रायपुर। छत्तीसगढ़ की मिट्टी एक बार फिर गौरवान्वित हुई है। गाँव किरारी (जिला सक्ती) में जन्मे और हिंदी माध्यम स्कूल से पढ़ाई शुरू करने वाले डॉ. विमल अग्रवाल ने वह कर दिखाया है, जिसकी कल्पना भी कठिन लगती थी। उन्हें दुनिया की सबसे बड़ी स्पाइन संस्था ्रह्र स्श्चद्बठ्ठद्ग की प्रतिष्ठित फेलोशिप के लिए चुना गया है। इस फेलोशिप में पूरे भारत से केवल कुछ ही चुनिंदा सर्जनों का चयन होता है, और उनमें छत्तीसगढ़ के डॉ. अग्रवाल का नाम शामिल होना प्रदेश के लिए गर्व की बात है। इस फेलोशिप के अंतर्गत वे जल्द ही जर्मनी (यूरोप) जाकर विश्व की अत्याधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
शिक्षा और संघर्ष की कहानी
डॉ. अग्रवाल ने अपनी शिक्षा का सफऱ अनेक चुनौतियों के बावजूद जारी रखा।
एमबीबीएस – एनकेपी साल्वे मेडिकल कॉलेज, नागपुर
डिप्लोमा ऑर्थोपेडिक्स : पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, रायपुर
एम.एस. ऑर्थोपेडिक्स : जेएसएस मेडिकल कॉलेज, मैसूरु
एफ.एन.बी. स्पाइन सर्जरी : सर गंगाराम हॉस्पिटल, नई दिल्ली
साधारण ग्रामीण परिवेश और सीमित साधनों से उठकर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया।
काशी स्पाइन हॉस्पिटल : प्रदेश का गौरव
अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद डॉ. अग्रवाल ने रायपुर में काशी स्पाइन हॉस्पिटल की स्थापना की मध्य भारत का पहला एक्सक्लूसिव स्पाइन हॉस्पिटल।
अब तक हज़ारों मरीजों को परामर्श और सैकड़ों जटिल स्पाइन सर्जरी सफलतापूर्वक की जा चुकी हैं। यह प्रदेश का एकमात्र हॉस्पिटल है जहाँ एडवांस्ड स्पाइनल नेविगेशन सिस्टम जैसी अंतरराष्ट्रीय तकनीक उपलब्ध है। यहाँ छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि ओडिशा, झारखंड, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं।
्रAO Spine Fellowship– एक ऐतिहासिक अवसर AO Spine Fellowshipपूरी दुनिया के लिए स्पाइन सर्जरी का सर्वोच्च प्रशिक्षण मंच है। इसमें चयन होना किसी भी सर्जन के लिए अत्यंत गौरव का क्षण है।
डॉ. अग्रवाल अब जर्मनी (यूरोप) जाकर रोबोटिक स्पाइन सर्जरी, नेविगेशन आधारित सर्जरी, स्पाइन एंडोस्कोपी, मिनिमली इनवेसिव स्पाइन तकनीक का गहन प्रशिक्षण लेंगे। जर्मनी तकनीक के क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी देशों में गिना जाता है। वहाँ की एडवांस्ड स्पाइन टेक्नोलॉजी को सीखकर डॉ. अग्रवाल इसे सीधे छत्तीसगढ़ के मरीजों तक पहुँचाएँगे। इससे भविष्य में प्रदेश के मरीजों को और भी अत्याधुनिक व विश्वस्तरीय उपचार अपने ही राज्य में उपलब्ध होगा।
डॉ. विमल अग्रवाल का संदेश
मैं गाँव किरारी की उस मिट्टी से निकला हूँ, जहाँ से मैंने संघर्ष करना और सपने देखना सीखा। सीमित साधनों और साधारण परिवेश में पला-बढ़ा, लेकिन मेरे माता-पिता, गुरुजनों और इस मिट्टी की सीख ने मुझे आगे बढऩे की ताकत दी। ्रह्र स्श्चद्बठ्ठद्ग जैसी दुनिया की सबसे बड़ी संस्था की प्रतिष्ठित फेलोशिप में मेरा चयन मेरे लिए केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि मेरे गाँव, जिला सक्ती और पूरे छत्तीसगढ़ का सम्मान है। यह सिद्ध करता है कि अगर जज़्बा और मेहनत सच्ची हो तो कोई भी सपना बड़ा नहीं होता। मेरा संकल्प है कि प्रदेश के मरीजों को अब दिल्ली, मुंबई या विदेश जाने की ज़रूरत न पड़े। वे यहीं छत्तीसगढ़ की धरती पर, अपने ही रायपुर में विश्वस्तरीय इलाज पाएँगे। यही मेरे जीवन का उद्देश्य और सबसे बड़ी साधना है।
स्पाइन संस्था की प्रतिष्ठित फेलोशिप के लिए चुने गए काशी स्पाइन हॉस्पिटल संस्थापक डॉ. विमल अग्रवाल
छत्तीसगढ़ का नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर किया रोशन : प्रशिक्षण हेतु जाएँगे जर्मनी ‘यूरोप’



