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NavinKadam > सारंगढ़ > किशोरियों, महिलाओं और बच्चों का किया गया एनीमिया टेस्ट
सारंगढ़

किशोरियों, महिलाओं और बच्चों का किया गया एनीमिया टेस्ट

lochan Gupta
Last updated: September 3, 2024 1:30 am
By lochan Gupta September 3, 2024
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4 Min Read

सारंगढ़-बिलाईगढ़। स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता से संबंधित ‘‘राष्ट्रीय पोषण माह‘‘ 01 से 30 सितम्बर 2024 तक किया जा रहा है। इसके अंतर्गत जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों और स्वास्थ्य केंद्रों में किशोरियों, बालिकाओं, महिलाओं एवम बच्चों का स्वास्थ्य विभाग द्वारा एनीमिया टेस्ट किया गया। एनीमिया रोग क्या है खून की कमी या एनीमिया रोग, कुपोषण की एक गंभीर समस्या है, जो गर्भवती महिलाओं और लंबे समय से किसी बीमारी से पीडि़त लोगों को अधिक प्रभावित करती है। शरीर में आयरन की कमी के कारण रक्त में आरबीसी और हीमोग्लोबिन की मात्रा में कमी आ जाती है। लाल रक्त कोशिकाओं की कमी के कारण पीली या सफेद त्वचा दिखाई दे सकती है और व्यक्ति बहुत अधिक कमज़ोरी महसूस कर सकता है। अत: यदि कोई व्यक्ति अत्यधिक कमजोरी, थकान और अन्य एनीमिया से सम्बंधित लक्षणों का अनुभव करता है, तो उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए, क्योंकि यह स्थिति अन्य गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकती है। किसी व्यक्ति के ब्लड में लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) की कमी की स्थिति को एनीमिया रोग कहा जाता है। अर्थात एनीमिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पीडि़त व्यक्ति के ब्लड में लाल रक्त कोशिकाएं या हीमोग्लोबिन पर्याप्त मात्रा में उपस्थित नहीं होता है। हीमोग्लोबिन, लाल रक्त कोशिकाओं का एक मुख्य घटक है, जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन ले जाने का कार्य करता है। यदि लाल रक्त कोशिकाओं में कुछ गड़बड़ी उत्पन्न होती है, या फिर रक्त में आरबीसी या हीमोग्लोबिन में कमी आती है, तो शरीर की कोशिकाओं को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे पीडि़त व्यक्ति में अनेक लक्षण और समस्याएं उत्पन्न होती हैं। लाल रक्त कोशिकाओं का औसत जीवन काल 100 से 120 दिनों का होता है। कुछ कारक लाल रक्त कोशिकाओं के तीव्रता के साथ नष्ट होने का कारण बन सकते हैं, जिससे एनीमिया रोग उत्पन्न होता है। एनीमिया रोग आयरन की कमी या विटामिन बी12 की कमी से उत्पन्न होता है। हालांकि एनीमिया के विभिन्न प्रकार के आधार पर इसके कारण भी भिन्न होते हैं। एनीमिया की बीमारी कुछ समय के लिए या लम्बे समय के लिए उत्पन्न हो सकती है, और खून की कमी के लक्षण हल्के से लेकर अधिक गंभीर तक हो सकते हैं। स्वस्थ आहार का सेवन कर कुछ प्रकार के एनीमिया से बचने में सफलता प्राप्त की जा सकती है। भिन्न-भिन्न स्थितियों के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकते हैं, जो कि एनीमिया के प्रकार, उसकी गंभीरता और आंतरिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे- रक्तस्राव, अल्सर, कैंसर के साथ-साथ मासिक धर्म की समस्याओं पर निर्भर करते हैं। शुरूआती एनीमिया की स्थिति में लक्षणों को महसूस नहीं किया जा सकता है, लेकिन जैसे-जैसे स्थिति गंभीर होती जाती है, लक्षणों की गंभीरता भी बढ़ती जाती है। एनीमिया के सामान्य लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं, जैसे: थका हुआ महसूस करना और ऊर्जा में कमी, असामान्य रूप से दिल की तेज धडक़न, सांस लेने में तकलीफ (विशेष रूप से व्यायाम के दौरान) सिरदर्द होना,ध्यान केन्द्रित करने में असुविधा, चक्कर आना, त्वचा का पीला पडऩा, पैर में ऐंठन की समस्या, हड्डियों और जोड़ों में दर्द होना,हाथ और पैर का ठंडा पडऩा या सूजन आना, नजऱों की समस्या, अनिद्रा, इत्यादि। एनीमिया का इलाज करने के लिए आयरन से भरपूर आहार लेना चाहिए। अगर आप पर्याप्त आयरन नहीं खाते हैं, तो आपके शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। कुछ खाद्य पदार्थ जिनमें आयरन की मात्रा अधिक होती है, उनमें शामिल हैं। मांस, अंडे, पत्तेदार हरी सब्जियाँ, अनाज जैसे लौह-युक्त खाद्य पदार्थ, फलियाँ, समुद्री भोजन, मटर, मेवे और सूखे फल, दाल आदि का सेवन कर एनीमिया से बचाव किया जा सकता है।

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