रायगढ़। विस्थापन लाभ बढ़ोतरी को लेकर ग्राम बरौद के एसईसीएल प्रभावित परिवार लंबे समय से एसईसीएल प्रबंधन से मांग कर रहे हैं और संघर्षरत हैं। 16 अप्रैल से धरने पर बैठने के पूर्व एसईसीएल के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। बैठक में पहुंचे एसईसीएल के जिम्मेदार अधिकारी लिखित में कोई भी आश्वासन देने से मना कर दिया और मौखिक रूप से आश्वासन को मानने की जिद करते रहे, एसईसीएल के अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों को मानने के लिए आज बरौद में बैठक किया। लिखित आश्वासन न देने की वजह से अधिकारियों की किसी बात को ग्रामीणों ने मानने से इंकार कर दिया जिसकी वजह से अधिकारियों को वापस लौटना पड़ा। इधर ग्रामीणों ने 16 अप्रैल से होने वाली आंदोलन का बिगुल फूंकने ऐलान कर दिया।
ज्ञात हो की गत 1 अप्रैल को एसईसीएल कोल ब्लॉक प्रभावित परिवारों द्वारा सीएमडी कार्यालय बिलासपुर का घेराव कर अपनी मांगों के प्रति ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा था कि उनकी विस्थापन लाभ बढ़ोतरी की मांगों को पूरा किया जाए अन्यथा 16 अप्रैल से उनका अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन उत्पादन डिस्पेच ठप्प करने की बात कही गई थी।
एसईसीएल के बरोद कोयला खदान के विस्थापित विस्थापन लाभ बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर 03 सालों से लगातार संघर्ष कर रहें है । विस्थापन लाभ बढ़ोत्तरी को लेकर एसईसीएल अधिकारियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों के बीच कई बार लिखित समझौता होने के बाद भी आज तक ग्रामीणों की मांग पर विस्थापित परिवारों के पक्ष में निर्णय नहीं लिया गया है। ग्रामीणों द्वारा 1 अप्रैल 2025 को ऊर्जाधनी भूविस्थापित कल्याण समिति एव ग्राम पंचायत बरौद के नेतृत्व में 1 अप्रैल 2025 को सीएमडी कार्यालय बिलासपुर का घेराव कर विस्थापन लाभ बढ़ोत्तरी का ज्ञापन सौंपा गया था और मांगे पूरी नहीं होने पर 16 अप्रैल 2025 को बरौद परियोजना पर खदान बंदी, आंदोलन, हड़ताल का आवाहन किया गया था। जिसको लेकर एसईसीएल प्रबंधन के उप क्षेत्रीय प्रबंधक एवं खान प्रबंधक ग्रामीणों को मनाने पहुंचे थे लेकिन ग्रामीणों ने उप क्षेत्रीय प्रबंधक की एक भी बात नहीं सुनी और कहा की हमने लिखित में दिया है हमें भी एसईसीएल बिलासपुर सीएमडी के लिखित आश्वासन या उसका जवाब चाहिए। एसईसीएल प्रबंधन के अधिकारी ने ग्रामीण एवं आंदोलनकारीयों को बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन ग्रामीण स्थानीय स्तर के अधिकारियों की मौखिक में किसी भी बात को मानने से इनकार कर दिया।
एसईसीएल के समानता की बात बेमानी
विस्थापन लाभ बढ़ोतरी का मुद्दा सालों से लंबित है और विस्थापन लाभ 03 लाख के अतिरिक्त पारितोषिक प्रोत्साहन राशि अतिरिक्त 5 लाख प्रदान किया जाए जो एसईसीएल के मेघा प्रोजेक्ट गेवरा दिपका, कुसमुंडा पर पारितोषिक प्रोत्साहन राशि 5 लाख लागू किया गया है । जब एसईसीएल के अन्य परियोजनाओं पर प्रोत्साहन राशि दिया जा रहा है तो बरौद परियोजना के विस्थापित परिवारों को क्यों नहीं, ग्रामीणों का कहना है कि हमको भी अपना मौलिक अधिकार मिलना चाहिए ।एसईसीएल सभी के साथ समानता और एकरूपता की बात करती है लेकिन यहां में प्रभावित परिवारों के साथ अलग रवैया अपना रही है। अन्यथा ग्रामीण 16 अप्रैल 2025 को आंदोलन खदान बंदी करेंगे और दिन-रात भूखे प्यासे बैठे रहेंगे जब तक हमारी मांग पर सरातात्मक निर्णय नहीं लिया जाता।
जिम्मेदार अधिकारियों की मौजूदगी में हो वार्ता
विस्थापित ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार लगभग 3 सालों से स्थानीय अधिकारी ग्रामीणों को विस्थापन लाभ बढ़ोतरी के संदर्भ में हमेशा ही भ्रमित जानकारी दे कर गुमराह करते आ रहे हैं। अब ग्रामीण उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में जिला पुनर्वास समिति के अध्यक्ष सहित एसईसीएल के जिम्मेदार उच्च स्तर के अधिकारियों की उपस्थिति में बात होने की बात होगी।
एसईसीएल बरौद प्रभावितों ने अधिकारियों के मौखिक आश्वासन को नकारा
कहा नहीं होगी ऐसे में कोई बात, 16 अप्रैल से जंगी प्रदर्शन का ऐलान
