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NavinKadam > रायगढ़ > पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से अब उपभोक्ता बन रहे बिजली उत्पादक
रायगढ़

पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से अब उपभोक्ता बन रहे बिजली उत्पादक

पहले महीने दो हजार से अधिक का बिजली बिल हुआ 10 रूपये, दूसरे महीने 93 यूनिट दिया बिजली विभाग को, बिल आया माइनस में-श्री जय नारायण चौधरी

lochan Gupta
Last updated: April 12, 2025 12:17 am
By lochan Gupta April 12, 2025
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8 Min Read

योजना से लगा सोलर सिस्टम जुड़ेगा बिजली विभाग के ग्रिड से
हर माह 300 यूनिट तक बिजली होगी मुफ्त
सोलर सिस्टम लगाने शासन से मिलेगी सब्सिडी

रायगढ़। अब बिजली उपभोक्ता अपने घर की छतों से बिजली बनाकर उसे बेच सकेंगे। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के माध्यम से यह संभव होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में संचालित पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का उद्देश्य हर महीने 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त करना है। इस योजना के तहत, सरकार सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में सब्सिडी जमा करेगी। साथ ही, उन्हें सस्ती दरों पर बैंक लोन भी मिलेगा। इस योजना से लोगों के बिजली के बिल कम होंगे और उनकी बचत बढ़ेगी। यह स्थायी ऊर्जा समाधान और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश में पीएम सूर्यघर योजना को व्यापक स्तर पर लागू करने के निर्देश दिए है।
इस योजना से जुडक़र लाभार्थी अपने घर की छतों पर सोलर सिस्टम लगाकर बिजली उत्पादन कर सकेंगे। उनका यह सिस्टम बिजली विभाग की ग्रिड से जुड़ा होगा। उत्पादित बिजली से खपत के बाद जो बिजली बचेगी वह ग्रिड में ट्रांसफर हो जाएगी। जो बिजली बिल में समायोजित हो जाएगी। इससे उतनी राशि बिजली बिल से घट जाएगी और उपभोक्ता को सीधे आर्थिक बचत के रूप में लाभ मिलेगा। इस योजना से हितग्राही सिर्फ बिजली के उपभोक्ता ही नहीं बल्कि उसके उत्पादक भी हो जाएंगे। योजना का लाभ लेने के लिए अपने नजदीक के बिजली ऑफिस में संपर्क किया जा सकता है।
पहले महीने दो हजार से अधिक का बिजली बिल हुआ 10 रूपये, दूसरे महीने 93 यूनिट दिया बिजली विभाग को, बिल आया माइनस में-श्री जय नारायण चौधरी
रायगढ़ जिले में कोड़ातराई को सोलर विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां के निवासी हैं श्री जय नारायण चौधरी। उन्होंने जनवरी माह में अपने घर पर 3 किलो वाट का सोलर सिस्टम लगवाया है। इसमें उन्हें 1.90 लाख का खर्च आया। जिसमें से 78 हजार रुपए शासन से सब्सिडी मिली, जो कि 15 दिनों में ही खाते में आ गई। उन्होंने बताया कि पहले उनका औसतन बिल 2 से 2.5 हजार रुपए हर माह आता था। सिस्टम लगाने के बाद पहले महीने उनका बिल सिर्फ 10 रुपए आया। वहीं दूसरे महीने फरवरी में उनके सोलर सिस्टम से करीब 325 यूनिट बिजली पैदा हुई, जिसमें से उनकी खपत 232 यूनिट रही। सोलर सिस्टम से उत्पादित शेष 93 यूनिट बिजली विभाग के ग्रिड में चला गया और उनका बिजली का बिल माइनस में आया, क्योंकि उनकी जितनी खपत थी उतनी बिजली सोलर सिस्टम से ही पैदा कर दी और जो अतिरिक्त बिजली का उत्पादन हुआ उसे विभाग को दे दिया। इसका अर्थ यह है कि मार्च में सोलर सिस्टम से बनने वाली बिजली के साथ पूर्व में उत्पादित और बिजली विभाग के ग्रिड में स्टोर्ड 93 यूनिट बिजली उनके लिए अतिरिक्त मुफ्त होगी। इस प्रकार से सोलर सिस्टम वाले उपभोक्ता का खपत यूनिट और उत्पादित यूनिट का आपस में समायोजन ऑटोमैटिक होता है। जो बिजली उपभोक्ता बिजली विभाग के ग्रिड में ट्रांसफर करते हैं वे उसका उपयोग बाद में अपनी जरूरत के अनुसार मुफ्त में कर सकेंगे।
ऐसे ले सकते हैं मुफ्त बिजली
यदि घरेलू उपभोक्ता का प्रतिमाह औसत खपत 300 यूनिट है तब उर्जा प्रभार, नियत प्रभार, ड्यूटी, सेस तथा वी सी ए, सब मिलाकर कुल 2160 रू प्रतिमाह बिजली बिल बनता है अर्थात एक वर्ष का कूल औसत खपत 3600 यूनिट मान कर चले तो एक वर्ष का कुल बिजली बिल 25,920 रू के लगभग आयेगा। परन्तु यदि उपभोक्ता ने 3 किलो व्हाट का सोलर सिस्टम स्थापित कर लिया तो प्रति किलोवॉट, प्रतिदिन औसत 4 यूनिट उत्पादन के आधार पर सोलर सिस्टम से 3 किलोवॉट की क्षमता पर प्रतिदिन 12 यूनिट के आधार पर प्रतिमाह 360 यूनिट उत्पादन होगी। बारिश के मौसम में थोड़े कम उत्पादन को समायोजित करते हुए औसत उत्पादन को न्यूनतम मान कर 300 यूनिट प्रतिमाह मानते हैं तो एक वर्ष का उत्पादन 3600 यूनिट हो जाएगा। जिसमें दिन भर में उपभोक्ता के खपत के अतिरिक्त यूनिट सीधा आटोमेटिक बिजली विभाग के ग्रिड में एक्सपोर्ट हो जाएगा तथा रात में उसके द्वारा की जाने वाली खपत पर आटोमेटिक समायोजन हो जाएगा। अर्थात एक वर्ष के आपके खपत को बढ़ते क्रम में तथा प्रतिवर्ष बिजली बिल की बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए आपके खपत यूनिट 3600 को आपके उत्पादन यूनिट 3600 को बराबर मान लिया जाये तो आपकी वार्षिक बिजली बिल की लागत राशि 25,920 रू लगभग शून्य हो जाएगी। यदि खपत 300 यूनिट से अधिक है तो भी प्रति माह औसतन 300 यूनिट का उत्पादन कर उतनी बिजली उपभोक्ता मुफ्त में प्राप्त कर सकता है।
सोलर सिस्टम की न्यूनतम लाइफ 25 साल, मेंटनेंस में कोई अतिरिक्त खर्च नहीं, सिर्फ हर 15 दिनों में सोलर प्लेट के सफाई की जरूरत
उपभोक्ता के वास्तविक लागत 1 लाख 7 हजार रू की वसूली उपरोक्त खपत के आधार पर लगभग 4.5 वर्ष में समायोजित हो जाएगी तथा सोलर सिस्टम के लाईफ सायकल को न्यूनतम 25 साल मानते हुए। 20.5 वर्षों तक आप बिजली बिल की राशि को बचत करते हुए लाभ प्राप्त कर सकते है। सोलर सिस्टम में केवल सोलर प्लेट को 15 दिवस की अन्तराल में साफ करना होता है।
शासन से मिलती है सब्सिडी
प्रधानमंत्री सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना में शासन की ओर से सब्सिडी भी प्रदान की जाती है। इसमें 1 किलो व्हाट पर 30 हजार, 2 किलो व्हाट पर 60 हजार, 3 किलो व्हाट पर 78 हजार, 3 किलो व्हाट या उससे अधिक क्षमता पर 78 हजार की सब्सिडी स्थिर रहेगी। योजना का लाभ लेने के लिए बैंक से आसान लोन की सुविधा भी उपलब्ध है। एसबीआई बैंक में 3 किलो व्हाट क्षमता हेतु कुल लागत की 90 प्रतिशत राशि लोन स्वीकृत हो जाएगी। जिस पर वार्षिक 6.75 प्रतिशत का ब्याज दर है। ग्रामीण बैंक में 3 किलो व्हाट क्षमता हेतु कुल लागत की 90 प्रतिशत राशि लोन स्वीकृत जिस पर वार्षिक 8.75 प्रतिशत ब्याज दर है। 3 किलो व्हाट सिंगल फेस सोलर सिस्टम की लागत 1.85 लाख से 2 लाख रूपये है। जिस पर 0.78 लाख की सब्सिडी अर्थात आपको वास्तविक लागत 1.07 लाख रूपये आयेगी। सब्सिडी की राशि कार्य पूर्ण होने के पश्चात् लगभग 15 से 20 दिनों के भीतर सीधे उपभोक्ता के खाते में जमा हो जायेगी।

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