रायपुर। छत्तीसगढ़ के सभी गवर्नमेंट, प्राइवेट और डीम्ड मेडिकल कॉलेजों को अब फीस और स्टाइपेंड की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। ये निर्देश सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणियों और पिछले दिनों मेडिकल कॉलेजों में हुई सीबीआई की रेड के बाद नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने लिया है।
इस रेड के बाद कई प्राइवेट कॉलेजों में निर्धारित शुल्क अधिक पैसे वसूलने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद छात्रों के अभिभावकों को फीस के संबंध में स्पष्ट जानकारी। उन्हें आर्थिक शोषण से बचाने और सिस्टम में ट्रांसपेरेंसी लाने के लिए एनएमसी ने ये फैसला लिया है।
छात्रों के साथ धोखाधड़ी रोकने के लिए पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि, प्री काउंसलिंग के दौरान ही प्राइवेट और डीम्ड कॉलेजों को सभी तरह की फीस की डिटेल्स में जानकारी दें। ताकि छात्रों के साथ धोखाधड़ी रुक सके।
एनएमसी ने सभी कॉलेजों को अपनी साइट पर गूगल फॉर्म के जरिए विषयवार ट्यूशन फीस, हॉस्टल शुल्क, काशन डिपाजिट, इंटर्न जूनियर, और सीनियर रेजिडेंट्स को दी जाने वाली स्टाइपेंड कह जानकारी सार्वजनिक करने को कहा है। एनएमसी ने सभी कॉलेजों को सात दिन सभी तरह की फीस और दी जाने वाली स्टाइपेंड की जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। आदेश की अनदेखी करने पर मान्यता रद्द या जुर्माने की कार्रवाई की जा सकती है।
प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज सार्वजनिक करेंगे फीस
एनएमसी ने 7 दिन में ऑनलाइन जानकारी देने कहा, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बदलाव
