गुड़ेली/ हेमेन्द्र जायसवाल। जांजगीर चांपा जिले से अलग होकर सक्ती जिला बना हुआ है , लेकिन यहां के एसडीएम साहब और थाना प्रभारी की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रहा है । आपने सुना भी होगा और देखा भी होगा कि बड़े-बड़े शहरों में भी रोड बनाया जाता है , लेकिन उसमें एक तरफ को बनाया जाता है और एक तरफ को आवाजाही के लिए खोल दिया जाता है । यहां तो एसडीएम और थाना प्रभारी की मनमानी से काम उल्टा हो रहा है , साहब अपनी मनमौजी से जब चाहे तब नो एंट्री और जब चाहे तब चालू कर दे रहा है जिससे ट्रांसपोर्टरों को गाड़ी चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है , लेकिन यहां तो एसडीएम साहब और थाना प्रभारी की मनमानी चलती है क्योंकि जब चाहे तब यहां पर नो एंट्री और जब चाहे तब नोट पर फ्री एंट्री किया जाता है।
एसडीएम और थाना प्रभारी को ट्रांसपोर्टरों का नहीं है ख्याल
वही थाना प्रभारी और एसडीएम साहब को ट्रांसपोर्टरों का कोई ख्याल है ही नहीं , उनकी जब मर्जी चाहे तब चंद्रपुर में नो एंट्री और जब मर्जी चाहे तब उतने बजे तक नो एंट्री लगा रहे हैं । ऐसा तो हाल चंद्रपुर का है , इस मामले में कलेक्टर साहब भी ध्यान नहीं दे रहे हैं और एसपी साहब तो थाना प्रभारी पर मेहरबान बने हुए हैं और इसका खामियाजा ट्रांसपोर्टर भुगत रहे हैं । डेढ़ किलोमीटर का रोड बना रहे हैं और यहां ट्रांसपोर्टरों का डेढ़ सौ करोड़ की नुकसान करने में लगे हुए हैं । जितना तो रोड नहीं बना रहा है उससे ज्यादा तो ट्रांसपोर्टरों को नुकसान हो रहा है , क्योंकि दो महीना भी नहीं बचा बारिश होने को और गुड़ेली-टिमरलगा व कटंगपाली से जितनी भी गाडिय़ां जाती है वह चंद्रपुर पार होकर जाती है । बारिश के दिनों में ट्रांसपोर्टरों की गाड़ी चलती ही नहीं है , इसी समय थोड़ा बहुत काम ले कर गाडिय़ों को चलते हैं , लेकिन ट्रांसपोर्टरों का इतना बुरा दिन आ गया है कि वह अब गाडिय़ां चला ही नहीं पा रहे हैं , क्योंकि चंद्रपुर रोड 24 घंटे में सिर्फ 6 घंटा खोला जा रहा है वह भी किस लिए नवरात्रि और सिर्फ डेढ़ किलोमीटर रास्ता बन रहा है इसलिए । चाहे तो नो एंट्री का एक रास्ता भी निकाला जा सकता है , लेकिन यहां तो अधिकारी और कर्मचारी केवल चढ़ावा का इंतजार कर रहे हैं कि जब कोई चढ़ावा चढ़ाएगा तभी नो एंट्री नहीं लगेगा , ऐसा हम नहीं कह रहे हैं लेकिन लोगों के जुबान पर यही बात चर्चा जोरों पर है।
थाना प्रभारी की मनमानी से कुछ दिन पहले बंद रही चंद्रपुर की दुकानें
वही छोटा सा नगर पंचायत में थाना प्रभारी तबाही मचा रखे हैं । यहां दो-तीन दिन पहले ही थाना प्रभारी ने इतना तांडव मचाया कि मंदिर के पास जितनी भी दुकानें थी सब बंद हो गयी थी और मंदिर आने जाने के लिए रास्ता तो था , लेकिन कोई दुकान खुली हुई नहीं थी । उसके बाद नायब तहसीलदार ने अपनी सूझबूझ से दुकान वालों से मीटिंग किया और मामला को सुलझाया तब जाकर दुकान वालों ने दुकान खोले । उसके बाद थाना प्रभारी तो ट्रांसपोर्टरों पर कहर बरसा रहे हैं और उनकी कहर से कई ट्रांसपोर्टरों ने तो गुडेली-टिमरलगा और इस रोड में चलना ही बंद कर दिया है , लेकिन उनके उच्च अधिकारी इन पर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं लग रहा है कि साहब उन पर भी अच्छी खासी लक्ष्मी जी बरसा रहे होंगे , तभी तो उनके उच्च अधिकारी भी ऐसे अधिकारी पर कुछ कार्यवाही नहीं कर रहे हैं और पुलिस विभाग से लेकर एसडीएम और राजस्व विभाग का नगरों में थू-थू हो रहा है।
अगर नो एंट्री नहीं खुली तो ट्रांसपोर्टर कर सकते हैं हड़ताल, थम जाएगी गाडिय़ों की पहिये
वहीं सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अगर चंद्रपुर थाना प्रभारी को नहीं हटाया गया और एसडीएम साहब अगर नहीं सुने या फिर सक्तीजिले के कलेक्टर इन पर गौर नहीं फरमाए तो इसकी खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगी , क्योंकि गुड़ेली-टिमरलगा से प्रतिदिन सैकड़ो गाडिय़ां चंद्रपुर से पार होकर जाती है और सरकार को इसमें रॉयल्टी के रूप में राजस्व का फायदा मिल रहा है । इससे सरकार को बहुत फायदे होते हैं और इसी पैसे से जनता का भी भला होता है , लेकिन अगर ट्रांसपोर्टर ही भूखे मर जाए तो फिर सरकार को क्या टैक्स पटायेगा । ट्रांसपोर्टर बीमा कंपनी से कि़स्त में इतनी बड़ी-बड़ी गाडिय़ां लेकर रखे हैं उसका किश्त भी नहीं भर पा रहे रहे हैं । वैसे तो ट्रांसपोर्टर नो एंट्री नहीं खुलने से ही मर रहे है इससे अच्छा सभी गाडिय़ों के पहिये रोक कर मरे । वैसे तो नाम न छापने के शर्त पर बड़े-बड़े ट्रांसपोर्टरों ने कहा है कि नो एंट्री लग जाने से उनको बहुत नुकसान हो रहा है । पहला नुकसान तो यह है कि जो गाड़ी रायगढ़ से 3 घंटे में आना है वह गाड़ी अगर सरिया पुसौर होते हुए रायगढ़ पहुंचती है तो दूर पड़ेगा और दूर पड़ेगा तो डीजल भी ज्यादा लगेगा और समय भी बर्बाद होगा । खास बात तो यह है कि ट्रांसपोर्टिंग का ना तो भाड़ा बढ़ रहा है और ना ही कुछ और हो रहा है इसीलिए कई ट्रांसपोर्टरों ने कहा है कि अब थम जाएंगे गाड़ी के पहिए , न बनेगा रोड ना चलेगी गाडिय़ां ।
पहले लगाया 12 घंटे और अब हो गया 18 घंटे का नो एंट्री, ट्रांसपोर्टर परेशान
थाना प्रभारी और एसडीएम साहब की मर्जी से जब चाहे तब नो एंट्री और जब चाहे तब फ्री एंट्री, कलेक्टर और एसपी साहब को कर रहे हैं गुमराह और ट्रांसपोर्टर लगा रहे गुहार
