रायगढ़। केके फिल्म्स व रायगढ़ दृष्टि संस्था के संयुक्त तत्वावधान में 27 जुलाई को मिसाइलमैन के नाम से मशहूर भारत रत्न देश के 11वें राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि मनाई जाएगी। इस अवसर पर गोष्ठी व सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में शिक्षा, समाजसेवा, साहित्य व अन्य क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वालों का सम्मान किया जाएगा। संस्था की ओर से इसकी तैयारियां की जा रही हैं।
रायगढ़ दृष्टि व केके फिल्म्स के डायरेक्टर कमल शर्मा ने बताया कि भारत के 11वें राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक महान विचारक, लेखक और वैज्ञानिक थे, जिन्हें हम मिसाइलमैन के नाम से भी जानते हैं। यह मेरा सौभाग्य रहा कि उनके रायपुर प्रवास के दौरान मुझे उनसे मिलने का मौका मिला। यह क्षण मेरे जीवन का अविस्मरणीय और कभी न भूलने वाला है। इतने उच्च पद पर आसीन, महान व्यक्तित्व के धनी डॉ. कलाम साहब ने इतनी सरलता व सहजता के साथ मुझसे मिला और मेरे फोटो एल्बम व फोटोग्राफी की सराहना करते हुए मुझे आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया, यह मेरे जीवन की बहुत बड़ी उपलब्धि थी। उनकी जयंती व पुण्यतिथि पर हमारी संस्था की ओर से हर साल कार्यक्रम आयोजित कर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन व अनुकरणीय कार्य करने वालों को सम्मानित किया जाता है। इसी कड़ी में इस साल भी 27 जुलाई को उनकी पुण्यतिथि पर यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। 27 जुलाई को होने वाले कार्यक्रम में वक्तागण डॉ. कलाम साहब के जीवन चरित्र, उनके कार्यों, उपलब्धियों पर वक्तव्य देंगे। इसी कार्यक्रम में शहर के उन लोगों को सम्मान किया जाएगा, जिन्होंने शिक्षा, समाजसेवा, साहित्य सहित अन्य क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धि हासिल किए हैं।
डॉ. कलाम का जीवन सभी के लिए प्रेरणा स्रोत
एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉक्टर अबुल पाकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम है। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 में तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था और 27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में व्याख्यान देते समय हृदय गति रुकने से निधन हो गया था। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने साल 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। डॉ. कलाम को 1981 में पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। डॉ अब्दुल कलाम एक ऐसे महान व्यक्ति थे, जिनका संघर्षपूर्ण जीवन कई लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बना। उन्होंने भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन, डीआरडीई और इसरो जैसे संस्थानों में अपनी अहम भूमिका निभाई और भारत को स्वतंत्रता के बाद से रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में उच्चतम स्थान पर पहुंचाया।