रायगढ़। पूर्व में जारी महाअष्टमी स्थानीय अवकाश को परिवर्तित कर ‘नुवाखाई’ (ऋ षि पंचमी) 28 अगस्त को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्थानीय अवकाश की घोषणा करने से कोलता समाज मे हर्ष का माहौल है। छग में कोलता समाज के लोग दुर्ग, रायपुर, महासमुंद, सारंगढ़, जशपुर, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, अम्बिकापुर, बलरामपुर, कोरिया जिलों में मुख्यत: निवास करते हैं, जिनका मुख्य पेशा खेती-किसानी है। नुआखाई भाद्रपद शुक्ल पंचमी के दिन मनाया जाता है। ‘नुआखाई’ का शाब्दिक अर्थ है ‘नया खाना’ (नुआ = नया, खाई = खाना)। खेतों में खड़ी नई फसल के स्वागत में यह मुख्य रूप से उडि़सा और छत्तीसगढ़ के किसानों और खेतिहर श्रमिकों द्वारा मनाया जाने वाला पारम्परिक त्यौहार है, लेकिन कोलता समाज के सभी वर्ग इसे उत्साह के साथ मनाते हैं। लोग ‘नुआखाई जुहार’ और ‘भेंटघाट’ के लिए एक-दूसरे के घर आते-जाते हैं। इस अवसर पर मां रामचंडी की पूजा-अर्चना कर परिवार के लोग एक साथ अपने बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर नया चावल अन्न को प्रसाद स्वरूप ग्रहण करते हैं। यह कृषि संस्कृति और ऋषि संस्कृति पर आधारित त्यौहार है। इसे अनादि काल से कोलता बंधु मनाते आ रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से विभिन्न माध्यमों से छत्तीसगढ़ निवासी कोलता बंधुओं द्वारा नुआखाई त्योहार को शासकीय अवकाश घोषित करने की मांग की जा रही थी। मुख्यमंत्री द्वारा ऋषि पंचमी दिवस को ‘नुवाखाई’ स्थानीय अवकाश घोषित करने पर छत्तीसगढ़ कोलता समाज के प्रांतीय अध्यक्ष लोचन प्रसाद सा द्वारा प्रदेश भर के सभी कोलता बंधुओं की ओर से मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से यह मांग भी की है कि सभी कोलता बाहुल्य जिलों महासमुंद, सारंगढ़, रायगढ़, जशपुर, अम्बिकापुर, कोरिया, प्रतापपुर आदि जिलों में भी यह घोषणा हो। कोलता समाज के मुख्य पर्व नुवाखाई त्योहार को शासकीय अवकाश घोषित करने पर मैं मुख्यमंत्री का आभारी व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ कोलता समाज की ओर से नुवाखाई पर्व की शुभकामनाएं भी दी गई है। इसी तरह जिला कोलता समाज के अध्यक्ष ललित साहा और युवा प्रकोष्ठ के प्रांताध्यक्ष विलिस गुप्ता ने भी नुवाखाई पर्व को मुख्यमंत्री द्वारा स्थानीय अवकाश घोषित करने पर धन्यवाद दिया है।
नुआखाई त्यौहार पर शासकीय अवकाश घोषित
कोलता समाज ने मुख्यमंत्री को कहा : धन्यवाद

By
lochan Gupta

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