सारंगढ़। लिपिक वर्गीय कर्मचारियों संघ द्वारा मुख्यमंत्री के नाम पर कलेक्टर को ज्ञापन वेतन विसंगति व 5 सुत्रीय मांग का निराकरण करने दिया गया। अध्यक्ष कमलकांत स्वर्णकार ने बताया कि – छग राज्य निर्माण से लिपिक संवगों के वेतनमानों में निरंतर क्षरण को दूर करने तथा लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के हितों का संरक्षण एवं लिपिकों के हितों के लिए लिपिक संघों द्वारा निरंतर संघर्ष किया जा रहा है।
वर्तमान में राज्य शासन द्वारा लगभग सभी वर्ग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन विसंगति का मामला निराकृत किया जा रहा है। छग शासन द्वारा लिपिक संवर्गों के वेतमान के निराकरण करने हेतु उच्च स्तरीय समिति गठित की गई। समिति द्वारा अनुशंसित अनेक संवर्गों के वेतनमानों का उन्नयन कर निरीकरण किया गया, किन्तु जिस संवर्ग (लिपिक) के लिए समिति का गठन किया गया समिति द्वारा अनुशंसा के पश्चात् भी लिपिकों के वेतन मानों में उन्नयन नहीं किया गया। उक्त समिति द्वारा जिन संवगों के वेतनमान के उन्नयन के लिए अनुशंसा नहीं भी की गई थी उन संवर्गों के वेतनमानों का उन्नयन शासन द्वारा किया जा चुका है। जिसके कारण लिपिक संवर्ग में कुण्ठा एवं निराशा का वातावरण निर्मित हो रहा है। यदि शिक्षकों एवं लिपिकों के वेतनमान का तुलनात्मक अध्ययन किया जाये तो गत 35 – 36 वर्षों से लिपिकों के वेतन में विसंगति है जिसे दूर किया जायें।
लिपिक संघ द्वारा वेतन विसंगति को दूर करने कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम सौपा ज्ञापन
