रायपुर। नगर निगम सभापति सूर्यकांत राठौर का मोबाइल नंबर हैक होने का मामला सामने आया है। हैकिंग के बाद उसी नंबर से संदिग्ध कॉल और मैसेज भेजे जाने की सूचना मिल रही है। आशंका जताई जा रही है कि हैकर इस नंबर का इस्तेमाल कर परिचितों, अधिकारियों और आम लोगों से पैसे मांग सकता है। सभापति सूर्यकांत राठौर ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपने मोबाइल नंबर हैक होने की सार्वजनिक पुष्टि की है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि उस नंबर से आने वाले किसी भी कॉल, मैसेज या भुगतान संबंधी मांग पर भरोसा न करें और किसी भी तरह का लेनदेन न करें। साथ ही संदिग्ध कॉल या मैसेज मिलने पर सतर्क रहने को कहा है। इस मामले की जानकारी साइबर सेल और स्थानीय पुलिस को दे दी गई है। जांच के बाद साफ हो पाएगा कि हैकिंग किस माध्यम से की गई। दैनिक भास्कर की टीम ने इस मामले में सभापति सूर्यकांत राठौर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन फिलहाल उनसे सीधे संपर्क नहीं हो पाया। हालांकि उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए लोगों को पूरी जानकारी दे दी है।
रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कुछ ही दिन पहले लोकसभा में साइबर ठगी के बढ़ते मामले, खासकर ‘डिजिटल अरेस्ट’ के ट्रेंड को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया था। उन्होंने कहा था कि डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों की पूरी जीवनभर की कमाई कुछ ही मिनटों में लूट ली जा रही है।
सांसद अग्रवाल ने बताया कि, ऑनलाइन ठग खुद को पुलिस अफसर बताकर वीडियो कॉल करते हैं। वर्दी में दिखाई देते हैं और कानूनी कार्रवाई का डर दिखाकर पीडि़तों से पैसे ट्रांसफर करा लेते हैं। कई मामलों में ठग लोगों को मानसिक दबाव में डालकर लगातार कॉल पर बनाए रखते हैं। उन्होंने कहा कि, इस तरह की ठगी का शिकार बुजुर्ग, अकेले रहने वाले लोग और तकनीक से अनभिज्ञ वर्ग सबसे ज्यादा हो रहा है। ठग उनकी बचत, रिटायरमेंट फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट तक खाली करा लेते हैं। सांसद ने साइबर ठगों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने की मांग की। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में पिछले 3 सालों में डिजिटल अरेस्ट की आड़ में 40 से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जिनमें करीब 32 करोड़ रुपए की ठगी हुई है। साथ ही उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध कॉल या वीडियो कॉल पर तुरंत पुलिस और साइबर सेल को सूचना देने की अपील की है।
निगम सभापति का मोबाइल नंबर हैक, कॉल कर पैसे मांगने की आशंका



