रायगढ़। नगर पालिक निगम में कांगे्रस की महापौर जानकी काटजू को लेकर लाया गया अविश्वास प्रस्ताव ध्वस्त हो गया। जिला कलेक्टर द्वारा सृजन कक्ष में वोटिंग के लिये दिये गए समय सीमा में भाजपा के 21 पार्षदों में से मात्र 18 पार्षद ही पहुंचे जबकि ऐन वक्त पर भाजपा की एक महिला भाजपा पार्षद पुष्पा निरंजन साहू कांगे्रस में शामिल हो गई थी और कांगे्रस के कोई भी पार्षद वहां नही पहुंचे।
बीते 31 अगस्त को बीजेपी नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी के द्वारा कलेक्टर को को दिया गया था, इसका प्रस्ताव को लेकर आज रायगढ़ के कलेक्ट्रेट के सभा कक्ष में इसका अविश्वास प्रस्ताव पर विशेष सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस प्रक्रिया में कांग्रेस महापौर के अलावा सभी पार्षद उपस्थित नहीं हुए हैं। जानकारी के अनुसार कांग्रेस के सभी पार्षद जिले से बाहर चले गए थे। चूंकि कुछ दिन पहले आये पार्टी के अबर्जावर ने एक रणनीति के तहत कांगे्रस के सभी पार्षदों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए पार्टी के अनुशासन के खिलाफ नही जानें की चेतावनी भी दी थी।
रायगढ़ निगम में कुल 48 वार्ड है जिसमें कांग्रेस के 26 पार्षद बीजेपी के 21 वही एक बीजेपी पार्षद की पूर्व में मौत हो जाने के कारण 47 पार्षद है। जिससे आज यह अविश्वास प्रस्ताव इसलिये गिर गया चूंकि भाजपा के 21 में से मात्र 18 पार्षद ही पहुंचे और इनमें कांगे्रस ने भाजपा के पार्षदों में सेंध लगाते हुए वार्ड नं. 34 की एक महिला भाजपा पार्षद को अपनी पार्टी में शामिल कराकर भाजपा को बडी चोट दे दी। इस संबंध में जिला कलेक्टर तारण सिन्हा ने बताया कि रायगढ़ नगर निगम में महापौर के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव का सम्मेलन बुलाया गया था। 11 बजे से सम्मेलन आरंभ की गई थी। सम्मेलन के दौरान कोरम पूरा होनें के पश्चात कार्यक्रम आगे बढाई गई लेकिन मौके पर उपस्थित किसी भी पार्षदो के द्वारा मतदान प्रक्रिया में भाग नही लिया गया। इसलिये अविश्वास प्रस्ताव पारित नही हो सका।
विधायक प्रकाश की रणनीति कर गई काम
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम की महापौर जानकी अमृत काटजू के खिलाफ भाजपा के द्वारा लाये गए अविश्वास प्रस्ताव की पेशकश के बाद जिले के कांगे्रसी नेता इस प्रस्ताव को ध्वस्त करने के लिये रणनीति पर काम कर रहे थे। एक तरफ जहां कांगे्रस की महापौर श्रीमती जानकी काटजू ने कांगे्रसी पार्षदों को एकजुट रखने में अहम भूमिका निभाई तो वहीं दूसरी ओर रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक ने ऐसे संवेदनशील मौके पर भाजपा की एक महिला भाजपा पार्षद को कांगे्रस में शामिल कराकर न केवल अपनी कुशल रणनीति व बुद्धि चातुर्य का परिचय दिया, बल्कि इन दोनों नेताओं के संयुक्त प्रयास से शहर में भाजपा की किरकिरी भी कर डाली। इसके अलावा शहर कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने भी इस अविश्वास प्रस्ताव को ध्वस्त कराने में अहम भूमिका निभाई है।
एक ने कांग्रेस का दामान थामा तो दो नदारद रहे
भाजपा द्वारा नगर निगम के महापौर श्रीमती जानकी काटजू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। संख्या बल में कमी होने के बावजूद भाजपा ने कांग्रेस के पार्षदों में सेंधमारी करने की सोंची परंतु यह उल्टा पड़ गया। भाजपा के बजाय कांग्रेस ने ही भाजपा में सेंधमारी कर उनकी संख्या बल को और ज्यादा कम कर दिया। शहर के वार्ड क्रमांक 34 की पार्षद पुष्पा निरजन साहू ने जहां भाजपा को अलविदा कर कांगे्रस का दामन थाम लिया तो वहीं भाजपा पार्षद श्रीमती नवधा परदेशी मिरी व ईशकृपा तिर्की ने इस अविश्वास प्रस्ताव से अपने आप को किनारे कर लिया और वे आज के इस अविश्वास प्रस्ताव में शामिल नहीं हुए।
भाजपा का महापौर के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव ध्वस्त
