सारंगढ़-बिलाईगढ़। प्रदेश स्तर पर सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले को शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि मिला है। जिले के शिक्षक सुखमति चौहान के साथ अन्य चार शिक्षकों का मेहनत रंग लाई इन शिक्षकों का प्रयास और मेहनत काफ़ी सराहनीय है। इन्होने शिक्षा के क्षेत्र मे प्रदेश मे सारंगढ़ जिला का नाम रोशन किया है और अन्य शासकीय स्कूलों के शिक्षक और विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक बन गए हैँ, जिससे नई शिक्षा नीति के तहत एफएलएन की प्राप्ति व कोरोनाकाल में बच्चों की शाला न खुल पाने के कारण जो बौध्दिक व मानसिक विकास में क्षति हुई उसकी भरपाई के लिए शासन स्तर पर लगातार प्रयास जारी था। कई सारे प्रयास के बावजूद अपेक्षित दक्षता में कमी को दूर करने के लिए सुनील मिश्रा के मार्गदर्शन में 66 शिक्षकों के समूह में एक राज्य स्तरीय टीम नवाजतन के नाम से बनी जिसमे सीखने की क्षमता में वृद्धि व चुनौती देकर बच्चों को समूह, ग्रुप व गली मित्र की अवधारणा से सीखने पर बल दिया गया। साथ ही तकनीक व प्रौद्योगिकी का सही उपयोग बच्चों की जिज्ञासा को बढ़ावा देने व अंत मे प्रोत्साहन हेतु सेल्फी विद सक्सेस जैसे रोचक व लाभप्रद गतिविधियों को कक्षा कक्ष में स्थान दिया गया। राज्य के जिन संस्थाओं में यह प्रयोग हुआ वहाँ बहुत अच्छा व अपेक्षित परिणाम देखने को मिला।
शासकीय प्राथमिक शाला फर्सवानी के कक्षा दूसरी के बच्चों ने भाषा में 1 मिनट में 45 शब्द पढऩा था वहां पर बच्चे 60,80,120 शब्द पढ़ रहे और शब्द से वाक्य बनाना सिखा। शब्द से कविता बनाना, शब्द से कहानी बोलना, बोले गए शब्द को सुनकर लिखना। गणित में 100 अंकों को पहचानने के स्थान पर लाख तक की संख्याओं को पहचान कर पढ़ पाते हैं साथ ही गणित में घटाव, गुणा, भाग करके गणित के सभी अवधारणाओं संक्रियाओं को पूरा करते हुए गणित की अवधारणाओं को पूरा करके अपने कक्षा स्तर के चुनौती से आगे निकलते हुए चुनौती को पूरा करने में बच्चे खरे उतरे।
राज्य के लगभग 1500 शालाओं ने आगे इस चुनौती को ऑनलाइन स्वीकार करते हुए अपने कक्षा के शत प्रतिशत बच्चों में अपेक्षित दक्षता लाने का फार्म भरा। आगे ऑनलाइन व ऑफलाइन चयन में 100 शालाओं ने इस चुनौती में खरा उतरते हुए सफलता प्राप्त की। इन शिक्षकों का सम्मान छत्तीसगढ़ के एक यूनिवर्सिटी में राज्य परियोजना कार्यालय के संयुक्त संचालक योगेश शिवहरे व सहायक संचालक आशुतोष चावरे के सानिध्य में हुआ। इन्होंने सभी शिक्षकों को बधाई देते हुए अपने जिलों में नई रणनीति के साथ काम करने हेतु प्रेरित किया ताकि 2027 तक एफएलएन को प्राप्त किया जा सके।
क्या है बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान (एफएलएन)
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एक घटक है, इसे निपुण भारत मिशन के अंतर्गत चलाया जा रहा है। बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान (एफएलएन: फाउंडेशन लिट्रेसी एंड न्यूमेरेसी) का प्रमुख उद्देश्य है कि वर्ष 2025-26 तक 3 वर्ष से लेकर 8 वर्ष आयु तक वाले सभी बच्चों का समग्र विकास करना, बच्चों को बुनियादी शिक्षा प्रदान करना, बच्चों को पढऩे लिखने और समझने के साथ ही गणितीय गणना में दक्षता हासिल करना, बच्चों को मजबूत बुनियादी शिक्षा देना जो कि उनके भविष्य की सफलता के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। एफएलएन कार्यक्रम में आनंद आधारित सीखने पर ज्यादा जोर दिया जाता है, बच्चों को सीखने के लिए कहानी, गीत, नृत्य, टीएलएम एवं अन्य गतिविधियों के माध्यम से रोचक बनाने का प्रयास किया जाता है। यह सब करने का उद्देश्य बच्चों में रुचि पैदा करना होता है एवं इससे बच्चे बेहतर समझ पाते हैं।
सम्मानित शिक्षक
सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले से चैतन पटेल के नेतृत्व में जो शिक्षक सम्मानित हुये उनमें सुखमती चौहान शासकीय प्राथमिक शाला फर्सवानी, अनुराज वर्मा, दुर्योधन खम्हारी शासकीय प्राथमिक शाला बम्हनीपाली, उषा चौहान शासकीय कन्या प्राथमिक शाला भटगांव एवं राजेश कुमार देवांगन शासकीय प्राथमिक शाला घाना शामिल है।
5 शासकीय शिक्षकों को मिला एफएलएन सह नवा जतन सम्मान
