रायपुर। छत्तीसगढ़ में कुर्मी समाज की ओर से अब पुरोहित तैयार किए जा रहे हैं। समाज को रूढि़वादी परंपरा से बाहर निकालने और संस्कारों में हो रहे व्यवसायीकरण के उद्देश्य के बाद समाज ने यह फैसला लिया है। वर्तमान में दर्जनभर पुरोहित 16 संस्कारों में से 8 संस्कार संपन्न करा रहे हैं। आने वाले दिनों में प्रत्येक जिले से 10-10 मास्टर ट्रेनर और हर विकासखंड से 50-50 पुरोहित तैयार करने की योजना समाज बना रहा है। अखिल भारतीय कुर्मी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. जीतेंद्र ?कुमार सिंगरौल ने बताया कि प्रशिक्षित पुरोहित समाज में संस्कार, पूजन, हवन आदि कार्य करा रहे हैं।
500 से अधिक संस्कार करवा चुके हैं प्रशिक्षित पुरोहित
प्रशिक्षित पुरोहित की ओर से अब तक 500 से अधिक संस्कार संपन्न कराए जा चुके हैं। न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि अन्य राज्यों में भी संस्कार कार्य कराए जा रहे हैं। कुर्मी समाज की 30 उपजातियां हैं, जो अलग-अलग रूप से अधिवेशन का आयोजन कर समाज के लोगों का सामूहिक विवाह संपन्न कराते हैं। हेमंत कौशिक ने बताया कि 16 संस्कारों में से वर्तमान में मुख्यत: 8 संस्कारों को कुर्मी समाज की ओर से सम्पन्न कराया जा रहा है। इसमें गर्भाधान, नामकरण, अन्नप्राशन, विद्यारंभ, विवाह, अंत्येष्टि वमरणोत्तर संस्कार, जन्म दिवस उत्सव और विवाह शामिल हैं।
बेंगलुरु में हुई थी शुरुआत
पुरोहित प्रशिक्षण कार्य की शुरुआत आठ साल पहले बैंगलुरु में हुए अखिल भारतीय कुर्मी महासभा के 43वें अधिवेशन में हुई थी। यहीं समाज के संस्कार कार्य कराने के लिए स्वजातिय पुरोहित तैयार करने के प्रस्ताव पर मुहर लगी थी। डॉ. जीतेंद्र कुमार सिंगरौल ने बताया कि इसके बाद छत्तीसगढ़ कुर्मी चेतना मंच ने वये राष्ट्र जागृयाम् पुरोहिता: का शंखनाद कर प्रथम बैच का प्रशिक्षण 2019 में बिलासपुर में आयोजित किया। इस प्रशिक्षण में नौ बुद्धिजीवियों ने पुरोहित कर्म का व्यावहारिक प्रशिक्षण लिया। हालांकि कोरोना काल में इसमें विराम लग गया था।अब फिर से जुलाई महीने से इसे शुरू किया जा रहा है। पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण का आयोजन कर पुरोहित तैयार किए जाएंगे।
पुरोहित प्रशिक्षक संदर्शिका इस महीने से होगी उपलब्ध?
समाज के लोगों को पुरोहित बनाने के लिए समाज द्वारा कुर्मी चेतना संस्कार दर्पण पुस्तक (पुरोहित प्रशिक्षण संदर्शिका) की छपाई करवाई जा रही है। पुस्तक का विमोचन इसी महीने किया जाना है। इसके माध्यम से प्रत्येक जिले में मास्टर ट्रेनर्स और प्रत्येक विकासखंड में पुरोहित तैयार करने की कार्ययोजना है।
स्वजातियों को ही पुरोहित कर्म में प्रशिक्षित करने के अभियान से समाज के लोग सभी प्रकार के पूजा पाठ, हवन-पूजन, गृह प्रवेश, विवाह आदि संस्कारसम्पन्न कराकर धन राशि का समाज हित में ही उपयोग करेंगे।
छत्तीसगढ़ में कुर्मी भी होंगे पुरोहित : समाज ने संस्कारों में आत्मनिर्भर होने शुरू कराई ट्रेनिंग?
