रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में दीपावली की रात से मां काली की पूजा अर्चना शुरू हो जाती है। 5 दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में मां की प्रतिमा स्थापित कर श्रद्धालु जागरण करते हैं और आराधना करते है। हर साल यह धार्मिक आयोजन बंगाली समाज कराता है। सोमवार (20 अक्टूबर) की रात 12 बजे सुभाष नगर बंगाली पारा स्थित काली मंदिर में मंत्रोच्चारण के साथ मां की प्रतिमा की स्थापना की गई। जिसके बाद फूलमाला, सिंदूर, दीप से माता की पूजा अर्चना की गई। इस दौरान समाज की महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा था जिसे रात में पूजा-पाठ के बाद पारण किया गया। वहीं मंदिर में सुबह से लेकर शाम तक काफी संख्या में श्रद्धालु मां काली के दर्शन के लिए पहुंचते रहे। काली पूजा समिति के पूर्व अध्यक्ष मुकेश मजुमदार ने बताया कि हर साल यहां काली पूरी आस्था और सादगी से मनाया जाता है। ऐसे में इसके लिए करीब माह भर पहले से तैयारियां की जाती है।
जहां इस बार पिछले की बार की अपेक्षा अधिक सजावट की गई और कई अलग-अलग रंग बिरंगे झालरों व लाईट से पंडाल समेत आसपास के क्षेत्र को सजाया गया है। मंदिर के पास हर दिन भंडारा प्रसाद का वितरण किया जाता है। मंगलवार की शाम को भंडारा श्रद्धालुओं को बांटा गया। इसके अलावा बच्चों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ। जिसमें डांस व अन्य प्रकार की प्रतियोगिता हुई। इसमें समाज व आसपास के बच्चों ने हिस्सा लिया। इस दौरान बच्चों को पुरस्कृत किया गया।
दिवाली की रात से मां-काली की पूजा शुरू
रात भर श्रद्धालुओं ने किया जागरण, 5 दिनों तक होगा धार्मिक आयोजन
