रायपुर। राज्य सरकार 1227 व्याख्याताओं (टी संवर्ग) को पदोन्नति देने के आदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है। स्कूल शिक्षा विभाग के जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि इन शिक्षकों की पदोन्नति के बाद पदस्थापना काउंसलिंग के माध्यम से की जाएगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहे। पदोन्नति पाने वाले हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित, भौतिकी, रसायन, जीवविज्ञान, राजनीति शास्त्र, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र और वाणिज्य जैसे मुख्य विषयों के व्याख्याता शामिल हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के मुताबिक, पिछले एक साल में करीब 7000 शिक्षकों को जिला और संभाग स्तर पर पदोन्नत किया गया है। इसके साथ ही, 2621 सहायक शिक्षक (विज्ञान लैब) की सीधी भर्ती भी की गई, जिससे प्रयोगात्मक शिक्षा को और मजबूत किया जा सके। इससे पहले 30 अप्रैल 2025 को करीब 2900 प्राचार्यों के पदोन्नति आदेश जारी किए गए थे। जल्द ही टी संवर्ग के पदोन्नत प्राचार्यों की पदस्थापना भी काउंसलिंग के जरिए की जाएगी। इससे स्थान की आवश्यकता और पारदर्शिता दोनों को सुनिश्चित किया जा सकेगा। ई संवर्ग (श्व संवर्ग) के प्राचार्यों से जुड़ा मामला माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि न्यायालय के निर्णय के बाद समयबद्ध रूप से कार्रवाई की जाएगी।
छत्तीसगढ़ और कई अन्य राज्यों) में स्कूल शिक्षा विभाग शिक्षकों को अलग-अलग ‘संवर्ग’ यानी कैडर या कैटेगरी में बांटा गया है। जो उनके पद, जिम्मेदारी और सेवा क्षेत्र के अनुसार होते हैं। मोटे तौर पर तीन प्रमुख संवर्ग होते हैं। इसमें माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के व्याख्याता, शिक्षक आदि शामिल होते हैं। यह संवर्ग आमतौर पर 9वीं से 12वीं तक के शिक्षकों को कवर करता है। उदाहरण- व्याख्याता (हिन्दी, अंग्रेजी, गणित आदि विषयों के) जो 11वीं-12वीं के बच्चों को पढ़ाते हैं।
अभी जिन 1227 व्याख्याताओं को प्रमोशन मिला है वो इसी कैटेगरी के हैं। श्व संवर्ग (एलीमेंट्री कैडर) इसमें प्राथमिक (1-5वीं) और माध्यमिक स्तर (6-8वीं) तक पढ़ाने वाले शिक्षक आते हैं। जैसे- सहायक शिक्षक, प्रधानपाठक, माध्यमिक शिक्षक। एलआर संवर्ग (लेक्चरर रिक्रूटमेंट संवर्ग- विशेष तौर पर उच्च पदों के लिए) यह उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के लिए व्याख्याताओं की सीधी भर्ती या विशेष प्रमोशन कैटेगरी हो सकती है।
टी-संवर्ग के 1200 से अधिक लेक्चरर का प्रमोशन
ई-संवर्ग के प्राचार्यों का मामला कोर्ट में अटका
