घरघोड़ा। नगर से महज तीन किलो मीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत भेंड्रा में मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के निवासी पूना राम ऊईके जिसके नाम पर आदिवासी जमीन 19 एकड़ को खरीद कर एस्केनिया कंपनी के नाम पर लीज लेकर सैकड़ो पेडों को काटकर वन तथा राजस्व शासकीय भूमि को कब्जा करने का बड़ा खेल करने का मामला सामने आया है।
वन विभाग द्वारा बनाये सीपीटी गढ्ढा को भी कंपनी द्वारा अपने जमीन मे मिलाकर अहाता से घेर कर कब्जा कर लिया गया है। वही पटवारी द्वारा दिये बिक्री छाँट मे राजिस्ट्रिकृत जमीन के चारो ओर शासकीय जमीन का उल्लेख है जिसमे से लगभग 3 एकड़ को कब्जा कर अहाता निर्माण कराया जा रहा है। बेजा कब्जा की खबर लगने पर सरपंच ग्राम पंचायत भेड्रा द्वारा तहसीलदार घरघोडा के समक्ष कंपनी द्वारा शासकीय भूमि पर अवेध कब्जा को लेकर स्थगन हेतु आवेदन किया, जिस पर तहसीलदार घरघोडा ने कार्य को तत्काल रोकने का आदेश दिया।
एक बड़े क्षेत्रफल को जिसमे फॉरेस्ट और राजस्व भूमि को कंपनी द्वारा रातों रात कब्जा करने तथा पटवारी के द्वारा दिये बिक्री छाँट मे खरीदी किये भूमि पर 4538 काजू तथा अन्य बृक्ष होना बताया है, जिसमे कंपनी द्वारा रातों रात हजारो बृक्ष को काटकर हटा दिया गया। सरपंच तथा ग्रामीणों ने पूना राम द्वारा लिए जमीन का नाप कर कब्जा किये भूमि को तत्काल मुक्त करने का मांग किया है।
पंचायत की आपत्ति के बाद भी हो गया डायवर्षन
सरपंच धरमवती राठिया ने कहा की भूमि स्वामी द्वारा औद्योगिक प्रयोजन हेतु डायवर्षन के लिए लगाए आवेदन मे एस डी एम घरघोडा द्वारा ग्राम पंचायत भेंद्रा से कथन मांगा गया, जिस पर ग्रामीणों ने ग्राम सभा तथा पंचायत द्वारा अनापत्ती प्रस्तुत किया गया। पंचायत के आपत्ति के उपरांत भी 19 एकड़ भूमि का डायवर्षन तहसील कार्यालय द्वारा कर दिया गया।
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