रायगढ़। विक्षोभ का असर कम होने के साथ जिले में कडकड़़ाती ठंड शुरू हो गई है। साथ ही हवा के दिशा में बदलाव होने से ठंडी हवा का आगमन तेज हो गया है, जिसके चलते रात होते ही शीतल लहर शुरू हो जा रहा है, इससे जिले के पठार क्षेत्रों में सुबह 9 बजे तक कुहासा दिखाई दे रहा है।
उल्लेखनीय है कि अब विगत चार-पांच दिनों से मौसम लगभग पूरी तरह से साफ हो गया है, साथ ही पश्चिमी विक्षोभ का भी असर कम काफी कम होने के साथ उत्तर दिशा से ठंडी हवाओं का अगामन शुरू हो गया है। जिससे के चलते हर दिन दो से तीन डिग्री तक न्यूनतम तापमान में गिरावट आ रही है। इसके चलते रात 12 बजे के बाद जिले के पठार क्षेत्रों में शीतलहर शुरू हो जा रहा है। इससे रात में सफर करने वाले लोगों को काफी दिक्कत हो रही है। वहीं बताया जा रहा है कि शीतलहर के चलते रात में रास्ता दिखाई नहीं देने के कारण रात में चलने वाली वाहनों की रफ्तार भी काफी कम हो गई है।
ऐसे में सुबह 9 बजे तक जब तक रास्ता साफ नहीं हो जा रहा है तब तक वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में शाम होते ही ठंड तेज हो जा रहा है, इसके चलते शाम होते ही लोग घरों में दूबकने को मजबूर हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इन दिनों खेती का भी काम तेज से चल रहा है, इसके चलते जगह-जगह खेतों में पानी पलाने का काम भी चल रहा है, इसके चलते भी ठंड बढ़ रहा है, साथ ही रात होते ही शीतलहर शुरू हो जाने के कारण घर-घर लोग अलाव का सहारा लेते नजर आते हैं।
क्या कहता है मौसम विभाग
मौसम विभाग के अनुसार इन दिनों बर्फवारी भी शुरू हो गई, इसके चलते उत्तर दिशा से आने वाली हवा में ठंडक ज्यादा है, साथ ही बुधवार को भी न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री गिरावट आने की संभावना है, उसके बाद न्यूनतम तापमान में वृद्धि हो सकती है। इसके चलते फिलहाल जिले के पठार क्षेत्र शीतलहर की चपेट में आ रहा है। हालांकि मौमस शुरू होने के कारण दिन के समय धूप होते ही काफी हद तक राहत मिल रही है, लेकिन शाम होते ही ठंड बढ़ जा रही है, इससे बच्चे व बुजुर्गों को सेहत को लेकर सतर्कता बरतने की जरूरत है।
पाला का बढ़ा खतरा
जिले में ठंडी हवाओं के साथ शीतलहर शुरू होने के कारण बागवानी फसलों पर पाला का खतरा सताने लगा है, जिसको देखते हुए अब किसानों द्वारा लगातार दवा का छिडक़ाव किया जा रहा है। किसानों का कहना है कि अधिक ठंड होने से इसका असर आलू फसल पर ज्यादा पड़ता है, जिससे पौधा सूखने लगता है, ऐसे में फसल को बचाने के लिए पहले से ही दवा का छिडक़ाव कर दे रहे हैं, साथ ही इस साल जिले में बैगन की भी खेती बड़ी संख्या में हुई है। जिससे हर एक-दो दिन के आड़ में दवा का छिडक़ाव किया जा रहा है, ताकि अधिक ठंड होने से कीड़े न लग सके और पैदावार ज्यादा हो सके।
हवा का दिशा बदलते ही जिले में बढऩे लगी ठंड
न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री गिरावट के साथ शुरू हुआ शीतलहर
