रायगढ़। आईएएस मयंक चतुर्वेदी छत्तीसगढ़ कैडर के 2017 बैच के आईएएस हैं। वे मूलत: उत्तरप्रदेश के रहने वाले है। इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने यूपीएससी क्लियर की है। मयंक चतुर्वेदी छत्तीसगढ़ कैडर के 2017 बैच के आईएएस है। उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले मयंक में इंजीनियरिंग के बाद जॉब किया,फिर उसके बाद यूपीएससी क्रैक की। रायगढ़ में आने के पहले मयंक चतुर्वेदी दंतेवाड़ा जिले के कलेक्टर थे। कलेक्टर के तौर पर दंतेवाड़ा उनका पहला जिला रहा।
मयंक चतुर्वेदी छत्तीसगढ़ कैडर के 2017 बैच के आईएएस है। वे मूलत: उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर के रहने वाले हैं। मयंक चतुर्वेदी संयुक्त परिवार से आते हैं। उनके पिता का चार भाइयों का परिवार संयुक्त रूप से एक ही साथ रहता है। मयंक का जन्म 28 जनवरी 1991 को हुआ। उनकी स्कूलिंग कानपुर से ही हुई। फिर उन्होंने प्रयागराज से इंजीनियरिंग करते हुए बीटेक की डिग्री ली। मयंक चतुर्वेदी खेलकूद में भी सक्रिय थे। बास्केटबॉल, फुटबॉल, क्रिकेट खेलों में उन्होंने कालेज का राज्य स्तर पर प्रतिनिधित्व किया था। साथ ही वे छात्र राजनीति में भी कॉलेज की पढ़ाई के दौरान सक्रिय थे। मयंक चतुर्वेदी ने इंजीनियरिंग करने के बाद जॉब करना शुरू कर दिया। जॉब करने के साथ ही वह यूपीएससी की तैयारी में जुटे रहे। पर चयन नहीं होने के चलते उन्होंने जॉब छोडक़र तैयारी शुरू की। अंतत: वे आईएएस के लिए चुने गए। मयंक चतुर्वेदी ने 28 अगस्त 2017 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की। लाल बहादुर शास्त्री प्रशिक्षण अकादमी से ट्रेनिंग खत्म करने के दौरान उनकी फील्ड ट्रेनिंग के लिए पहली पोस्टिंग सहायक कलेक्टर के तौर पर रायगढ़ जिले में हुई। फिर उनकी पोस्टिंग गौरेला-पेंड्रा- मरवाही जिले में एसडीएम पेंड्रारोड़ अनुविभाग रहे। वहां अपर कलेक्टर भी रहे। इसके बाद धमतरी जिला पंचायत सीईओ रहे। धमतरी के बाद राजधानी रायपुर के नगर निगम आयुक्त रहे। रायपुर के बाद वे दंतेवाड़ा कलेक्टर बने इसके बाद उनकी रायगढ़ में पदस्थापना हुई। मयंक चतुर्वेदी ने कॉलेज में अपने साथ पढऩे वाली 10 साल पुरानी दोस्त से शादी की है। मयंक की जीवन संगिनी इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशंस ब्रांच से इंजीनियरिंग करने के बाद कार्पोरेट कंपनी में जॉब करती हैं। मयंक को गजल लिखने व सुनने का भी शौक है।
मयंक के इंजीनियरिंग से आईएएस तक का सफर
