धरमजयगढ़। जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र में मानक स्तर से नीचे लटकते हाई टेंशन बिजली तार की चपेट में आने से एक नर हाथी की मौत हो गई। घटना धरमजयगढ़ रेंज की है, जिसमें बायसी इलाके में एक नर दंतैल हाथी खेतों के बीच से गुजरे 11 केवी लाइन की जद में आ गया। इस पूरे मामले में धरमजयगढ़ डीएफओ अभिषेक जोगावत ने बताया कि जहां यह घटना हुई वहां पर बिजली का तार मानक ऊंचाई से काफी कम लेबल पर लटक रहा है, जिसकी चपेट में आकर इस नर हाथी की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि जांच में जिसकी भी लापरवाही की बात सामने आएगी उस पर कार्रवाई की जाएगी। डीएफओ ने बताया कि बिजली के तारों को व्यवस्थित करने के लिए विद्युत विभाग से कई बार पत्राचार किया गया है।वहीं, घटनास्थल पर मौजूद धरमजयगढ़ विद्युत विभाग के एक अधिकारी राजेंद्र कुजूर ने मानक ऊंचाई से नीचे झूलते 11 केवी बिजली कनेक्शन के चपेट में आने से नर हाथी की मौत को एक दुर्घटना बताया है।
बता दें कि बुधवार की सुबह धरमजयगढ़ रेंज अंतर्गत बायसी व नरकालो गांव के बीच एक खेत में नर हाथी का शव ग्रामीणों ने देखा। इस बीच घटनास्थल पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई और घटना की सूचना वन विभाग को दी गई। जिसके बाद आननफानन में वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और आगे की आवश्यक जांच में जुट गए।
मालूम हो कि धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र में ऐसे कई इलाके हैं जहां से गुजरने वाली बिजली लाइन के तार काफी नीचे लटक रहे हैं। वहीं, बिजली व्यवस्था में सुधार व मानकों के पालन को लेकर विद्युत वितरण कंपनी, न्यायालयीन आदेशों की अवहेलना करने के उन आरोपों का सामना कर रही है जिसमें भारत सरकार द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय व एनजीटी के आदेशों का हवाला देते हुए बिजली वितरण कंपनी को अपने खर्च से सभी सुधार करने का आदेश दिया गया है। खबरों के मुताबिक इन सब के बावजूद ऊर्जा विभाग व वन विभाग के बीच अनियमित विद्युत लाइन से हाथियों की सुरक्षा को लेकर किए जाने वाले तमाम सुधार के लिए खर्च को लेकर पत्राचार जारी है।
इधर, धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र में विभाग के द्वारा लगातार ऐसे अवैध, अनियमित बिजली कनेक्शन व फेंसिंग हटाने की कवायद की जा रही है लेकिन बावजूद इसके करंट लगने से हाथियों की मौत की घटनाएं भी लगातार सामने आ रही हैं। बहरहाल, इस मामले में धरमजयगढ़ वन विभाग के आला अधिकारी मापदंड के विपरीत नीचे लटकते बिजली तार की चपेट में आने से हाथी की मौत होना बता रहे हैं और बिजली विभाग के अधिकारी इसे एक ‘दुर्घटना’ मान रहे हैं।
क्षेत्र में 91 हाथियों का दल कर रहा विचरण
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार इन दिनों धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र में ही 91 जंगली हाथियों का दल अलग-अलग समूहों में विचरण कर रहा हैं जिनमे नर हाथियों की संख्या 26, 41 मादा के अलावा 24 शावक शामिल है। धरमजयगढ़ के आमगांव में जहां 25 जंगली हाथी, इंचपारा में 22 जंगली हाथी के अलावा अलग-अलग रेंज में जंगली हाथियों की मौजदूगी है। हाथी प्रभावित गांवों में इन दिनों जंगली हाथियों का आतंक अधिक बढ़ गया है जिससे गांव के ग्रामीण भी दहशत में आ गए हैं।
इसी क्षेत्र में हाथी-मानव द्वंद्व सबसे अधिक
विदित रहे कि धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र में हाथी और मानव के बीच लंबे समय से द्वंद्व जारी है। जिसके परिणाम आए दिन निकलकर सामने आते रहे हैं, कभी हाथी के हमले से इंसान की मौत तो कभी करंट की चपेट में आने जंगली हाथी की मौत के घटनाएं अखबारों की सर्खियां बनते रही है। धरमजयगढ़ क्षेत्र के गांव के ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से जंगली हाथी पूरे क्षेत्र में घूम-घूमकर धान के अलावा अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं जिससे वे त्रस्त हो चुके है। रतजगा करने के बावजूद ग्रामीण अपनी फसलों की सुरक्षा कर पाने में असमर्थ हो चुके हैं। वन विभाग की टीम हाथी प्रभावित क्षेत्रों में मुनादी कराकर गांव वालों को हाथी से सावधान रहने की अपील करता है लेकिन जंगली हाथियों के उत्पात को रोकने किसी प्रकार कोई मदद नही की जाती।
हाईटेंशन बिजली तार की चपेट में आकर नर हाथी की मौत
डीएफओ ने बिजली विभाग पर फोड़ा ठीकरा, जे.ई. ने बताया ‘एक्सीडेंटल’
