रायगढ़। शुक्रवार की सुबह इलाज कराने रायगढ़ आ रहे एक युवक को तेज रफ्तार भारी वाहन ने अपनी चपेट में ले लिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है।
उल्लेखनीय है कि मौत का वारंट लेकर दौड़ रही भारी वाहनों के चपेट में आने से आए दिन लोग बेमौत मारे जा रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी इन भारी वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक नहीं लग रहा पा रहा है। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार डभरा थाना क्षेत्र के कुसमुल चौकी निवासी रमेश कुमार कुर्रे पिता भवानीलाल कुर्रे (30 वर्ष) टेंडा-नावापारा में काम करता था, ऐसे में विगत कुछ दिनों से उसके पेट में पथरी होने के कारण हमेशा दर्द से परेशान रहता था, जिससे गुरुवार को रात में अपने परिजनों को बताया कि दिक्कत काफी बढ़ गया है, जिससे उसे अच्छे उपचार की जरूरत है। ऐसे में परिजनों ने कहा कि रायगढ़ में उपचार कराए, जिससे वह शुक्रवार को सुबह उपचार के लिए रायगढ़ जिला अस्पताल बाईक से आ रहा था। इस दौरान सुबह करीब 11.30 बजे अभी उर्दना तिराहा के पास पहुंचा था कि पिछे से आ रही एक तेज रफ्तार भारी वाहन ने उसे अपने चपेट में लिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं घटना को देख प्रत्यक्षदशिर्यों ने वाहन को रोकने का प्रयास किया, लेकिन वह निकल गया, ऐसे में रमेश कुर्रे घायल अवस्था में सडक़ में पड़ा रहा, लेकिन कुछ ही समय में उसकी मौत हो गई। वहीं घटना की सूचना पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और उसके शव को जिला अस्पताल भेजा, साथ ही पतासाजी करते हुए घटना की सूचना परिजनों को दिया, जिससे परिजनों के आने बाद मर्ग कायम कर पीएम उपरांत शव सौंप दिया है।
इस संबंध में परिजनों का कहना है कि मृतक रमेश टेंडा-नवापारा में ही रहकर काम करता था, और शादी-शुदा था, जिससे करीब 20 से 25 दिन पहले ही उसकी एक बेटी हुई है। जिससे लगातार घर उसका आना-जाना लगा रहता था, लेकिन विगत कुछ दिनों पथरी के बीमारी से काफी परेशान था। जिसके उपचार के लिए रायगढ़ आते समय यह हादसा हो गया।
आए दिन हो रहे हादसे
गौरतलब हो कि शहर से लगे एनएच में इन दिनों बेधडक़ भारी वाहनों दौड़ रही है, जिससे उनकी गति तेज होने के कारण छोटे वाहन चालकों को अपने में चपेट में ले ले रहे हैं। हालांकि यातायात विभाग द्वारा कुछ दिनों पहले भारी वाहन चालकों की जांच की जा रही थी, जिससे काफी हद तक दुर्घटनाओं में कमी आ रही थी, लेकिन अब जांच बंद हो जाने के कारण फिर वाहन चालक शराब के नशे में वाहन चला रहे हैं, साथ ही कई बार तो रात होते ही वाहनों की स्टेरिंग परिचालकों के हाथों में चला जाता है, जिसके चलते भी हादसे होते हैं। ऐसे में जब तक चालकों की जांच के साथ वाहनों के रफ्तार पर रोक नहीं लगाई जाएगी तब तक सडक़े बेकसुरों के खून से लाल होती रहेगी।
डंपर की चपेट में आए बाइक चालक की मौत
फिर एक बेकसूर के लहू से लाल हुआ उर्दना तिराहा, मृतक इलाज कराने आ रहा रायगढ़
