खरसिया। पीएम श्री आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल सेजस एवं सेंट जॉन्स स्कूल में विशेष योग सत्र का आयोजन किया गया जिसमें योग शिक्षकों द्वारा योग से मन मस्तिष्क एवं शरीर को होने वाले लाभ के बारे में विस्तृत रूप से बताते हुए योगाभ्यास करवाया गया कौन से योगासन से शरीर के किस अंग को लाभ मिलता है एवं कौन सी बीमारी से बचाव होता है विद्यार्थी जीवन के लिए कौन से योग लाभप्रद हैं इन सभी के विषय में पीएम श्री आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के प्राचार्य रामनिवास नागवंशी एवं जॉन्स इंग्लिश मीडियम स्कूल के प्रिंसिपल फादर सुरेश टोप्पो द्वारा विस्तृत जानकारी देते हुए विद्यार्थियों को प्रतिदिन योग अभ्यास करने के लिए प्रेरित किया गया। सेंट जॉन्स स्कूल में योग के साथ साथ एक पेड़ मां के नाम पर वृक्षारोपण कर विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया गया। बताते चलें की अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रत्येक वर्ष 21 जून को मनाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण के दौरान इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया था। योग का अभ्यास एक बेहतर इंसान बनने के साथ एक तेज दिमाग, स्वस्थ मन और एक सुकून भरे शरीर को पाने के तरीकों में से एक है। योग अपने अदभुत स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2015 में आरंभ होने के बाद, हर साल 21 जून को मनाया जाता है। योग, मन, शरीर और आत्मा की एकता को सक्षम बनाता है। योग के विभिन्न रूपों से हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को अलग-अलग तरीकों से लाभ मिलता है। योग, व्यायाम का ऐसा प्रभावशाली प्रकार है, जिसके माध्यम से न केवल शरीर के अंगो बल्कि मन, मस्तिष्क और आत्मा में संतुलन बनाया जाता है। यही कारण है कि योग से शारीरिक व्याधियों के अलावा मानसिक समस्याओं से भी निजात पाई जा सकती है। पंतजलि के अनुसार योग के 8 सूत्र बताए गए हैं जिसमें यम, नियम, आसन प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि इसमें ध्यान की वस्तु को चैतन्य के साथ विलय करना शामिल है। इसके दो प्रकार है-सविकल्प और अविकल्प। अविकल्प में संसार में वापस आने का कोई मार्ग नहीं होता। अत: यह योग पद्धति की चरम अवस्था है। भगवद्गीता में योग के तीन प्रमुख प्रकार बताए हैं जिसमें कर्मयोग-इसमें व्यक्ति अपने स्थिति के उचित और कर्तव्यों के अनुसार कर्मो का श्रद्धापूर्वक निर्वाह करता है। भक्ति योग- इसमें भगवत कीर्तन प्रमुख है। इसे भावनात्मक आचरण वाले लोगों का सुझाया जाता है। ज्ञान योग-इसमें ज्ञान प्राप्त करना अर्थात ज्ञानार्जन करना शामिल है। छात्र-छात्राओं तथा अध्यापक अध्यापिकाओं ने सूर्य नमस्कार, वज्रासन, शशक आसन, चक्रासन, कटि आसन, त्रिकोणासन तथा प्राणायाम में अनुलोम विलोम, कपालभाति एवं भ्रामरी योगासन में बढ़चढ कर हिस्सा लिया।