रायगढ़। चैत्र नवरात्र के आठवे दिन शनिवार को देवी मंदिरों सहित घर-घर में माता महागौरी की पूजा-अर्चना किया गया। इस दौरान अंचल के देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्त कतारबद्ध नजर आए। वहीं शाम को भी महाआरती के दौरान बड़ी संख्या में भक्तों ने उपस्थिति दर्ज कराई थी।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को महा अष्टमी पर्व पर सुबह से ही माता के उपासकों द्वारा मां महागौरी की अराधना में जुट गए थे, जिससे अंचल के सभी देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा, मान्यता के अनुसार जो भक्त माता गौरी की तनमन से पूजन करते हैं, उनकी मनोकामनाएं जल्द पूरी होती है, साथ ही कई भक्त नवरात्र के दिनों में माता का ध्यान करके कई सिद्धियां भी प्राप्त करते हैं। साथ ही महागौरी की पूजा करने से महामारी, संकट सहित अन्य समस्याओं का समाधान होता है। इसी मान्यता को लेकर लोग नवरात्र के दिनों में पूरे नौ दिनों तक माता के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इसके साथ ही इन दिनों शहर में नवरात्र की धूम मची हुई है, जिससे सुबह से देर रात तक माता के जयकारे लग रहे हैं, रामनवमी पर निकलने वाले शोभा यात्रा की भी जोर-शोर से तैयारी चल रही है। इससे विगत तीन दिन पहले से ही शहर के चौक-चौराहों को झंडा-तोरण से सजाया जा रहा है, जो अब लगभग पुरा हो चुका है। हालांकि रामनवमी की तैयारी के चलते इन दिनों शहर की सडक़ों में पूरे दिन भीड़-भाड़ का माहौल चल रहा है तो साथ ही युवाओं की टोली एक दिन पहले से ही जुलुस निकालने के लिए रिहलर्सल भी शुरू कर दिया है, इससे शनिवार को शाम को शहर में डीजे की धूम मची हुई थी।
मंदिरों में की गई थी विशेष तैयारी
चैत्र नवरात्र के आठवें दिन शनिवार को शहर सहित अंचल के देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का जत्था पहुंचने लगा था, इस दौरान मानकेश्वरी मंदिर, चंद्रपुर स्थित चंद्रहासिनी माता, नाथलदाई मंदिर, तराईमाल स्थित मां बंजारी मंदिर, शहर के बुढ़ी माई मंदिर, अनाथालय स्थित दुर्गा मंदिर, केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड स्थित दुर्गा मंदिर के साथ भगवानपुर स्थित पूज्य मां गुरु अघोर शक्ति पीठ मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे हुए थे। जहां पंडितों द्वारा वेद व मंत्रोच्चारण के साथ माता महागौरी की पूजा कराई गई। जिससे सभी भक्त अपने हाथों में पूजा की थाल लिए माता के ध्यान में लगे रहे।
आज होगी सिद्धीदात्री की आराधना
उल्लेखनीय है कि नवरात्र के नौ दिन रविवार को अंचल के देवी मंदिरों सहित घर-घर में माता सिद्धीदात्री की पूजा की जाएगी, इसके बाद कन्या भोज कराकर उपासक व्रत तोड़ेगे। इस दौरान देवी मंदिरों में महा भंडारा का भी आयेाजन किया गया है। जिससे भक्त माता सिद्धीदात्री की पूजा-अर्चना कर भंडारे का प्रसाद ग्रहण कर व्रत को तोडेंगे।
माता महागाौरी की पूजा करने श्रद्धालुओं की लगी भीड़
सुबह से देर शाम तक भक्तों की लगी रही तांता, झंडा-तोरण से सज गया शहर
