सारंगढ़। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम और नशामुक्ति अभियान के अंतर्गत 31 मई 25 को कलेक्टर संजय कनौंजे के निर्देशानुसार डॉ. एफ आर निराला (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) के मार्ग दर्शन में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस महा अभियान तहत ‘तंबाकू और निकोटीन उत्पादों पर उद्योग की रणनीति को उजागर करना’ के थीम पर विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर शपथ लिया गया, साथ ही साथ उन सभी हितग्राहियों जिन्होंने जिला सारंगढ़ तम्बाकू नशामुक्ति केंद्र में काउंसलिंग और निकोटिन पैच लिया था उन सभी हित ग्राहियों को प्रशस्ति पत्र दिया गया जो अब तंबाखू, गुड़ाखू की लत को छोड़ चुके है।इन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि दांतों मसूड़ों में दर्द होने के कारण गुड़ाखू का उपयोग कुछ समय से कर रहे थे।डेंटिस्ट मैडम के समझाइश के बाद हमने फरवरी माह से गुड़ाखू को छोड़ चुके है।तंबाखू आज वनस्पति है इसमें निकोटिन नामक पदार्थ पाया जाता है तंबाखू के इस्तेमाल करने से निकोटिन शरीर के विभिन्न अंगों में जाने के बाद अपना प्रभाव दिखाता है शुरू में तो इन्हें कुछ देर के लिए अच्छा महसूस होता है जो कुछ ही देर में समाप्त हो जाता है।बार बार उपयोग करते जाते है तंबाखू में एक और विशेषता है कि – इसकी लत बहुत जल्दी लग जाती है वैसे तंबाखू को लोग कई रूप में इस्तेमाल करते है जैसे धुआं सहित जिसमे बीडी सिगरेट चिलम चोगी, हुक्का आदि इससे तंबाखू के निकोटिन चुकी धुआं के साथ फेफडे में प्रवेश करता है लगातार गर्म धुवां जिसमे निकोटिन होता है के कारण फेफड़े के अलविएलाई डैमेज होने लगता और लंबे समय तक इस्तेमाल करने से फेफड़ा कोल तार जैसा हो जाता है फेफड़ा पूरी तरह से डैमेज हो जाता है और कैंसर बन जाता है।
विदित हो कि वैसे ही धुवां रहित तंबाखू के प्रयोग से जिसमे खैनी, गुटखा, गुड़ाखू के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके लगातार उपयोग किए जाने से मुंह में घाव,अल्सर,कैंसर जैसा गंभीर बीमारी हो जाता है।लंबे समय तक उपयोग करने से मुंह छोटा हो जाता है मुंह पूरी तरह खुलता नहीं है।जिसे छोटा मुंह के नाम से जानते है दोनों ही प्रकार से तंबाखू का उपयोग करना वाले व्यक्ति को भूख कम लगना,पाचन सही नहीं होना नींद नहीं आना चिड़चिड़ा पन आना, गुस्सा करना दिल की धडक़न बढ़ जाना ज्यादा पसीना आना ये सब ड्ढद्यशशस्र प्रेशर बढऩे के लक्षण है ऐसे लोगों को हार्ट अटैक आने की शिकायत मिलती है। ब्रेन हेमरेज होती है,क्षपक्षाघात होती है ये। असंक्रामक बीमारी होती है असंक्रामक बीमारी के जनक तंबाखू एवं तंबाखू ही है महिलाओं को एक्टिव या पैसिव रूप से गिरफ्त में लेता है परिणाम स्वरूप गर्भावस्था में गर्भ पात होना, कम वजन के बच्चे होना, समय से पहले प्रसव होना आदि, महिलाओं में बांझपन का होना,पुरुषों में नपुंसकता का होना, दांतों में पिलापन होना दिखाता है अत: तंबाखू के उत्पाद के इस्तेमाल से किसी भी प्रकार के फायदे होने की संभावना नहीं होती सिर्फ और सिर्फ नुकसान होती है। अत: एक सभ्य समाज निर्माण में हमें तंबाखू उत्पाद के उपयोग को बंद करना ही होगा तब ही हमारे भविष्य सुरक्षित हो जाएगा इस कार्यक्रम में डॉ एफ आर निराला (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी), डॉ दीपक जायसवाल (सिविल सर्जन), डॉ आर. एल. सिदार (खण्ड चिकित्सा अधिकारी सारंगढ़), डॉ बी पी शाय (वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी), विनय तिवारी (समाज कल्याण विभाग), मनोज साहू ( जिला लेखा प्रबंधक), डॉ. इन्दु सोनवानी (जिला नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम), सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के समस्त चिकित्सा अधिकारी एवम समस्त कर्मचारी उपस्थित थे।
स्वा. विभाग, समाज कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वाधान में नशामुक्ति अभियान
