रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने महादेव सट्टा मामले में कार्रवाई के बाद कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई बीजेपी का करीबी हो या कांग्रेस का, किसी को छोड़ा नहीं जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर सीबीआई के छापे के बाद भाजपा-कांग्रेस सोशल मीडिया पर भी आमने-सामने है। एक कार्टून में भाजपा ने भूपेश बघेल को भ्रष्टाचार के मगरमच्छ के मुंह के भीतर दिखाया है। भूपेश बघेल और कांग्रेस सीबीआई छापे को साजिश बता रहे हैं। इस पर सीएम साय ने कहा-उनके पास और कुछ कहने को नहीं है, मुझे जहां तक जानकारी है महादेव सट्टा एप मामले पर जांच हो रही है। सबको मालूम है कि किस तरह से हमारे छत्तीसगढ़ के युवाओं को सट्टा की लत लगा दिया गया था।
उनकी जिंदगी बर्बाद हो रही थी और उसी की जांच सीबीआई कर रही है। जो भी दोषी होंगे बख्शे नहीं जाएंगे। किसी के इसमें बीजेपी या कांग्रेस के करीबी होने का सवाल नहीं है, जिनका भी प्रकरण से लिंक जुड़ा होगा, सब पर कार्रवाई होगी। पूर्व सीएम ने कहा कि सुना है कि मेरे रायपुर के शासकीय आवास में भी सीबीआई पहुंची थी। मुझे इसकी कोई भी सूचना नहीं दी गई, न ही भिलाई निवास में आए सीबीआई अधिकारियों ने मुझे इसकी सूचना दी। मेरी अनुपस्थिति में मेरे शासकीय आवास में बिना मुझे सूचना दिए प्रवेश करना पूरी तरह गलत है। बघेल ने आगे क्या भाजपा अब सीबीआई के माध्यम से कोई षड्यंत्र रच रही है? दरअसल सीबीआई का आगमन ‘महादेव सट्टा एप’ के नाम पर हुआ। महादेव एप के बारे में देश में कोई नहीं जानता था। मुख्यमंत्री रहते कांग्रेस सरकार में ही 74 एफआईआर दर्ज हुई हैं। 200 से अधिक गिरफ्तारी हुई हैं। 2000 से अधिक बैंक खाते सीज किए गए। हमारी सरकार में ही गूगल को पत्र लिखकर प्ले स्टोर से इस एप को हटाया गया। हमने ही कार्रवाई की तो हम पर संरक्षण का आरोप कैसे? ईडी ने झूठी खबर छपवाई कि सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल दुबई में गिरफ्तार हो गए हैं, लेकिन वे वहां शिवकथा की जजमानी करते पाए गए। तो ये कैसी जांच है? फिर बघेल ने सोशल मीडिया पर लिखा, सीबीआई घर से चली गई है प्रधानमंत्री का आगामी 30 तारीख को छत्तीसगढ़ में आगमन हो रहा है। इसलिए इन रेड के जरिए प्रधानमंत्री के भाषण का ‘कंटेंट’ तैयार किया जा रहा है।
कांग्रेस की ओर से कहा गया कि भाजपा ने अब सीबीआई को पीछे छोड़ा है। तमाम फर्जी क और ईडी के दुरूपयोग पर भी हताशा हाथ लगने के बाद अब भाजपा के इशारों पर सीबीआई पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल और विधायक, कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव देवेंद्र यादव के घर पर सुबह से जमी हुई है। एक ओर आगामी 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद (गुजरात) में होने वाली एआईसीसी की बैठक के लिए गठित ड्रॉफ्टिंग कमेटी की मीटिंग के लिए भूपेश बघेल का दिल्ली जाने का कार्यक्रम है, वहीं दूसरी ओर बिहार में चुनाव हैं और बिहार के प्रभारी होने के नाते देवेंद्र यादव बिहार में हैं। अब ऐसे समय में इस छापे का स्पष्ट उद्देश्य कांग्रेस पार्टी को प्रभावित करना है, लेकिन भाजपा फिर भूल रही है की कांग्रेस की विचारधारा में ‘डर’ शब्द है ही नहीं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने सवाल किया कि अगर बघेल और कांग्रेस नेताओं ने कोई गलत काम नहीं किया है, तो फिर जांच और छापों से इतने बदहवास क्यों हैं? इससे पहले ईडी द्वारा की गई जांच को लेकर भी कांग्रेस ने अमर्यादित आचरण करते हुए जांच एजेंसी के अफसरों पर हमला तक किया था। जांच एजेंसियों पर हमला करके कांग्रेस ने यह प्रदर्शित किया कि अपने शासनकाल में उसके सत्ताधीशों ने कुछ गलत किया है। इसीलिए कांग्रेस दबाव बनाने के लिए पहले हिंसा तक पर उतारू हो गई। किरण देव ने कहा कि भूपेश सरकार के कार्यकाल में कांग्रेस के विधायक-मंत्री तक अफसरों की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल उठाते रहे, उनके भ्रष्ट कारनामों को उजागर करते रहे, लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल उन्हीं अफसरों को शह देने में लगे रहे। जब जांच शुरू हुई और दोषी अधिकारी, दलाल जेल में डाले गए तो बघेल ने सबसे आगे आकर इसे भाजपा का षड्यंत्र बताया। जेलों में बंद दोषी अधिकारियों की वकालत करने में जरा भी नहीं हिचकिचाए।
महादेव सट्टा : बघेल को मगरमच्छ के मुंह में दिखाया
कार्टून में लिखा- अब तोर घोटाला तोला निगलही, सीएम बोले- कोई बख्शा नहीं जाएगा
