रायगढ़। रायगढ़ जिले में हाथी के हमले से जंगल में तेंदुपत्ता तोडऩे गए एक ग्रामीण की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है। वन विभाग के द्वारा तत्कालिक सहायता के रूप में मृतक के परिजनों को 25 हजार रुपये प्रदान किया गया है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ जिले के छाल थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम भलमुडी निवासी सुबरन राठिया पिता बुद्धुराम राठिया 79 साल बुधवार की सुबह तेंदुपत्ता तोडऩे जंगल गया हुआ था। जहां से रात तक वापस घर नही लौटा। इस बीच गुरूवार की सुबह जब गांव के ग्रामीण उसे खोजते हुए जंगल की ओर पहुंचे तब उन्हें सुबरन की लाश मिली। गांव के ग्रामीणों के अनुसार तेंदुपत्ता तोडने के दौरान सुबरन का छाल वन परिक्षेत्र के आरएफ 519 औरानारा में हाथी से सामना हो गया जिसके बाद हाथी ने कुचलकर सुबरन को मौत के घाट उतार दिया। घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है।
रायगढ़ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण गर्मी के दिनों में कुछ पैसे कमाने के लिये हाथी प्रभावित जंगलों में हाथी की मौजूदगी की जानकारी होनें के बावजूद तेंदुपत्ता तोडऩे जाते हैं। इस दौरान हाथी से सामना हो जाने के बाद जनहानि की घटना भी सामने आते रही है। एक जानकारी के अनुसार धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल वन परिक्षेत्र के जंगलों में बीते कई सालों से हाथियों के दल ने डेरा डाला हुआ है।
जिले में 132 हाथी कर रहे विचरण
वन विभाग के अनुसार इन दिनों रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल में जहां 127 हाथी अलग-अलग दल में विचरण कर रहे हैं वहीं रायगढ़ वन मंडल के जंगलों में 5 हाथी विचरण कर रहे हैं। हाथियों के दल में सर्वाधिक धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र के क्रोन्धा में 37 हाथी, छाल के पुरूंगा में 26, छाल के बेहरामार में 16, कापू में 12, के अलावा अलग-अलग बीट में हाथियों का विचरण कर रहा है। हाथियों के इस दल में नर 37, मादा 60 के अलावा 35 बच्चे शामिल हैं।
8 किसानों की फसल को नुकसान
धरमजयगढ़ वन मंडल में अलग-अलग दल में विचरण कर रहे हाथियों ने बीती रात 9 किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। जिसमें छाल के हाटी, खर्रा, कीदा पुरूंगा, गेरवानी में 5 किसानों की धान की फसल, बनहर में 1 किसान की धान की फसल, खडगांव में एक किसान की धान की फसल के अलावा बरतापाली में एक किसान की धान की फसल शामिल है।
मुनादी कराकर दी जाती है जानकारी
वन विभाग की टीम के द्वारा लगातार हाथी प्रभावित क्षेत्रों में मुनादी कराने के साथ-साथ जागरूकता अभियान चलाकर गांव के ग्रामीणों को हाथी से सावधानी बरतने की बात कहते हुए जंगलों में हाथी विचरण करने की जानकारी देते हुए किसी भी हाल में जंगलों की तरफ नही जाने की समझाईश दी जाती रही है। ताकि हाथी और मानव के बीच जारी द्वंद्व को रोका जा सके।
ड्रोन कैमरे से रखी जाती है नजर
जंगलों से घिरे रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल में एक लंबे अर्से से हाथियों का एक दल विचरण कर रहा है। यहां हाथियों की संख्याओं में कमी एवं बढोतरी होते रहती है। चूंकि भोजन एवं पानी की पर्याप्त मात्रा होनें की वजह से यहां का जंगल हाथियों के लिये अनूकुल भी माना जाता है। ऐसे में वन विभाग एवं हाथी मित्र दल के द्वारा हाथियों के मूवमेंट में नजर बनाये रखने हेतु ड्रोन कैमरे से हाथियों पर नजर रखी जाती है। साथ ही जिस क्षेत्र में हाथियों का दल पहुंचता वहां के लोगों को सावधानी बरतने की अपील की जाती है।