रायपुर। राजधानी रायपुर के सरकारी अस्पताल मेकाहारा में पत्रकारों के साथ मारपीट मामले में कांग्रेस ने सोशल मीडिया में पोस्टर जारी कर सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा, अस्पताल की पोल खुलने से बचाने गुंडों को तैनात किया गया है। एक्स पर कांग्रेस ने लिखा, प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल मेकाहारा हॉस्पिटल में बाउंसरों का कहर है. खस्ता हाल व्यवस्थाओं और लापरवाही को ठीक करने की बजाए भारी भुजाओं वाले गुंडे पाल लिए गए हैं, जो मीडिया कर्मियों के साथ मारपीट, बदतमीजी कर भीतर की पोल खुलने से बचाते हैं.
प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने एक्स पर पोस्ट कर इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा, प्रदेश के सबसे बड़े और प्रख्यात सरकारी अस्पताल मेकाहारा में हुई अप्रिय और हिंसक घटना बहुत चौंकाने वाली और अत्यंत निन्दनीय है। सरकारी अस्पताल में बाउंसर के रूप में हिंसक और असामाजिक तत्वों का मौजूद होना और पत्रकारों के विरुद्ध प्रशासन की मौजूदगी में हिंसा और बदतमीजी करना प्रदेश की कानून व्यवस्था और पत्रकारिता की स्वतंत्रता का हाल साफ दिखाता है। सिंहदेव ने कहा, मैं प्रदेश के पत्रकार साथियों के साथ मजबूती से खड़ा हूं. उनकी सुरक्षा, रिपोर्ट और सवाल करने की स्वच्छंदता के लिए पूरी शक्ति के साथ आवाज उठाऊंगा। मेकाहारा में पत्रकारों को चाकूबाजी से पीडि़त वर्ग की रिपोर्टिंग करने से रोका गया. अस्पताल में जब बाउंसर सप्लाई करने वाली एजेंसी का संचालक वसीम पिस्तौल लेकर अस्पताल पहुंचा तो विवाद बढ़ा. वसीम अपने 3 बाउंसर के साथ मिलकर पत्रकारों को धमकाने लगा. पुलिस की मौजूदगी में उसने महिला सुरक्षाकर्मियों को अस्पताल के गेट से बाहर निकालकर पत्रकारों की ओर धकेलना शुरू किया. अस्पताल के गेट पर ही पुलिस ने रिपोर्टरों को रोका. सभी पत्रकार बाउंसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे. लगभग 3 घंटे बीद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो सभी पत्रकारों ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर दिया.
पत्रकार धरने पर बैठे तो मौके पर रायपुर के स्स्क्क डॉक्टर लाल उम्मेद सिंह भी पहुंचे. पत्रकारों ने कहा कि अंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक स्वयं यहां आए और घटना को लेकर कार्रवाई की जानकारी दें. इसके बाद अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर सीएम हाउस गेट के पास पहुंचे. उन्होंने दुर्व्यवहार को लेकर माफी मांगी. उन्होंने कहा कि अस्पताल की सुरक्षा में लगी कॉल मी सर्विस के टेंडर को निरस्त करने की अनुशंसा को लेकर सरकार को पत्र लिखेंगे. धरने में बैठे रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर से स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने फोन पर बातचीत की. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पत्रकारों को इस तरह से धमकाने वाले लोगों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा, इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी. स्वास्थ्य मंत्री से कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद देर रात पत्रकारों ने धरना प्रदर्शन को स्थगित किया।
अधीक्षक ने डीन से की बड़ी कार्रवाई की सिफारिश
राजधानी के डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल (मेकाहारा) में रविवार देर रात बाउंसरों द्वारा पत्रकारों के साथ की गई बदसलूकी और मारपीट के मामले में अब प्रशासनिक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने रायपुर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. विवेक चौधरी को पत्र लिखकर विवादित सुरक्षा एजेंसी ‘कॉल मी सर्विस’ के ठेके को तत्काल निरस्त करने की सिफारिश की है। डॉ. सोनकर ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि प्राइवेट ठेका कंपनी द्वारा तैनात सुरक्षा कर्मियों की वजह से हुई घटना से अस्पताल की छवि को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के साथ हुई घटना बेहद दुर्भाग्यजनक है और इससे अस्पताल प्रशासन की भी किरकिरी हुई है। डॉ. सोनकर ने बताया कि रविवार देर रात पत्रकारों के प्रदर्शन के दौरान उन्होंने खुद मौके पर पहुंचकर संवाददाताओं से बातचीत की थी और कार्रवाई का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा, मैंने आज सुबह कार्यालय खुलते ही डीन को पत्र भेजकर ठेका निरस्त करने की सिफारिश की है। ‘कॉल मी सर्विस’ ठेका कंपनी जहां-जहां संचालित है, वहां-वहां विवाद आम बात हो गई है। यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी अलग-अलग मामलों में इस कंपनी को नोटिस जारी हुए हैं लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। कुछ समय पहले स्वास्थ्य मंत्री मेकाहारा के औचक निरीक्षण पर पहुंचे थे, तब ‘कॉल मी सर्विस’ की लापरवाही उजागर हुई थी और कंपनी को नोटिस जारी किया गया था। ‘कॉल मी सर्विस’ डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल, दाऊ कल्याण सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, जिला अस्पताल पंडरी, जिला प्रसव अस्पताल कालीबाड़ी और एम्स में संचालित है। इन सभी जगहों पर इस कंपनी का विरोध हो चुका है। इन संस्थानों में नोटिस झेल चुकी यह कंपनी कांग्रेस शासनकाल में ठेका पाने के बाद अब बीजेपी शासन में भी एक्सटेंशन पर संचालित की जा रही है, जो कि चौंकाने वाली बात है।