रायगढ़। जिले में एक बार फिर हाथियों का दल सडक़ पार करते दिखा। इसका वीडियो भी सामने आया है। जिसमें 48 हाथी और शावक शामिल हैं। हाथियों को सेफली रोड क्रॉस कराने के लिए हाथी मित्र दल और वनकर्मियों ने दोनों ओर से आ रही गाडिय़ों को रोक दिया।
मामला छाल रेंज के तरेकेला मेन रोड का है। मंगलवार (23 सितंबर) को यह हाथी दल रोड को पार कर कोठीडोंगरी की ओर आगे बढ़ा है। जिसके बाद वहां के ग्रामीणों को अलर्ट किया गया है। इसके एक दिन पहले इसी दल ने धरमजयगढ़ वन मंडल में 34 किसानों की फसलों को खराब किया है।
7 नर, 28 मादा और 13 शावक शामिल
23 सितंबर की शाम को वन अमले को सूचना मिली कि घरघोड़ा की ओर से आए 48 हाथियों का दल छाल के तरेकेला मेन रोड को पार करने के लिए सडक़ किनारे खड़े हुए है। इसके बाद वनकर्मियों और हाथी मित्र दल के सदस्य तत्काल मौके पर पहुंचे। विभाग की टीम ने दोनों ओर से दो पहिया और चार पहिया गाडिय़ों को रोक दिया। इस दल में 7 नर, 28 मादा और 13 शावक शामिल थे, जो वाहनों के आवागमन बंद होने के बाद एक साथ रोड क्रॉस किए।
34 किसानों के फसलों को किया बर्बाद
एक दिन पहले 22 सितंबर की देर रात हाथियों का दल रायगढ़ जिले के जंगल से निकलकर खेतों तक पहुंचा था। जहां धरमजयगढ़ वन मंडल में 26 और रायगढ़ वन मंडल में 8 किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाया है। जिसमें सबसे अधिक छाल रेंज के छाल, लोटान व बनहर में 11 किसानों का, बोरो रेंज के कमोसिनदांड में 10 किसानों का और घरघोड़ा के पुरी गांव में 5 किसानों के अलावा अन्य गांव में हाथियों ने धान की फसलों को रौंदा है।
जिले में 147 हाथियों की मौजूदगी
जिले के दोनों वन मंडल के जंगल में 147 हाथियों की मौजूदगी है। जहां सबसे अधिक हाथी छाल रेंज में 48 और बाकारूमा रेंज में 28 हाथी है। इसके अलावा रायगढ़ रेंज में 16 हाथी मौजूद हैं और अलग-अलग रेंज में हाथियों का दल विचरण कर रहा है। जिसमें 41 नर, 64 मादा और 42 शावक हैं।
गांव में करायी गई मुनादी
छाल रेंज के रेंजर राजेश चौहान ने बताया कि 48 हाथियों का दल शाम के समय तरेकेला मेन रोड को क्रॉस कर आगे बढ़ा है। ऐसे में आसपास के प्रभावित गांव में मुनादी करा दी गई है और किसी प्रकार की सूचना मिलने पर विभाग को सूचना देने कहा है। हाथियों पर लगातार टीम नजर रखी हुई है। ताकि किसी प्रकार का नुकसान न हो सके।
रोड-क्रॉस करते दिखा 48 हाथियों का दल
दोनों ओर गाडिय़ां रोकी गई, 34 किसानों की फसलें भी रौंदी
