विगत लंबे समय से बिजली की अघोषित समस्या से जुझ रहे रायगढ़ शहर को राहत पहुंचाने के लिए स्थानीय स्तर पर अधिकारियों द्वारा प्रपोजल तो तैयार किया जा रहा है, लेकिन यह प्रपोजल ऊपर जाते ही ठंडे बसते में चला रहा है। हालांकि दो साल पहले भी तीसरे जोन के लिए प्रपोजल गया था, लेकिन वह भी अधूरे में लटक गया, ऐसे में अब चार जोन के लिए पत्राचार किया गया है। ऐसे में यह देखना है कि विद्युत पावर कंपनी द्वारा इस बार भी इसके लिए किसी प्रकार की पहल करती है या पहले की तरह फिर से ठंडे बस्ते में चला जाता है।
रायगढ़। उल्लेखनीय है कि शहर में के उपभोक्ता आए दिन अघोषित बिजली कटौती से जुझ रहा है, जिसके बाद भी विद्युत पावर कंपनी द्वारा किसी प्रकार की पहल नहंीं किया जा रहा है। इस संबंध में विभागीय सूत्रों की मानें तो रायगढ़ शहर मेें बर्तमान में करीब 55 हजार उपभोक्ता हैं, जिनको मात्र दो जोन में बांटा गया है, जिसके चलते अगर कहीं भी पेड़ गिर जाए या तार टूट जाता है तो कम से कम तीन से चार घंटा तक बिजली कटौती हो जाती है, जिसके चलते उपभोक्ता तो परेशान होते ही है साथ ही कर्मचारियों को भी परेशान होना पड़ता है।
साथ ही इस बिजली कटौती के चलते कई बार तो उपभोक्ताओं द्वारा आंदोलन भी किया जाता है, जिसके बाद भी शहर को जोन में विभाजित करने के लिए विद्युत कंपनी द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वहीं अधिकारियोंं की मानें तो एक जोन में ज्यादा से ज्यादा 10 हजार कंज्युमर रहना चाहिए, लेकिन ताकि किसी प्रकार की समस्या आने पर तत्काल उसे सुधार किया जा सके, लेकिन रायगढ़ शहर में वर्तमान में 55 हजार कंज्युमर होने के बाद भी मात्र दो जोन बनाया गया है।
जिसके चलते यहां हमेशा किसी न किसी प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अब एक बार फिर से बिजली विभाग द्वारा शहर को चार जोन में बाटने के लिए प्रपोजल तैयार कर नवंबर माह में भेजा गया है, लेकिन अभी तक इस पर किसी प्रकार का विचार नहीं गया गया है।
शहर में चार जोन बनाने के लिए प्रस्ताव बनाकर विद्युत कंपनी को भेजा गया है, विद्युत कंपनी बोर्ड के निर्देश के बाद आगे की कार्रवाई शुरू होगी।
मनीष तनेजा, एसी, बिजली विभाग रायगढ़
बोर्ड की बैठक का दिया जा रहा हवाला
विभागीय सूत्रों की मानें तो बहुत जल्द बोर्ड आफ डायरेक्टर की बैठक होने वाली है, उसमें इस प्रपोजल को रखा जाएगा, जिसमें पास होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में अब यह भी कहा जा रहा है कि विभाग की तरफ से तो बार-बार जोन बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा जा रहा है, लेकिन इस बार भी बोर्ड द्वारा इसे पास किया जाता है या पहले की तरह कचरे के डब्बा में डाल दिया जाता है। यह तो आने वाले समय में ही पता चल पाएगा।
एक जोन में लाईट कट होने से 26 हजार उपभोक्ता होते हैं परेशान
अभी तक शहर में दो जोन संचालित हो रहा है, जिसमें करीब 26 हजार उपभोक्ता है, हालांकि जोन बड़ा होने के कारण हर हमेशा कहीं न कहीं कभी डंगाल गिरता है तो कहीं तार टूट जाता है, साथ ही कई बार तो लोड अधिक होने के कारण बड़ा फाल्ट आ जाता है, इससे 10 से 12 घंटे के लिए लाईट गुल हो जाती है, जिससे उपभोक्ताओं द्वारा कभी चक्काजाम तो कभी आफिस का घेराव तक करने को मजबूर हो जाते हैं। जिसके चलते स्थानीय अधिकारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिसको देखते हुए विभाग द्वारा लगातार जोन बढ़ाने की मांग की जा रही है, लेकिन यह प्रपोजल ऊपर जाते ही उस पर विचार नहीं होने से यह समस्या लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में नए सरकार से जोन बढ़ाने की उम्मीद उपभोक्ताओं द्वारा लगाया जा रहा है।
एक और सब-स्टेशन बनाने की तैयारी
शहर में बढ़ रही आबादी व उपभोक्ताओं की संख्या को देखते हुए विद्युत विभाग द्वारा एक और सब-स्टेशन बनाने की तैयारी चल रही है। इस संबंध में स्थानीय अधिकारियों द्वारा इसके लिए विजयपुर में स्थल का चयन कर लिया है। इसके बन जाने से शहर को अलग-अलग सब स्टेशन से जोड़ दिया जाएगा। हालांकि शहर का अधिकतर भाग कोतरारोड सब-स्टेशन से जुड़ा है, जिससे वहां अगर फाल्ट आता है तो पूरा शहर अंधेरा में डूब जाता है। ऐसे में अगर विजयपुर में सब स्टेशन शुरू होता है तो उपभोक्ताओं को काफी लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री व वित्तमंत्री से उम्मीद
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र पूर्व में लगातार संसदीय क्षेत्र रहा है तो वहीं वित्तमंत्री ओपी चौधरी रायगढ़ के विद्यायक है, अघोषित विद्युत कटौती से जुझ रहे हलाकान-परेशान रायगढ़वासियों को सीएम साय व वित्तमंत्री चौधरी से काफी उम्मीदे हैं कि वे इस समस्या से निजात दिलाने के लिए जरूर पहल करेंगे। हालांकि जिस तेजी से दिन पर दिन रायगढ़ जिला मुख्यालय की आबादी बढ़ रही है और उपभोक्ता भी उसी गति से बढ़ रहे हैं, उस हिसाब से रायगढ़ जिला मुख्यालय में चार जोन अतिआवश्यक है और समय की मांग भी है।
जोन बढऩे से मिलेगी राहत
अभी तक अगर एक क्षेत्र में समस्या आती है तो पूरे एक जोन की लाईट बंद कर दी जाती है, जिससे जोन भर के करीब 25 हजार उपभोक्ताओं को समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर चार जोन बनाता है, 10 से 12 हजार उपभोक्ता ही इससे परेशान होंगे, साथ ही जल्द ही सुधार भी हो जाएगा, क्योंकि जोन बढऩे के बाद कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ेगी, इससे काफी राहत मिलेगी। शहर में दो और जोन बनने से कर्मचारियों में वृद्धि होगी, जिसमें दो एई, दो जेई, बाबू स्टाप चार, 18 आउट आफ सोर्स कर्मचारी की नियुक्ती होगी, इससे जहां युवाओं को रोजगार मिलेगा तो वहीं उपभोक्ताओं को सुविधा में भी विस्तार होगा।