रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में हो रही गड़बड़ी के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखने वाले पीएचडी छात्र सुजीत सुमेर को यूनिवर्सिटी ने हॉस्टल से निष्कासित कर दिया है। जिसके बाद आईजीकेव्ही कुलपति कार्यालय के बाहर बिस्तर लेकर पहुंचे छात्र ने न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। वहीं, हॉस्टल से पीएचडी स्कॉलर को हटाए जाने के विरोध में हृस्ढ्ढ के कार्यकर्ताओं ने भी प्रशासनिक कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालय में कृषि मौसम विज्ञान विभाग से पीएचडी कर रहे छात्र सुजीत सुमेर ने बताया कि उन्होंने विश्वविद्यालय में हो रही गड़बड़ी और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई, तो हॉस्टल से बाहर करने का आदेश जारी कर दिया गया। सुजीत ने कहा कि अगर कोई दलित छात्र पढऩे लिखने में ज्यादा आगे बढ़ जाता है और कला साहित्य में आगे उन्नति करने लगता है तो विश्वविद्यालय के लोगों को यह अच्छा नहीं लगता। यूनिवर्सिटी में दलित को कुचलने की मानसिकता हावी है।
मुझे 24 घंटे के अंदर रूम खाली करने का आदेश मिला, यह मेरे लिए किसी प्राणघातक हमले से कम नहीं था। हमने विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन के बाहर रात बिताई। मैं शासन-प्रशासन से मांग करता हूं कि दलित विरोधी मानसिकता को विश्वविद्यालय से नष्ट किया जाए। छात्र को हॉस्टल से बाहर निकाले जाने के बाद बड़ी संख्या में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने बुधवार की रात छात्र के साथ बैठकर प्रशासनिक भवन के बाहर प्रदर्शन किया। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय में घोटाले और भेदभाव उजागर करने के बाद यह कार्रवाई करने के बाद छात्र को उसके अधिकार से वंचित किया जा रहा है।
एनएसयूआई के प्रभारी महामंत्री हेमंत पाल ने कहा कि यह निष्कासन दलित छात्र की आवाज दबाने की साजि़श है। विश्वविद्यालय आम छात्रों की मूलभूत जरूरतों की अनदेखी कर एबीव्हीपी से जुड़े लोगों को विशेष सुविधाएं दी जा रही है। हेमंत ने कहा कि 27 मई से 2 जून तक आईजीकेव्ही परिसर में एबीव्हीपी का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित होने वाला है। छात्रों की शिक्षा के बजाय राजनीतिक अधिवेशन स्थल में बदल दिया गया है, जो अत्यंत निंदनीय है। पीएचडी स्कॉलर सुजीत ने बताया कि बुधवार देर रात प्रदर्शन करने और प्रशासनिक भवन के बाहर रहने के बाद कुछ प्रोफेसर आए थे। उन्होंने मौखिक पटाक्षेप करते हुए मुझे हॉस्टल में रहने की बात कही है। फिलहाल अभी मैं हॉस्टल में ही हूं, लेकिन जब तक लिखित आदेश नहीं आएगा वे आगे भी इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
यूनिवर्सिटी ने पीएचडी छात्र को हॉस्टल से निकाला
विश्वविद्यालय में हो रही गड़बड़ी के खिलाफ सोशल मीडिया में लिखा था पोस्ट
