बिलासपुर। भारतीय रेलवे के एक प्रमुख अंग के रूप में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, लगभग 5500 ट्रैक किलोमीटर रेल मार्ग पर प्रतिदिन औसतन 400 से अधिक ट्रेनों का संचालन करती है। इतनी बड़ी संख्या में ट्रेनों के परिचालन के कारण रेल पटरियों का समय-समय पर रखरखाव एवं मरम्मत कार्य अत्यंत आवश्यक हो जाता है। रेल लाइनें केवल लोहे की दो पटरियों को गिट्टी पर बिछा देने भर से नहीं चलतीं, इनके संरक्षित संचालन हेतु उच्च स्तर का तकनीकी रखरखाव जरूरी होता है। रेल परिचालन जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही आवश्यक है रेल ट्रैक का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण अनुरक्षण, जो संरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
रेल पटरियों की लाइनिंग, लेवलिंग और अलाइनमेंट के साथ-साथ, इनके नीचे बिछी गिट्टी (बैलास्ट) का रखरखाव भी अत्यंत आवश्यक है। बैलास्ट न केवल ट्रैक को स्थिरता देती है, बल्कि ट्रेनों के भार को समान रूप से वितरित करके यात्रियों के लिए आरामदायक सफर सुनिश्चित करती है। संरक्षा एवं यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अब रेलवे ट्रैक के रखरखाव में अत्याधुनिक मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है। ये मशीनें न केवल कार्य को आसान और संरक्षित बनाती हैं, बल्कि लागत भी कम करती हैं और ट्रैक कर्मियों की संरक्षा को भी सुनिश्चित करती हैं। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में वर्तमान में 84 ट्रैक मशीनें कार्यरत हैं, जो कि तीसरी और चौथी लाइन, नई लाइन निर्माण एवं कार्यरत लाइनों के अनुरक्षण में अहम भूमिका निभा रही हैं। आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षित मैनपावर के सहयोग से रेलवे ट्रैक का रखरखाव अत्यंत दक्षता से किया जा रहा है।
नागपुर से झारसुगुड़ा मेन लाइन पर ट्रेनों की गति अब 130 किमी/घंटा तक पहुँच चुकी है, जिससे उच्च गति ट्रेनों के अनुरूप ट्रैक रखरखाव और भी महत्वपूर्ण हो गया है। इसी कड़ी में वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में ट्रैक मशीनों के माध्यम से निम्नलिखित कार्य सफलतापूर्वक किए गए, जिनमें 201 किलोमीटर ट्रैक का नवीनीकरण, 287 किलोमीटर ट्रैक में गिट्टी की छनाई, 137 टर्नआउट्स का नवीनीकरण, 7453 किलोमीटर से अधिक प्लेन ट्रैक की टैंपिंग आदि कार्य शामिल हैं।
ये सभी कार्य बेहतर योजना, समन्वय और ट्रेनों के परिचालन के साथ-साथ सम्पन्न किए गए हैं। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में कार्यरत ट्रैक मशीनों में प्रमुख रूप से सीएसएम, ड्यूमेटिक, एमपीटी, यूनिमेट, एफआरएम, बीआरएम, बीसीएम पीक्यूआरएस, टी28 आदि शामिल हैं। इन मशीनों के संचालन के लिए लगभग 900 कुशल कर्मचारी कार्यरत हैं, जो 24&7, चाहे दिन हो या रात, गर्मी, सर्दी या बरसात, हर परिस्थिति में यात्रियों की संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समर्पित हैं। भारतीय रेलवे का लक्ष्य है, यात्रियों के सफर को न केवल तेज और आरामदायक बनाना, बल्कि हर सफर को संरक्षित और विश्वसनीय बनाना। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे इस दिशा में निरंतर प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है, ताकि यात्रियों के चेहरों पर हमेशा भरोसे की मुस्कान बनी रहे।
रेलवे में ट्रैक मशीनों द्वारा ट्रैक रखरखाव के कार्यों में उल्लेखनीय प्रगति
