जशपुरनगर। प्रदेश में धान खरीदी प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। इस अवधि में किसानों के बैंक खातों में समर्थन मूल्य की राशि जमा होती है। इसी समय सायबर अपराधी अत्यधिक सक्रिय हो जाते हैं और किसानों को धोखे में लेकर उनके बैंक खाते से पैसों की ठगी करते हैं। इसलिए सभी किसान भाइयों को विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है। सायबर ठग किस तरीके से धोखा देते हैं? सायबर ठग मानसिक रूप से पहले विश्वास जीतते हैं और फिर धीरे-धीरे बैंक संबंधी जानकारी मांगते हैं। इनके सामान्य तरीके निम्न हैं-
फर्जी फोन कॉल
ठग बैंक अधिकारी, समिति कर्मचारी, बीज निगम, खाद्य विभाग या राशन विभाग के अधिकारी बनकर कॉल करते हैं। वे कहते हैं कि आपका भुगतान प्रोसेस नहीं हो पाया है। आपका बैंक खाता आधार से लिंक नहीं है।धान खरीदी पंजीयन अपडेट करना है। भुगतान रोक दिया गया है, सत्यापन करना है, इत्यादि। ठग व्हाटसएप एसएमएस या टेलिग्राम पर लिंक भेजकर कहते हैं- यहाँ क्लिक करें, नहीं तो आपका भुगतान रुक जाएगा, जैसे ही किसान उस लिंक पर क्लिक करते हैं, मोबाइल में वायरस या फ्रॉड एप इंस्टॉल हो जाता है। ठग कहते हैं कि आपके खाते की पुष्टि के लिए ओटीपी भेजा जाएगा, वह बताएं। जैसे ही किसान ओटीपी या यूपीआई-पीन बताते हैं, कुछ सेकंड में खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं। स्क्रीन शेयरिंग ऐप इंस्टॉल करवाना एनी डेस्क, टीमव्हीवर, क्वीकस्पोर्ट जैसे ऐप डाउनलोड करवाते हैं। एक बार इंस्टॉल होते ही मोबाइल स्क्रीन ठगों के नियंत्रण में चली जाती है।
इसे बिल्कुल साझा न करें?
ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड), एटीएम/डेबिट कार्ड नंबर, सीव्हीव्ही नंबर, सूपीआई पीन, आधार ओटीपी, बैंक ऐप का पासवर्ड, बैंक खाते की जानकारी, कोई भी संदिग्ध लिंक, बैंक या सरकारी विभाग कभी भी फोन पर ओटीपी या पीन नहीं मांगते।
सुरक्षित रहने के उपाय
केवल आधिकारिक बैंक शाखा या समिति कार्यालय में ही जानकारी सत्यापित करें।, मोबाइल में यूपीआई लिमिट कम रखें और बायोमेट्रिक लॉक ऐक्टिव करें।, मोबाइल नंबर और आधार केवल सरकारी प्लेटफॉर्म पर ही अपडेट करें। किसी भी अनजान नंबर की कॉल या मैसेज पर तुरंत प्रतिक्रिया न दें। व्हाट्सएप प्रोफाइल फोटो, ई-केवाईसी दस्तावेज और आधार कार्ड बिना जरूरत किसी को न भेजें।
ठगी होने पर क्या करें?
अगर आपके साथ ठगी हो जाती है या किसी कॉल पर संदेह होता है तो राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन- 1930 ऑनलाइन शिकायत- साईबरक्राईम डॉट जीओव्ही ऑट इन निकटतम पुलिस थाना या साइबर सेल को तुरंत सूचना दें।
किसानों के लिए साइबर सुरक्षा जागरूकता संदेश
किसान अपने बैंक खाता/ओटीपी संबंधी जानकारी किसी से भी साझा ना करें



