जशपुरनगर। पुलिस कार्यालय जशपुर स्थित सभाकक्ष में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शशि मोहन सिंह द्वारा अपराध समीक्षा बैठक लिया गया जिसमें समस्त राजपत्रित अधिकारीगण सहित थाना/चौकी प्रभारीगण, सभी शाखाओं के प्रभारीगण उपस्थित रहे। पुलिस अधीक्षक द्वारा अनुविभागवार थाना/चैकी के लंबित प्रकरणों की जानकारी लिया गया एवं उसका निराकरण हेतू निर्देषित किया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने जिले में सडक़ दुर्घटनाओं में बढ़ती मृत्यू में चिंताजनक वृद्धि से इसके नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिये निरंतर कार्य करने हेतु थाना प्रभारियों को निर्देषित किया गया। शराब पीकर वाहन चलाने, स्टंटबाजी करने वाले, यातायात नियमों का पालन नहीं करने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। नषे में वाहन चलाने पर चालक के विरूद्ध कार्यवाही कर प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत करने हेतु कहा गया है, साथ ही उसका अनिवार्य रूप से ड्राईविंग लायसेंस निरस्तीकरण करने हेतु निर्देशित किया गया। मालवाहक वाहनों को यात्री वाहन के रूप में इस्तेमाल करने पर अधिकतर दुर्घटना होने की पूर्ण संभावना होती है, इसके रोकथाम हेतु थाना क्षेत्र के सभी मालवाहक वाहनों की मिटिंग लेकर समझाईस देने के निर्देश दिये गये हैं।
विदित हो कि सडक़ एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आमजनता को आपातकालीन स्थिति में सडक़ दुर्घटना में पीडि़तों की मद्द के लिये राह-वीर योजना प्रारंभ की गई है, इस योजना के तहत् कोई भी व्यक्ति जो गंभीर सडक़ दुर्घटनाओं में पीडि़त व्यक्ति की तत्काल सहायता करके दुर्घटना के स्वर्णिम काल (गोल्डन आवर) के भीतर अस्पताल/ट्रामा केयर सेंटर में पहुंचाकर चिकित्सा उपचार हेतु पहल कर जान बचाई हो, ऐसे नेक व्यक्ति को प्रति 01 घटना में रू. 25,000 /- से पुरष्कृत किया जावेगा। यदि एक से अधिक राह-वीर पीडि़तों की जान बचाते हैं तो पुरस्कार की राषि रू. 25,000 /- को उनके बीच बराबर में बांटी जायेगी। प्रत्येक नगद पुरस्कार के साथ ‘प्रसंशा प्रमाण पत्र’ दिया जायेगा। प्रत्येक मामलों में पुरस्कार के अलावा सबसे योग्य राह-वीर को पूरे वर्ष के दौरान चुना जायेगा इसके लिये 10 राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार होंगे और उन्हें 01 लाख रू. का पुरस्कार दिये जायेगा। एक राह-वीर को वर्ष में अधिकतम 05 बार सम्मानित किया जायेगा। सडक़ दुर्घटना में पीडि़तों को दुर्घटना की तारीख से अधिकतम 07 दिन की अवधि के लिये नाम निर्दिष्ट अस्पताल में प्रति पीडि़त रू. 1,50,000 /- रूपये तक की रकम के नगदी रहित उपचार की पात्रता प्रावधिनित किया गया है।
एसएसपी द्वारा जिले में मुख्य रूप से गौ-तस्करी एवं मादक पदार्थों की तस्करी का सप्लाई चैन तोडऩे हेतु निर्देषित किया गया है। इस संबंध में जिले के थाना प्रभारियों को मुखबीर तंत्र को एक्टिव कर लगातार कार्यवाही करने हेतु निर्देषित किया गया। गांजा के आद्तन अपराधियों की पहचान कर उनके विरूद्ध पीआईटी एनडीपीएस एक्ट के तहत कड़ी वैधानिक कार्यवाही करने हेतु निर्देषित किया गया है।
भारत सरकार द्वारा संचालित स्मैक स्टेट मल्टी एजेंसी सेंटर में गांजा तस्करों की जानकारी अद्यतन करने हेतु कहा गया है, इससे आईबी/एसआईबी इत्यादि एजेंसियों को अपराधियों के बारे में तत्काल जानकारी मिल जाती है। विदित हो कि इसमें आतंकवादी/नक्सली इत्यादि की भी जानकारी एकत्र किया जा रहा है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा मीटिंग में सभी पुराने लंबित अपराधों की प्रत्येक थानावार समीक्षा की गई एवं शीघ्र निराकरण हेतु दिशा-निर्देश दिये गये। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर ने जिले के अवैध कारोबार, गांजा तस्करी, जुआ, सट्टा, नशीली दवाओ के विरुद्ध करवाई करने, लंबित अपराध, चालान, विवेचना, लघु अधिनियम, आर्म्स एक्ट, मर्ग जैसे अनेक विषयों पर गंभीरता से निराकरण करने के निर्देष दिये गये। लंबित समंस/वारंट की तामीली शत प्रतिशत करने हेतु निर्देषित किया गया। इस बैठक में एसएसपी ने सभी थानों के आंकड़ों का अनुविभागवार निरीक्षण किया, सभी थाना/चैकी के विवेचकों से उनके पास लंबित अपराध, मर्ग, चालान एवं 01 माह से अधिक समय से लंबित वरिष्ठ कार्यालयों से प्राप्त शिकायतों पत्रों के बारे मे जानकारी ली एवं यथाशीघ्र निराकरण हेतु निर्देषित किया है। क्राईम पेंडेंसी में कमी लाने हेतु निर्देशित किया गया है।
बैठक में एसएसपी ने सभी प्रतिबंधात्मक कार्यवाहियों में बाउंड ओवर की कार्यवाही करने हेतु भी निर्देशित किया है। थाना प्रभारियों को अपने क्षेत्र में निरंतर पेट्रोलिंग करने के लिए भी निर्देशित किया है। यातायात शाखा को ब्लैक स्पॉट के संबंध में कार्यवाही करने एवं आईरेड पेंडिंग का त्वरित निराकरण हेतु कहा गया।
एसएसपी ने जिले के अपराध समीक्षा बैठक मे विवेचक के कार्यों की समीक्षा की, उन्होंने कहा कि उच्च स्तर की विवेचना की जाए। राजपत्रित अधिकारी विवेचकों के कार्यों की प्रतिदिन मानीटरींग कर आवष्यक दिषा-निर्देष देवें। एसएसपी ने समस्त थाना प्रभारियों एवं विवेचकों को स्पष्ट निर्देशित करते हुए कहा कि आपके अधिनस्थ, आपके द्वारा की जाने वाली विवेचना एवं दोषसिद्धि पर विशेष ध्यान दिया जाए। विवेचना के स्तर पर आवश्यक सुधार कर दोषसिद्धि स्तर बढाने का भरपूर प्रयास करें।
क्राइम मीटिंग के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जषपुर ने पुलिस राजपत्रित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी हफ्ते मे कम से कम एक बार अपने के थाना/चैकी में विजिट जरूर करें तथा समय-समय पर औचक निरीक्षण करें, साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने निर्देश दिए कि रात्रि गष्त को और अधिक प्रभावी बनावे, ताकि चोरी इत्यादि की घटनाओं पर रोक लगे। प्रत्येक आरक्षक अपने-अपने बीट की कानून व्यवस्था एवं अपराध की जानकारी रखे एवं समय-समय पर अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते रहे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि प्रत्येक थाना/चैकी प्रभारी एवं रक्षित निरीक्षक स्वयं गणना लेंगे साथ ही शिकायत के सम्बन्ध मे कोई भी व्यक्ति थाना/चैकी से निराश होकर न लौटे, सभी के साथ शालीनता एवं सौहार्दपूर्ण व्यवहार करें एवं सभी की शिकायतों पर निष्पक्ष जांच हो, साथ ही विभिन्न घटित अपराधों में प्राथमिकता के आधार पर निराकरण किया जाए, निगरानी बदमाश/गुंडा बदमाश की थाना मे लगातार बुलाकर और सकूनत पर जाकर चेकिंग करते रहें। पैदल मार्च, कांबिंग गस्त और शाम को प्रभारी स्वयं क्षेत्र मे विजिबल पुलिसिंग के लिए निकले। पुलिस अधीक्षक ने यह भी निर्देश दिया कि शिकायतकर्ता की थाना में उचित सुनवाई हो जिससे कि उन्हें वरिष्ठ कार्यालय आकर शिकायत करने की आवश्यकता न पड़े। समस्त राजपत्रित अधिकारियों, थाना/चैकी प्रभारियों को पूरी क्षमता एवं उर्जा के साथ सजगतापूर्वक ड्यूटी करने हेतु निर्देषित किया। उक्त अपराध समीक्षा बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जशपुर श्री अनिल कुमार सोनी, एसडीओपी जशपुर चंद्रषेखर परमा, एसडीओपी कुनकुरी विनोद कुमार मंडावी, एसडीओपी बगीचा श्री दिलीप कोसले, उप पुलिस अधीक्षक विजय सिंह राजपूत, उप पुलिस अधीक्षक श्री भवेश समरथ, उप पुलिस अधीक्षक श्रीमती मंजूलता बाज, रक्षित निरीक्षक अमरजीत खूंटे, रीडर श्री मुकेश झा एवं समस्त थाना/चैकी प्रभारी एवं कार्यालयीन शाखा प्रभारी उपस्थित रहे।
रोड एक्सीडेंट में कमी लाने एसएसपी ने थानेदारों को दिये सख्त निर्देश
अवैध गतिविधियों में संलिप्त लोगों की पहचान कर कड़ी कार्यवाही करें
