रायपुर। छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण-2026 का कार्य इन दिनों पूरे राज्य में तेज़ी से चल रहा है। 4 नवंबर से शुरू हुई इस प्रक्रिया के तहत सभी विधानसभा क्षेत्रों में बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) घर-घर जाकर मतदाताओं तक गणना और घोषणा प्रपत्र पहुंचा रहे हैं। इसी बीच राजधानी रायपुर स्थित मुख्य निर्वाचन कार्यालय में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल पहुंचा और एस.आई.आर. प्रक्रिया की समय सीमा बढ़ाने की मांग रखी।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मुलाकात करने पहुंचे इस प्रतिनिधि मंडल में पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, पूर्व मंत्री धनेंद्र साहू, विधायक राघवेंद्र सिंह सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल थे। मुलाकात के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए स्ढ्ढक्र निगरानी समिति के संयोजक मोहन मरकाम ने कहा कि पार्टी ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से तीन महीने तक एस.आई.आर. की अवधि बढ़ाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में खेती-किसानी का मौसम चल रहा है, ऐसे में अधिकांश किसान अपने खेतों में व्यस्त हैं और गांवों से बाहर रह रहे हैं। इस कारण बीएओ को ग्रामीणों तक पहुंचने और प्रपत्र भरवाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
मोहन मरकाम ने कहा, ‘हमने निवेदन किया है कि किसी भी मतदाता का नाम सूची से न कटे, क्योंकि अगर नाम छूट गया तो उसे शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा। बस्तर और सरगुजा संभाग में तो स्थिति और भी जटिल है, वहां दस्तावेज़ों की उपलब्धता और लोगों की उपस्थिति को लेकर बीएलओ को भारी परेशानी हो रही है।’
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने उनकी बातों को गंभीरता से सुनते हुए फिलहाल एक महीने का समय बढ़ाने पर और इस मुद्दे पर जल्द ही केंद्रीय चुनाव आयोग से चर्चा करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, ‘हमें संवैधानिक संस्थाओं पर पूरा भरोसा है। हम चाहते हैं कि मतदाता सूची पूरी तरह निष्पक्ष, त्रुटिरहित और सभी के लिए सुलभ हो। इसीलिए हमने यह निवेदन किया है।’ निगरानी समिति की बैठक को लेकर मरकाम ने कहा कि आगामी बैठक में भी इसी विषय पर विस्तार से चर्चा की जाएगी और सभी जिलों से प्राप्त फीडबैक को प्रस्तुत किया जाएगा।
इस बीच, स्ढ्ढक्र प्रक्रिया को लेकर शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों से कठिनाइयों की शिकायतें सामने आ रही हैं। कई जगह बीएलओ को ग्रामीणों की अनुपस्थिति और दस्तावेज़ों की कमी के कारण काम में बाधा का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस का कहना है कि यदि समय सीमा नहीं बढ़ाई गई, तो बड़ी संख्या में पात्र मतदाताओं के नाम सूची से छूट सकते हैं, जिससे न केवल चुनाव प्रक्रिया प्रभावित होगी बल्कि कई सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को भी नुकसान उठाना पड़ेगा। राज्य निर्वाचन कार्यालय की ओर से इस संबंध में आधिकारिक घोषणा अभी नहीं की गई है, लेकिन माना जा रहा है कि कांग्रेस के निवेदन के बाद आयोग इस पर गंभीरता से विचार कर सकता है।



