रायपुर। छत्तीसगढ़ में जल्द ही 5000 नए शिक्षकों की भर्ती की जाएगी, इसके लिए जल्द ही प्रक्रिया शुरू होने वाली है। सीएम विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में इसकी जानकारी दी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि सरकार शिक्षा को राष्ट्र निर्माण की बुनियाद मानती है। जब से मैंने शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभाली, उसी क्षण से मेरी प्राथमिकता रही कि विभाग को गहराई से समझते हुए उसमें सुधार की ठोस पहल की जाए। सबसे पहले एक गहन समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें यह पाया गया कि राज्य में शिक्षक और छात्रों का अनुपात राष्ट्रीय औसत से बेहतर होने के बावजूद वितरण असमान है। कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों की संख्या अधिक है, लेकिन शिक्षक अपेक्षाकृत कम हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में शिक्षक अधिक संख्या में पदस्थ हैं। इस असंतुलन को दूर करने हेतु राज्य में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया आरंभ की गई। इसके परिणामस्वरूप आज छत्तीसगढ़ का कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं है। इस प्रभाव का विस्तार इतना व्यापक रहा कि इरकभट्टी जैसे गांवों में वर्षों से बंद पड़े विद्यालय पुन: प्रारंभ हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अब भी शिक्षकों की आवश्यकता बनी हुई है, जिसे ध्यान में रखते हुए 5000 नए शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र आरंभ की जाएगी।
नई शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में लागू किया गया है, और राज्य में हमारी सरकार ने इसे तत्परता से अपनाया है। छत्तीसगढ़ में अब 18 स्थानीय भाषाओं और बोलियों में प्राथमिक शिक्षा प्रदान की जा रही है। इससे न केवल स्थानीय भाषाओं के संरक्षण को बल मिला है, बल्कि बच्चों की सीखने की क्षमता में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
133 करोड़ रुपये का बजट
मुख्यमंत्री ने बताया कि पीएम-श्री स्कूल योजना के अंतर्गत छात्रों को हाई-टेक सुविधाएं मिल रही हैं। विद्यालय भवनों के रखरखाव हेतु 133 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। साथ ही, छात्रावासों की स्थिति सुधारने के लिए भी ठोस कदम उठाए गए हैं।
सीएम साय ने कहा- 5 हजार शिक्षकों की जल्द होगी भर्ती
सीएम साय ने कहा- 5 हजार शिक्षकों की जल्द होगी भर्ती



