वित्त पोषित एक ट्रस्ट है, जिसे छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में खनन से संबंधित परियोजनाओं और गतिविधियों से प्रभावित लोगों के लाभ के लिए काम करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। छत्तीसगढ़ में ष्ठरूस्न घोटाला केस में श्वष्ठ ने पूर्व में 23.79 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति कुर्क है। कुर्क की गई ये संपत्ति ष्ठरूस्न घोटाले में आरोपी निलंबित ढ्ढ्रस् रानू साहू, माया वॉरियर, मनोज कुमार द्विवेदी समेत 10 लोगों की है।
3 कृषि कारोबारी के ठिकानों पर ईडी ने मारा छापा
टीम ने तडक़े दी दबिश, दुर्ग-भिलाई और राजिम में भी एक्शन
