रायगढ़। जिले में पुरातात्विक स्थल में से एक कबरा पहाड़ के शैलाश्रय पिछले लंबे समय से बदहाली के दौर से गुजर रहा है। देखरेख के अभाव में यहां बने भित्तीचित्र भी अब धीरे-धीरे मिटते जा रहे हैं। इसके बाद भी इस पर संबंधित विभाग का कोई ध्यान नहीं है।
दरअसल, शहर से करीब आठ से दस किमी की दूरी पर स्थित कबरा शैलाश्रय लगभग ढाई से तीन सौ फीट की ऊंचाई पर है और यहां बने भित्तीचित्र अब मिट रहे हैं। कई तो नजर नहीं आते तो कुछ लोगों ने यहां कई तरह के जुमले और अपने नाम लिख रखे हैं। इससे पहेल दूसरे जिले और अन्य राज्यों से शोधकर्ता यहां आ चुके हैं, जिन्होंने यहां की स्थिति देख चिंता जताई थी।
कबरा पहाड़ जाने के लिए पहाड़ पर चढऩा होता है लेकिन इसके मुख्य मार्ग पर झाडिय़ां और पत्थर होने के कारण पर्यटकों को इस पर चलना मुश्किल होता है। ऐसे में लंबे समय से यहां पहुंच मार्ग की जरूरत है, लेकिन इस पर किसी ने अब तक ध्यान नहीं दिया।
कबरा पहाड़ के भित्तीचित्र सुरिक्षत रहे, इसके लिए बहुत पहले यहां जालियां लगाई गई थी। बेहतर मानिटरिंग के अभाव में यहां आने वाले असामाजिक तत्वों ने उन जालियों को तोड़ दिया। इसके बाद से यहां सुरक्षा का भी अभाव बना हुआ है। पुरातत्व संग्रहालय के मार्गदर्शक नरेन्द्र नेताम ने बताया कि पूर्व में कार्यशाला हुआ था, जहां कबरा पहाड़ को लेकर व्यवस्थित करने कहा गया है। हमारे द्वारा प्रस्ताव भी भेजा गया था। ऐसे में आने वाले दिनों में यहां की व्यवस्था में सुधार हो जाएगा।
कबरा पहाड़ शैलाश्रय के अस्तित्व पर मंडारा रहा खतरा
देखरेख के अभाव में मिटने लगे भित्तीचित्र, सुरक्षा के लिए लगाई गई जालियां भी टूटी
