रायपुर। पिछले दो साल से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों का आक्रोश आखिरकार इंद्रावती भवन में फूट पड़ा। ‘मोदी की गारंटी लागू करो’ के नारे लगाते हुए छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले संचालनय कर्मचारी संघ ने आज 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सांकेतिक हड़ताल का पहला चरण शुरू किया। फेडरेशन का कहना है कि, भाजपा सरकार ने मोदी की गारंटी के साथ सत्ता में आने के बाद कर्मचारियों से किए वादों की अब तक अनदेखी की है। फेडरेशन नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लेती, तो आंदोलन का दूसरा चरण अनिश्चितकालीन हड़ताल के रूप में शुरू किया जाएगा। कर्मचारियों ने महंगाई भत्ते में विसंगति दूर करने, पूर्व के डीए एरियर्स की राशि का समायोजन, अनियमित कर्मचारियों निका यमितीकरण, क्रमोन्नति और समयमान वेतनमान की समस्याएं व पुरानी पेंशन योजना की बहाली सहित कुल 11 मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने कहा कि, सरकार की अनदेखी और वादा पूरा नहीं करने के कारण कर्मचारी लगातार उपेक्षित महसूस कर रहे हैं, अब सिर्फ आश्वासन नहीं, हमें कार्यवाही चाहिए। सरकार जल्द से जल्द हमारी मांगों को लेकर निर्णय ले।