रायगढ़। शहर में सडक़ दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए ट्रैफिक विभाग और नागरिकों को मिलकर सडक़ सुरक्षा को लेकर अधिक संवेदनशील और जागरूक होने की आवश्यकता है। विशेष रूप से रात्रिकालीन समय में वाहन चालकों द्वारा अनुचित रूप से हाई बीम का उपयोग कई बार गंभीर दुर्घटनाओं का कारण बन रहा है।
रायगढ़ शहर और आसपास के क्षेत्रों में हाल ही में कई ऐसे सडक़ हादसे सामने आए हैं जिनमें हाई बीम की रोशनी से सामने आने वाले वाहन चालकों को कुछ क्षणों के लिए अंधता जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा। इसके परिणामस्वरूप गड्ढे, मोड़, वाहन या पैदल यात्री समय रहते दिखाई नहीं देते और दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है।
हाई बीम व लो बीम का समझदारी से उपयोग जरूरी
हाई बीम की रोशनी लंबी दूरी तक पहुंचती है और इसका इस्तेमाल केवल हाइवे या खुले, कम ट्रैफिक वाले मार्गों पर किया जाना चाहिए, जहाँ सामने से कोई वाहन न आ रहा हो। वहीं, शहर, बाजार और ट्रैफिक वाले इलाकों में लो बीम का उपयोग करना आवश्यक है ताकि सामने से आ रहे वाहन चालकों की दृष्टि प्रभावित न हो।
पास लाइट का भी करें सही उपयोग
अक्सर देखा गया है कि वाहन चालक ‘पास लाइट’ के महत्व को नहीं समझते। पास लाइट का उपयोग सामने से आ रहे वाहन को संकेत देने या ओवरटेक करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग सतर्कता बढ़ाने और संभावित टकराव से बचने के लिए बेहद जरूरी है।
जन-जागरूकता की जिम्मेदारी हम सभी की
यह हर वाहन चालक का नैतिक दायित्व है कि वे अपनी ड्राइविंग आदतों से दूसरों की सुरक्षा को खतरे में न डालें। ट्रैफिक नियमों का पालन केवल दंड से बचने के लिए नहीं, बल्कि सामूहिक सुरक्षा और सभ्य नागरिकता का प्रमाण है।
ट्रैफिक विभाग को चाहिए कि शहर में विशेष अभियान चलाकर हाई बीम और लो बीम के सही उपयोग पर जन-जागरूकता अभियान शुरू करे। इसके अंतर्गत ड्राइवरों को प्रशिक्षित करना, सार्वजनिक स्थलों पर पोस्टर लगाना, सोशल मीडिया और स्थानीय समाचार माध्यमों के जरिए संदेश प्रसारित करना प्रभावी हो सकता है।
निष्कर्षत:, सडक़ सुरक्षा केवल ट्रैफिक पुलिस या प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि प्रत्येक वाहन चालक की व्यक्तिगत जिम्मेदारी है। यदि हम सभी इस छोटी सी आदतकृसही समय पर हाई बीम और लो बीम का प्रयोगकृको अपनाएं, तो न केवल दुर्घटनाओं में कमी आएगी बल्कि शहर में सुरक्षित यातायात प्रणाली की दिशा में एक ठोस कदम भी होगा।
रात की रोशनी बन रही खतरे की घंटी, हाई बीम से बढ़ रही दुर्घटनाएं
