रायगढ़। जिले के लैलूंगा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत कुंजारा के बांधापारा मोहल्ले में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां ग्राम पंचायत उप सरपंच जय मंगल भगत, पंच पति जगबंधु यादव, पटवारी गोविंद बड़ा, प्रहलाद मेहर और गुड्डू यादव द्वारा एक पीडि़त परिवार को निशाना बनाते हुए न केवल उनका पशु शेड तोड़ डाला, बल्कि मोहल्ले के लोगों को उस परिवार से बातचीत करने पर 1000 जुर्माना लगाने का फरमान भी जारी कर दिया।
बताया जा रहा है कि यह सारा विवाद पीडि़त परिवार के पूर्वजों द्वारा काबिज एक जमीन को लेकर है, जिसे कुछ मोहल्ले के दबंग खाली करवाना चाहते है। जब परिवार ने जमीन खाली करने से इनकार किया, तो पंचायत प्रतिनिधियों और कुछ ग्रामीणों ने मिलकर उनके घर पर धावा बोल दिया। उनके पशु शेड को तहस-नहस कर दिया गया और चारे के लिए रखे पुआल को भी बर्बाद कर दिया गया। इस पर भी जब लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ, तो मोहल्ले में दोबारा बैठक बुलाई गई जिसमें यह तुगलकी फरमान सुनाया गया कि यदि कोई भी व्यक्ति उस परिवार से बात करता है तो उसे 1000 का अर्थदंड भरना होगा। साथ ही मोहल्ले के दुकानदारों को भी निर्देशित किया गया कि वे पीडि़त परिवार को कोई सामान न दें। यहां तक कि उनके पशुओं को भी मोहल्ले में चरने से रोक दिया गया। डरे-सहमे पीडि़त परिवार ने आखिरकार लैलूंगा थाने में पहुंचकर इस पूरे मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस तालिबानी फैसले के खिलाफ क्या कदम उठाता है एक तरह से विष्णु सरकार के सुशासन की यह अग्नि परीक्षा है।
‘तालिबानी पंचायत’ परिवार को समाज से किया बहिष्कृत
