डोंगरगढ़। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां डोंगरगढ़ की पवित्र प्रज्ञागिरी पहाड़ी के पास आश्रम में शांति और साधना की आड़ में योग गुरु गांजे का व्यापार चला रहा था. पुलिस ने गांजे की पुडिय़ा, सेक्स टॉय और नशीले इंजेक्शन के साथ आरोपी योग गुरु को गिरफ्तार किया है. आरोपी का नाम तरुण अग्रवाल उर्फ सोनू है, जिसकी उम्र 45 साल है. आरोपी एक तपस्वी संत की तरह दिखता था, लेकिन हकीकत में यही बाबा आश्रम की आड़ में गांजे का व्यापार चला रहा था. विदेशियों से बने संबंधों के जरिए अवैध दवाइयों का नेटवर्क चलता था. यहां नशे के दलदल में स्थानीय युवाओं को धकेलने का धंधा चलाया जा रहा था. सोशल मीडिया पर ज्यादातर उनके विदेशी फालोअर्स भी हैं.
20 साल से गोवा में था तरुण
तरुण 20 साल तक गोवा में रहा। वहां उसने विदेशी पर्यटकों को योग सिखाने के नाम पर एक नेटवर्क बनाया था। डोंगरगढ़ में भी वह इसी तरह का मॉडल शुरू करना चाहता था। उसने यहां एक आश्रम बनाया और लोगों को बताया कि वह गोवा जैसा हेरिटेज योग सेंटर खोल रहा है। पूछताछ में आरोपी ने खुद को 100 देशों में घूम चुका अंतरराष्ट्रीय योगगुरु बताया। उसने 10 से अधिक एनजीओ का डायरेक्टर होने और विदेशी फंडिंग का दावा भी किया है। पुलिस अब इन एनजीओ, उसके पासपोर्ट, बैंक खातों और सोशल नेटवर्क की जांच कर रही है। आरोपी के पास अलग-अलग देश के योग के सर्टिफिकेट भी है। गोवा में भी तरुण की कई प्रॉपटी है। 2 साल पहले वह डोंगरगढ़ आया, यहां जमीन खरीदी और फॉर्म हाउस बनाकर साधु के भेष में रह रहा था, वे लोग फार्महाउस को आश्रम कहते थे।
योग सिखाने के नाम पर युवाओं को करता था टारगेट
पुलिस के मुताबिक, आश्रम में जब उसे हैवी नशा करने वाले लडक़े नहीं मिले तो वह गांजा रखने लगा। योग सिखाने के नाम युवाओं को निशाना बनाया। आश्रम में रोजाना रात में लडक़ों का जमघट रहता था। लंबे समय से पुलिस को शक था। कई बार रात में पेट्रोलिंग के दौरान भी युवकों को आते जाते देखा गया था। जिसके बाद पुलिस ने 24 जून को रेड मारी। फिलहाल आश्रम को सील कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि आरोपी आश्रम को सर्वसुविधायुक्त बना रहा था। अंदर बने रूम बाथरुम सब टाइल्स मार्बल लग गए थे।
विदेश से मंगाए गए बॉक्स भी मिले : एसडीओ
एसडीओ आशीष कुंजाम के मुताबिक, आरोपी के फार्महाउस से करीब फार्महाउस से कुछ वीडियो उपकरण और विदेश से मंगाए गए बॉक्स भी बरामद हुए हैं। साइबर सेल इनकी जांच कर रही है। आरोपी का परिवार डोंगरगढ़ का मूल निवासी है। शहर में सेठ परिवार के नाम से जाना जाता है। उनका आश्रम भी सेठ श्री बालकिशन प्रसाद अग्रवाल मेमोरियल फाउंडेशन के नाम से है। आरोपी ने डेढ़ साल पहले 6 करोड़ में इस आश्रम को खरीदा था। जो अब भी अंडर कंसट्रक्शन है। उनके बड़े भाई ठेकेदारी का करते है जो अग्रवाल समाज के अध्यक्ष भी रह चुके है। पिता का बहुत पहले देहांत हो चुका है। एक मंझले भाई की फॉर्चून की दुकान है। वर्तमान में आरोपी तरुण कथित गुरु के नाम से प्रचलित है।
गोवा में चलाता था हेरिटेज योग सेंटर
योगगुरु ने पुलिस को बताया कि वह डोंगरगढ़ का स्थायी निवासी है. वह विगत 10 वर्षों से गोवा में एक योगाश्रम चला रहा था, जहां वह विदेशी पर्यटकों को योग और ध्यान की शिक्षा देता था. अब वह गोवा की तर्ज पर डोंगरगढ़ के प्रज्ञागिरी क्षेत्र में एक नया फार्महाउस योगाश्रम तैयार कर रहा था. गोवा में उसने विदेशी पर्यटकों को योग सिखाने के नाम पर एक खास किस्म का नेटवर्क खड़ा किया. विदेशी महिलाएं, रिट्रीट पैकेज, मेडिटेशन कैंप सब कुछ पैक और पॉलिश, लेकिन इन सबके पीछे था गहरा पाखंड. यही मॉडल अब वो डोंगरगढ़ में उतारना चाहता था. वापसी के बाद उसने प्रज्ञागिरी की पहाड़ी के पास एक आश्रम बनाया और लोगों को बताया कि वह गोवा जैसा हेरिटेज योग सेंटर खोल रहा है, जिसमें ध्यान, साधना, आत्मबोध और योग सिखाया जाएगा, लेकिन पुलिस को उसकी हरकतों पर पहले से शक था इसलिए पुलिस ने फार्महाउस पर दबिश दी.
सोशल नेटवर्क्स की जांच कर रही पुलिस
डोंगरगढ़ एसडीओ आशीष कुंजाम ने बताया, तलाशी में फार्महाउस के बरामदे में रखे दीवान से 1.993 किलो गांजा बरामद हुआ. इसके अलावा वहां से सेक्स टॉय, नशीली गोलियां, इंजेक्शन और कई आपत्तिजनक सामग्री भी मिली. फार्महाउस के एक कमरे में कुछ ऐसे वीडियो उपकरण और विदेश से मंगाए बॉक्स भी मिले, जिनकी जांच अब साइबर सेल कर रही है. पूछताछ में बाबा तरुण ने खुद को 100 देशों में घूम चुका ‘अंतरराष्ट्रीय योगगुरु’ बताया. साथ ही उसने यह भी दावा किया कि वह 10 से ज्यादा एनजीओ का डायरेक्टर है और विदेशों से फंडिंग आती है. पुलिस अब इन तमाम एनजीओ, पासपोर्ट, बैंक खातों और सोशल नेटवर्क्स की जांच कर रही है.
देर रात तक फार्महाउस में आते थे बाहरी लडक़े-लड़कियां
सूत्र बताते हैं कि फार्महाउस में देर रात तक बाहरी लडक़े-लड़कियों का आना-जाना था. इलाके के कुछ युवाओं को बाबा के ‘शांति शिविर’ में गांजा देकर ध्यान लगाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी. शक यह भी है कि यहां छोटे लेवल पर रेव पार्टियों जैसा कुछ शुरू करने की प्लानिंग चल रही थी. आश्रम में बरामद चीजें सिर्फ अवैध नहीं, बल्कि समाज के लिए खतरनाक है. एक ऐसा बाबा जो गोवा के रंगीन अनुभव लेकर डोंगरगढ़ जैसे धार्मिक कस्बे में आया और यहां की पवित्रता के बीच नशे और वासना की फैक्ट्री खोल दी. यह मामला जितना सनसनीखेज है, उतना ही शर्मनाक भी है. बाबा तरुण अब सलाखों के पीछे है, लेकिन उसके कनेक्शन की जांच अभी बाकी है. जांच एजेंसियां उसके विदेशी नेटवर्क, फंडिंग चैनल और पूरे गिरोह की तलाश में है.