रायगढ़। कोतरारोड़ रेलवे क्रासिंग बंद होने के बाद से यहां रेत व गिट्टी माफियाओं के लिए डपिंग यार्ड ही नहीं बल्कि तस्करी का अड्डा बन गया है। प्रतिदिन रातभर रेत व गिट्टी डंप होने के बाद सुबह होते ही शहर में ट्रैक्टरों के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में इसकी तस्करी हो रही है।
जिला मुख्यालय में खनिज विभाग की शह पर खनिज माफियाओं के हौसले बुलंद है, जिसका जीता जागता उदाहरण कोतरारोड बंद रेलवे क्रासिंग के क्षेत्र है जहां रेलवे व राजस्व की भूमि पर खनिज माफियाओं द्वारा रात भर हाइवा वाहन से गिट्टी व रेत को डंप किया जाता है, लीेकिन इस अवैध खनिज संपदाओं पर रोक लगाने के कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। और इस खाली जगह में तस्कर रेत भंडारण करने में लगे हैं, ताकि महंगे दाम पर रेत-गिट्टी की बिक्री कर सके। ऐसे में इन दिनों अब रेलवे की जमीन को महफुज अड्डा बनाय गया है। क्योंकि जब कोतरारोड़ रेलवे फाटक बंद हुआ है, तब से हीरापुर की तरफ लोगों का आना-जाना लगभग बंद हो गया है। जिसके चलते अब रेत तस्करों के लिए यह जगह बेहतर बन गया है। ऐसे में बिजली विभाग के गोदाम से लेकर रेलवे क्रासिंग तक जगह-जगह कहीं रेती तो कहीं गिïट्टी डंप देखते को मिल रहा है। वहीं स्थानीय लोगों की मानें तो यहां हर दिन रात के समय दर्जनों की संख्या में रेत लोड ट्रैक्टर पहुंचता है, जो सुबह होते तक खाली कर निकल जाते हैं। इसके बाद शुरू होता है बिक्री का दौरा, ऐसे में पूरे दिन सिर्फ उठाव का खेल चलता है, जो भवन निर्माण के लिए सप्लाई होता है। वहीं बताया जाता है कि अभी तक रेत खदानों का ठेका नहीं हुआ था तब तो यहां भंडारण काफी ज्यादा था, लेकिन अब आवक में कमी है आई है, जिसके चलते अब रेती-गिट्टी का भाव भी बढ गया है। इससे आमजन को परेशान होना पड़ रहा है।
रेलवे भी नहीं ले रहा संज्ञान
उल्लेखनीय है कि रेलवे विभाग की जमीन पर खुलेआम तस्करी का खेल चल रहा है, लेकिन उसके बाद भी कार्रवाई करने की बजाय संबधित अधिकारी मुकदर्शक बने हुए हैं। वहीं इस संबंध में अधिकारियों से बात करने पर उनके द्वारा हिलहवाला किया जा रहा है, जिसका फायदा तस्कर असानी से उठा रहे हैं। हालांकि नियमत: रेलवे के परमिशन के बगैर उक्त जगह उपयोग कोई दूसरा नहीं कर सकता है, लेकिन विगत एक साल से उक्त जगह का उपयोग व्यवसायिक के रूप में हो किया जा रहा है।
पुलिस को कानो-कान हवा नहीं
कोतरारोड थाना से 500 मीटर की दूरी पर अवैध रूप से रेत-गिट्टी की बिक्री हो रही है, लेकिन इसकी जानकारी पुलिस को भी नहीं है। वहीं सडक़ से आने-जानेवाले रेत लोड टै्रक्टरों पर तो लगातार कार्रवाई हो रही है, लेकिन डंप किए गए मटेरियल पर ध्यान नहीं दिया है। ऐसे में जब थाना प्रभारी से बात की गई तो उनका कहना था कि यह मामला माइनिंग का है, इससे जो भी जांच व कार्रवाई करनी है, वह माईनिंग ही करेगा।
मूंझे इसकी जानकारी नहीं थी कि अवैध रूप से रेती-गिट्टी की बिक्री हो रही है तो इंस्पेक्टर भेज कर जांच कराते हुए आगे की कारवाई करता हूं।
आरके सोनी, माइनिंग अधिकारी रायगढ़
रेलवे की भूमि अवैध रेत-गिट्टी भंडारण का बना अड्डा
तस्कर यहां डंप कर खुलेआम कर रहे बिक्री, खनिज विभाग व पुलिस को कानो-कान भनक नहीं



