रायगढ़। बीते दिनों शहर के सोनियानगर में झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से एक युवक की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग गहरी नींद में गाफिल है। छपोरा में एनटीपीसी के सामने एक फर्जी डॉक्टर डंके की चोट पर खुलेआम 8 बाई 8 के कमरे में हॉस्पिटल चला रहा है। बिना डिग्री का डॉक्टर लोगों से कहता फिरता है कि मेरे पास हर मर्ज की दवा है..! इतना ही नहीं इस क्लीनिक में इंजेक्शन से लेकर स्लाइन चढ़ाने तक की सुविधा उपलब्ध है और वह मरीजों को अपने हिसाब से दवाई भी देता है। इस तरह के झोलाछाप डॉक्टर को सलाखों के पीछे भेजने के बजाय स्वास्थ्य विभाग फिर किसी की मौत का इंतजार कर रहा है।
दरअसल कलकत्ता (पश्चिम बंगाल) निवासी हिमानिश बिस्वास बीते 7 सालों से छपोरा में रहता है और एनटीपीसी गेट के सामने 8-8 के दुकान को किराया में लेकर यहां अपना खुद का अस्पताल चलाता है। लोग इसे बंगाली डॉक्टर के नाम से भी बुलाते हैं। इसके पास कार्टून में दवा, सिरिंज, डिस्पोजल, इंजेक्शन, स्लाइन का जखीरा भरा पड़ा है। वहीं यह फर्जी डॉक्टर चोटिल लोगों का ऑपरेशन भी करता है। अपने पास आने वाले मरीजों को अंदाजन इंजेक्शन लगा कर दवा देता है। जब मरीज की तबीयत बिगडऩे लगती है तो तत्काल
उसे दूसरे अस्पतालों में रेफर कर देता है, ताकि अपने उपर बात न आए। उसे डॉक्टरी का बिल्कुल भी ज्ञान नहीं है और उसके पास कोई डिग्री भी नहीं है। वह खुद इस बात को स्वीकारता है। इसके बाद भी वह इतने सालों से फर्जी डॉक्टर बन कर लाखों कमा रहा है। उसके पास रोजाना दो दर्जन से अधिक मरीज आते हैं। स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में ही वह अपनी दुकान चलाते हुए लोगों की जान को जोखिम में डाल रहा है। ऐसे फर्जी डॉक्टर पर कार्रवाई नहीं होना स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाता है।
छपोरा में झोलाछाप डाक्टर दे रहा हर मर्ज की दवा
एक मौत के बाद भी प्रशासन नींद में गाफिल
