रायगढ़। घरघोड़ा ब्लॉक से आश्चर्यचकित करने वाला एक मामला प्रकाश में आया है। बरसों से फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर पशु क्षेत्र सहायक में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि सुरेंद्र सिंह भाटिया / पिता स्वर्गीय जमीन सिंह भाटिया, जो कि पशु क्षेत्र सहायक घरघोड़ा में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर वर्षों से नौकरी कर रहे हैं। जब छत्तीसगढ़ शासन का गठन नहीं हुआ था। मध्यप्रदेश राज्य में आता था। 1993-94 में जाति प्रमाण पत्र बनाया गया था। पशु विभाग में वे कार्यरत है। न्यायालय द्वारा उन्हें तहसीलदार घरघोड़ा द्वारा जाति प्रमाण पत्र दिया गया है। जिसकी शिकायत कई बार शिकायतकर्ता गुरुनाम सिंह द्वारा की जा चुकी है इसके बाद आज पर्यंत तक किसी भी प्रकार की सुरेंद्र सिंह भाटिया पर कार्यवाही नहीं की गई है । बेधडक़ होकर अनुसूचित जनजाति के तहत कार्य कर रहे अवैधानिक तरीके से शासकीय पद पर कार्यरत कर्मचारी की शिकायत जिला स्तर तक ही नहीं और राज्यपाल तक की जा चुकी है।
आपको बताना चाहेंगे कि सुरेंद्र सिंह भाटिया एक शासकीय पद की गरिमा को कई वर्षों से धूमिल कर रहा है। फर्जी दस्तावेज के तहत अपने आप को उन्होंने आदिवासी बनाकर सबसे पहले जाति प्रमाण पत्र बनवाया उसके बाद लगातार कई वर्षों से कार्य भी कर रहे। जिसमें कई मर्तबा तहसीलदार घरघोड़ा इसकी शिकायत भी की जा चुकी, लेकिन रसूखदार होने के कारण इस पर कार्यवाही नहीं की गई है मानों शासन प्रशासन आंखें मूंद कर बैठा हुआ है। पैसे के दबदबे ने जिला प्रशासन को भी नतमस्तक कर दिया है। जिसकी इस फर्जी जातिप्रमाण पत्र की शिकायत एक बार नहीं सैकड़ो बार की जा चुकी है। लेकिन जांच के संबंध में कभी भी उचित कार्यवाही नहीं की गई है। थकहार कर शिकायतकर्ता ने एक बार फिर सहायक आयुक्त अनुसूचित जनजाति रायगढ़ में शिकायत की है। हमेशा ही उन्हें आश्वासन देकर जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते।