रायपुर। प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद कांग्रेस नेता नंद कुमार साय ने पार्टी छोड़ दी है. विधानसभा चुनाव से पहले नंद कुमार साय बीजेपी को छोडक़र कांग्रेस में आए थे. लेकिन कांग्रेस में उन्हें बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं मिली. कांग्रेस ने उन्हें चुनाव लडऩे के लिए टिकट तक नहीं दिया था. इतना ही नहीं, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है. इसके बाद नंद कुमार साय ने यू-टर्न ले लिया है. जानकारी के मुताबिक नंद कुमार साय की कांग्रेस में काफी धूमधाम से जॉइनिंग हुई थी, लेकिन कांग्रेस की करारी हार के बाद उन्होंने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. वह बीजेपी के सबसे बड़े आदिवासी नेता थे. उनके बीजेपी में लौटने के कयास लगाए जा रहे हैं. बता दें कि करीब 8 महीने पहले ही नंद कुमार साय बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए थे. नंद कुमार 5 बार सांसद रह चुके हैं. उन्होंने बीजेपी छोडऩे से पहले पार्टी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे. साय तीन बार लोकसभा तथा दो बार राज्यसभा के सांसद रहे हैं। उन्होंने बीजेपी छोडऩे से पहले आरोप लगाया था कि बीजेपी नेता झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने खुद के खिलाफ साजिश रचने और अपनी गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया था. अपने इस्तीफे में साय ने कहा था कि ‘मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं. पार्टी ने मुझे जो भी जिम्मेदारियां दी हैं, मैंने उन्हें पूरी निष्ठा के साथ निभाया. छत्तीसगढ़ की सियासत का बड़ा आदिवासी चेहरा माने जाने वाले नंद कुमार साय तीन बार विधायक और पांच बार सांसद रहे हैं. नंद कुमार साय साल 1977 में पहली बार अविभाजित मध्य प्रदेश की विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे. वे मध्य प्रदेश के विभाजन, छत्तीसगढ़ राज्य के गठन से पहले तीन बार विधायक रहे।