रायगढ़। सिटिंग एमएलए होने के बावजूद कांग्रेस पार्टी में लंबे अरसे से रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस नेता ग्रामीण कोषाध्यक्ष शंकरलाल अग्रवाल फूल एक्टिव मोड में हैं। शंकरलाल के काम करने के तरीके से पब्लिक और पार्टी के कार्यकर्ताओं में सकारात्मक ऊर्जा देखने को मिलता रहा है। वर्तमान में शंकर लाल शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस की कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में लगे हुए हैं। शंकरलाल राज्य सरकार की योजनाओं और स्वयं के संचालित सामाजिक कार्यक्रमों को लेकर अक्सर जनता के बीच में होते हैं। उनके सकारात्मक ऊर्जा और काम करने के तरीके से कांग्रेस पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ ग्रामीण भी उनसे जुड़ कर काम कर रहे है। शंकर लाल 2018 में पार्टी के लिए नया चेहरा होने के बावजूद टिकट की रेस में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो गए थे। पार्टी हाईकमान ने रायगढ़ विधानसभा सीट से अग्रवाल समाज के दो प्रत्याशी के मैदान में होने के कारण प्रकाश नायक को टिकट दिया और वे विधान सभा चुनाव जीत गए। विधायक के द्वारा पांच साल में किए गए काम से जनता कितना खुश है या तो आने वाले समय में जनता द्वारा जारी रिपोर्ट कार्ड और कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी सर्वे रिपोर्ट में तय हो गया है। रायगढ़ में सीटिंग विधायक होने के बावजूद शंकरलाल वेट एंड वाच की स्थिति में रहकर पार्टी और पब्लिक के बीच चुनाव के पहले से अपनी सक्रीय उपस्थिति लगातार दर्ज करा रहे हैं। जिससे उनकी ग्रामीण क्षेत्र में जमीनी पकड़ काफी मजबूत हो गई है। रायगढ़ के एंटी इनकंबेंसी वाले लोग भी शंकरलाल पर अब अपनी निगाहें टिकाए हुए हैं। लोगों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने यदि सर्वे के आधार पर चेहरा बदला तो वर्तमान विधायक के मजबूत विकल्प के रूप में शंकरलाल अग्रवाल एक सशक्त और निर्विवाद दमदार चेहरा हो सकते है जो दूसरी बार रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस को जीत दिला सकती है। हाल फिलहाल रायगढ़ की गरमाई राजनीति में कई नाम और सामने आ रहे है। रायगढ़ विधानसभा सीट से टिकट के रेस में भाजपा की तरह कांग्रेस में भी दर्जनों नाम ऐसे हैं जो चुनावी वर्ष में दावेदारी पेश कर चुके हैं जिसमें वर्तमान विधायक के खास माने जाने वाले सभापति जयंत ठेठवार, अरुण गुप्ता, दीपक पांडेय, विभाष सिंह ठाकुर, विधायक के घोर विरोधी खेमे से अनिल अग्रवाल चीकू, वासुदेव यादव,जेठूराम मनहर और अंत में कुछ नाम डॉक्टर राजू अग्रवाल, श्रीमती संगीता गुप्ता, बलवीर शर्मा विजय जायसवाल आदि का है । इनमें से यदि एक दो नाम छोड़़ देे तो लगभग सभी शहरी राजनीति और गुटबाजी के अलावा पूरेेे रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र मे अपन व्यक्तिगत छवि के आधार पर कोई विशाल जनाधार स्थापित कर पाने में सफल नहीं हुए हैं जो इस बार कांग्रेस को रायगढ़ विधानसभा से जीत की दहलीज तक ले जा सके। आज के समय केवल विरासत में मिले नाम और शोहरत के दम पर जनता के दिलों पर राज नहीं किया जा सकता है। व्यक्तिगत जीवन में भी कुछ ऐसा काम हो जिन्हें जनता के बीच जाकर गिनाया जा सके। ऐसे व्यक्तित्व को ही लोग नेता के रूप में स्वीकार कर सकते हैं। वर्तमान समय में शंकर अग्रवाल एक ऐसा नाम है जो इन आपसी वाद विवाद से हटकर जनता के बीच अपने जनसेवा के कार्यों को लेकर लगातार पहुंच कर जनहित में कम कर रहे हैं। साथ ही उन्हें पार्टी के शीर्ष नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक एक शालीन समन्वय बनाकर चलने में महारत हासिल है। वर्तमान समय में सभी दल के राजनेता अपना रिपोर्ट कार्ड तैयार करने या सुधारने में लगे हैं। ऐसे में जिस राजनेता की जमीनी पकड़ मजबूत होगी वही बाजी मार ले जाएगा और रायगढ़ विधानसभा चुनाव का जीत का ताज उसी के सर होगा। कांग्रेस नेता शंकरलाल अग्रवाल एक कामयाब बिजनेसमैन के साथ-साथ जिला कांग्रेस कमेटी रायगढ़ ग्रामीण एक सक्रिय चेहरे के तौर पर भी जाने जाते हैं। सीएम भूपेश बघेल के पीसीसी प्रेसिडेंट के कार्यकाल से लेकर अब तक शंकर लाल अग्रवाल लगभग 7 वर्ष से जिला कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। इतना ही नहीं उनके सोशल एक्टिविटी भी लगभग रायगढ़ विधानसभा के सभी गांव और कस्बों में विगत कई वर्षों से संचालित हो रहा है। उनके द्वारा विधानसभा क्षेत्र में कीर्तन सम्मेलन का आयोजन करके ग्रामीण परिवेश एवं सामाजिक संस्कृति को बढ़ावा देने का कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है। साथी रायगढ़ क्षेत्र के कीर्तन कलाकारों को छत्तीसगढ़ शासन में पंजीयन करने के लिए भी प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा उनके द्वारा क्षेत्र में आयोजित विभिन्न सामाजिक धार्मिक एवं राजनीतिक कार्यक्रमों में भी सक्रिय उपस्थिति रहती है। शंकरलाल कई सालों से जनता से जुडक़र उनके समस्याओं का समाधान करते आ रहे हैं। इसके द्वारा स्कूली छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम क्विज कांटेक्ट भी चलाया जा रहा है जिससे सीधे द्वार पर छात्र-छात्राओं को लाभ पहुंच रहा है। फिलहाल शंकरलाल अग्रवाल की जमीनी राजनीति काफी मजबूत है और वह रायगढ़ विधानसभा से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लडऩे को लेकर अपनी तैयारी कर रहे हैं। वर्तमान हालत में शंकरलाल के सपोर्टर और रायगढ़ के कई वरिष्ठ नेता तथा जानकारों का कहना है कि शंकरलाल अग्रवाल 2023 होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए वर्तमान परिस्थिति के हिसाब से एक सशक्त और मजबूत दावेदार है। राजनीतिक जानकारों की का अनुमान है कि शंकर लाल अग्रवाल भाजपा के किसी भी नेता या बड़े चेहरे को रायगढ़ विधानसभा सीट से पटखनी देने का माद्दा रखते हैं। हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक रायगढ़ का माहौल एंटी इनकंबेंसी वाला है जिसका फायदा उठाकर विपक्ष खुद को मजबूत करने में लगा हुआ है। वही सिटिंग एमएलए पार्टी के अंदरूनी सर्वे में खुद की स्थिति कमजोर पाने के बाद अपना डैमेज कंट्रोल करने के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के रुष्ठ पार्टी कार्यकर्ताओं को साधने की जुगाड़ में लगे हुए है। वही इसके साथ शंकर अग्रवाल का शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सोशल एक्टिविटी बढऩे से रायगढ़ विधानसभा की पॉलिटिक्स रोचक होने की संभावना बन गई है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि शंकर लाल के समर्थक बूथ स्तर पर चुनावी तैयारी में जुट गए हैं। उनके राजनीतिक कार्यक्रमों में कई बड़े नेता अब खुल कर मंच साझा करने लगे है। तथा उन्हें विभिन्न समाज का समाजिक समर्थन भी प्राप्त हो रहा है। उनके समर्थक चाहते है इस बार पार्टी शंकरलाल को चुनावी मैदान में कांग्रेस बतौर पार्टी प्रत्याशी के रूप में उतरे। हालांकि राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा । मगर शंकरलाल सत्ता और शासन में मजबूत पकड़ बनाने साथ साथ जमीनी स्तर पर भी खुद की उपस्थिति मजबूत करने में काफी हद तक सफल हुए हैं। शंकर अग्रवाल का निर्विवाद छवि और ग्रामीणों में उपस्थित तथा जनहित में किए गए अनेकों कार्यों का लाभ आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को में मिल सकता है।