रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपनी नई कोर टीम तैयार कर ली है। उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) को मजबूत बनाने के लिए डेपुटेशन से लौटे दो अनुभवी अधिकारी सुबोध सिंह और मुकेश बंसल को अपनी टीम में शामिल किया है। इस तरह मुकेश बंसल के आने के बाद पी दयानंद, राहुल भगत और बसव राजू को मिलाकर 4 अफसर सीएम सेक्रेटरी के पद पर हैं। जबकि सुबोध सिंह प्रमुख सचिव बनाए गए हैं। सुबोध सिंह और मुकेश बंसल रमन कार्यकाल में भी सीएम सचिवालय में पदस्थ थे। साल 2009 में मुख्यमंत्री रहते हुए रमन सिंह ने सुबोध सिंह को अपने सचिवालय में सचिव के तौर पर पदस्थ किया। जबकि मुकेश बंसल 2017 से 2018 तक मुख्यमंत्री के विशेष सचिव रहे। आखिर इन दोनों अफसरों को साय की कोर टीम में शामिल किए जाने के क्या मायने हैं। इस रिपोर्ट में साय सरकार बनने के बाद प्रमुख सचिव लेवल पर एक अधिकारी की नियुक्ति होनी थी। ये चेहरा सरकार बनने की शुरुआत से ही खोजा जा रहा था। क्योंकि सूबे में सीएम सचिवालय में काम करने वाले अनुभवी अफसरों की कमी थी। इसलिए कई महत्वपूर्ण फाइलों को निपटाने में वक्त भी लग रहा था। सुबोध सिंह पहले भी सीएम सचिवालय संभाल चुके हैं। रमन सरकार के कई मुख्य काम सुबोध सिंह के हिस्से में थे। इसलिए उनसे बेहतर चेहरा बतौर पर्सनल सेक्रेटरी कोई दूसरा नहीं था। इसी तरह मुकेश बंसल भी अनुभवी चेहरा हैं। तेज गति से काम करने वाले अधिकारियों में गिने जाते हैं। 2017 से 2018 तक तत्कालीन रमन सरकार में जॉइंट सेक्रेटरी की जिम्मेदारी निभाई है। रमन सरकार के समय सीएम सचिवालय में सुबोध सिंह और मुकेश बंसल ने साथ काम किया था। दोनों की आपस का तालमेल अच्छा है। दोनों को मुख्यमंत्री सचिवालय का तजुर्बा बहुत अच्छा है। वरिष्ठता के आधार पर भी उनका तजुर्बा ज्यादा है। प्रिंसिपल सेक्रेटरी रैंक के हैं। अभी तक वहां पर जो भी अधिकारी थे। वे सेक्रेटरी रैंक के थे। सुबोध सिंह उनसे वरिष्ठ हैं। उनका अधिकांश काम रमन सिंह के सरकार और मोदी सरकार में रहा इसलिए भाजपा सरकार में काम करने का अनुभव है। आईएएस सुबोध कुमार सिंह 1997 बैच के अधिकारी हैं और अपने करियर में रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के कई जिलों में कलेक्टर के तौर पर कार्य कर चुके हैं। डॉ. रमन सिंह के तीसरे कार्यकाल के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री सचिवालय में सचिव के रूप में अहम जिम्मेदारी निभाई थी। रमन सरकार के समय सुबोध सिंह उनके करीबी अफसरों में गिने जाते थे। छत्तीसगढ़ में रहते हुए उनकी छवि निर्विवाद अधिकारी के रूप में रही। मुकेश बंसल जब राजनांदगांव कलेक्टर थे तब रमन सिंह ने सार्वजनिक मंच पर ये कहा था कि मैं आपके लोकप्रिय कलेक्टर को अपने सचिवालय लेकर जा रहा हूं। वहां इनसे बड़े काम करवाऊंगा और फिर जॉइंट सेक्रेटरी की जिम्मेदारी दी गई। रमन सरकार में इन अधिकारियों के साथ बेहतर तालमेल के साथ सरकार चली। साय सरकार में बंसल दूसरी बार सीएम सचिवालय में काम करेंगे।
रमन सिंह वैसे भी बहुत मजबूत हैं। विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर हाल ही में हुए शीतकालीन सत्र में उनकी परफॉर्मेंस देख लोगों ने कहा कि वे विधानसभा अध्यक्ष और सीएम दोनों तरह से पेश आ रहे थे। वरिष्ठ हैं, मुख्यमंत्री भी उनका सम्मान करते हैं। लेकिन ये बात सही है कि उनके सचिवालय में काम किए हुए दो अधिकारी अगर नए मुख्यमंत्री के सचिवालय में महत्वपूर्ण पद पर हैं, तो इससे दो चीजें साबित होती है कि रमन सिंह की पसंद अच्छी थी। हालांकि अफसर के मार्फत वे मजबूत होंगे ऐसा तो नहीं है, लेकिन इन अफसर के मन में रमन सिंह के प्रति अतिरिक्त सम्मान तो रहेगा ही जो किसी विधानसभा अध्यक्ष की अपेक्षा रमन सिंह के लिए ज्यादा होगा।
सुबोध सिंह और मुकेश बंसल को सीएम सचिवालय में काम करने का अनुभव है। दोनों रिजल्ट देने वाले अधिकारी माने जाते हैं। दोनों सेंट्रल डेपुटेशन में काम कर चुके हैं। किसी भी प्रोजेक्ट पर तेजी से काम के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा किसी भी प्रोजेक्ट का एनालिसिस कर सही और गलत को लेकर बेबाक काउंटर ओपिनियन देने वाले अधिकारी हैं। सुबोध सिंह की खासियत यही है कि वे हमेशा लो प्रोफाइल और प्रतिबद्धता के साथ काम करना जानते हैं। रमन सरकार के समय सीएम सचिवालय में काम करने के दौरान राज्य के जो वरिष्ठ नौकरशाह हैं। सबके साथ उन्होंने काम किया हुआ है। ऐसे में ये इंटरेक्शन सरकार के काम-काज में भी काम आएगा। मुकेश बंसल केन्द्र के वित्त मंत्रालय में काम कर चुके हैं। यहां फाइनेंस सेक्रेटरी की जिम्मेदारी दी गई है। फाइनेंस सेक्रेटरी अगर सीएम सचिवालय का हिस्सा होंगे तो वित्त मंत्री के अनुमोदन के बाद फाइनेंस से जुड़ी चीजों को सेटल करने में आसानी होगी और काम-काज की गति भी बढ़ेगी।
रमन कार्यकाल के भरोसेमंद आईएएस अब साय की कोर-टीम में
सुबोध, मुकेश सहित 4 अफसर सीएम सचिवालय की कोर टीम में शामिल
